"परमेश्वर वर्मन प्रथम": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
छो (Adding category Category:पल्लव साम्राज्य (को हटा दिया गया हैं।)) |
प्रीति चौधरी (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
(एक दूसरे सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
'''परमेश्वर वर्मन प्रथम''' (670-95ई.) [[महेन्द्र वर्मन द्वितीय]] का पुत्र एवं उत्तराधिकारी था। | |||
*उसका संघर्ष सबसे पहले [[चालुक्य वंश|चालुक्य]] नरेश [[विक्रमादित्य प्रथम]] से हुआ, जो [[पुलकेशी द्वितीय]] के समान ही वीर और विजेता था। | *उसका संघर्ष सबसे पहले [[चालुक्य वंश|चालुक्य]] नरेश [[विक्रमादित्य प्रथम]] से हुआ, जो [[पुलकेशी द्वितीय]] के समान ही वीर और विजेता था। | ||
*इस संघर्ष का परिणाम संदेहास्पद है, क्योंकि चालुक्यों के गदवल अभिलेख में विक्रमादित्य की विजय एवं [[पल्लव वंश|पल्लवों]] के कुर्म अभिलेख में परमेश्वर वर्मन प्रथम व ईश्वर पोत की विजय प्रमाणित होती है। | *इस संघर्ष का परिणाम संदेहास्पद है, क्योंकि चालुक्यों के गदवल अभिलेख में विक्रमादित्य की विजय एवं [[पल्लव वंश|पल्लवों]] के कुर्म अभिलेख में परमेश्वर वर्मन प्रथम व ईश्वर पोत की विजय प्रमाणित होती है। | ||
पंक्ति 19: | पंक्ति 19: | ||
}} | }} | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{ | {{पल्लव साम्राज्य}} | ||
[[Category:इतिहास_कोश]] | [[Category:इतिहास_कोश]] | ||
[[Category:पल्लव साम्राज्य]] | [[Category:पल्लव साम्राज्य]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
05:46, 14 अप्रैल 2012 के समय का अवतरण
परमेश्वर वर्मन प्रथम (670-95ई.) महेन्द्र वर्मन द्वितीय का पुत्र एवं उत्तराधिकारी था।
- उसका संघर्ष सबसे पहले चालुक्य नरेश विक्रमादित्य प्रथम से हुआ, जो पुलकेशी द्वितीय के समान ही वीर और विजेता था।
- इस संघर्ष का परिणाम संदेहास्पद है, क्योंकि चालुक्यों के गदवल अभिलेख में विक्रमादित्य की विजय एवं पल्लवों के कुर्म अभिलेख में परमेश्वर वर्मन प्रथम व ईश्वर पोत की विजय प्रमाणित होती है।
- शीघ्र ही परमेश्वर वर्मन प्रथम ने अपनी सैन्यशक्ति को पुनः संगठित कर लिया, और पेरुडनंल्लुर के युद्ध में चालुक्यराज विक्रमादित्य से अपनी पहली पराजय का बदला लिया।
- दोनों ओर के अभिलेखीय साक्ष्यों के अध्ययन के बाद ऐसा प्रतीत होता है कि, चालुक्य-पल्लव संघर्ष में पहले चालुक्यों की और अन्तिम रूप से पल्लवों की विजय हुई।
- परमेश्वर वर्मन प्रथम ने विद्याविनीत उग्रदण्ड, लोकादित्य, चित्रमान, गुणाभाजन, श्रीभर एकमल्ल, रणंजय आदि विरुद धारण किए।
- इसके समय में मामल्लपुर का प्रसिद्ध गणेश मंदिर निर्मित हुआ तथा कूरम के शिव मंदिर का निर्माण हुआ।
- यह परम शैव था। यह बात इसकी परमाहेश्वर की उपाधि से प्रमाणित हो जाती है।
- कूरम के शिव मंदिर का नामकरण इसी के नाम पर विद्या विनीत पल्लव परमेश्वरगहम किया।
|
|
|
|
|