"नीनो-डी-कुन्हा": अवतरणों में अंतर
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*नीनो-डी-कुन्हा ने 'सैन्थोमी' ([[चेन्नई]]), 'हुगली' ([[बंगाल]]) तथा 'दीव' ([[काठमाण्डू]]) में पुर्तग़ाली बस्तियों को स्थापित किया। | *नीनो-डी-कुन्हा ने 'सैन्थोमी' ([[चेन्नई]]), 'हुगली' ([[बंगाल]]) तथा 'दीव' ([[काठमाण्डू]]) में पुर्तग़ाली बस्तियों को स्थापित किया। | ||
*भारत में पूर्वी समुद्र तट की ओर पुर्तग़ाली वाणिज्य का विस्तार किया। | *भारत में पूर्वी समुद्र तट की ओर पुर्तग़ाली [[वाणिज्य]] का विस्तार किया। | ||
*उसने 1534 ई. में [[बसीन]] और 1535 में दीव पर अधिकार कर किया। | *उसने 1534 ई. में [[बसीन]] और 1535 में दीव पर अधिकार कर किया। | ||
12:46, 13 अप्रैल 2012 के समय का अवतरण
- अलफ़ांसो-द-अल्बुकर्क के बाद नीनो-डी-कुन्हा अगला पुर्तग़ाली वायसराय बनकर भारत आया।
- 1530 में उसने अपना कार्यालय कोचीन से गोवा स्थानान्तरित करवा लिया।
- उसने गोवा को पुर्तग़ाल राज्य की औपचारिक राजधानी बनाया।
- नीनो-डी-कुन्हा ने 'सैन्थोमी' (चेन्नई), 'हुगली' (बंगाल) तथा 'दीव' (काठमाण्डू) में पुर्तग़ाली बस्तियों को स्थापित किया।
- भारत में पूर्वी समुद्र तट की ओर पुर्तग़ाली वाणिज्य का विस्तार किया।
- उसने 1534 ई. में बसीन और 1535 में दीव पर अधिकार कर किया।
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