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*रणराग सम्भवतः 520 ई. में [[वातापी कर्नाटक|वातापी]] के राज्यसिंहासन पर बैठा।  
*गदा युद्ध में कुशल होने के कारण उसने 'रण रागसिंह' की उपाधि धारण की थी।
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06:17, 14 अप्रैल 2012 के समय का अवतरण

रणराग, वातापी के चालुक्य नरेश जयसिंह का पुत्र एवं उत्तराधिकारी था।

  • रणराग सम्भवतः 520 ई. में वातापी के राज्यसिंहासन पर बैठा।
  • गदा युद्ध में कुशल होने के कारण उसने 'रण रागसिंह' की उपाधि धारण की थी।



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