"मल्लिकार्जुन": अवतरणों में अंतर
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*मल्लिकार्जुन को ‘प्रौढ़ देवराय’ के नाम से भी जाना जाता था। | *मल्लिकार्जुन को ‘प्रौढ़ देवराय’ के नाम से भी जाना जाता था। | ||
*मल्लिकार्जुन अपने राज्य के सामंतों को अपने वश में रखने में असफल रहा था। | *मल्लिकार्जुन अपने राज्य के सामंतों को अपने वश में रखने में असफल रहा था। | ||
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*प्रौढ़ देवराय को उड़ीसा के गजपति शासकों ने बुरी तरह से पराजित किया था। | *प्रौढ़ देवराय को उड़ीसा के गजपति शासकों ने बुरी तरह से पराजित किया था। | ||
*कुछ समय के बाद चन्द्रगिरि के नरसिंह सालुव ने उसका सिंहासन उससे छीन लिया। | *कुछ समय के बाद चन्द्रगिरि के नरसिंह सालुव ने उसका सिंहासन उससे छीन लिया। |
07:24, 15 जून 2012 के समय का अवतरण
- देवराय द्वितीय के बाद उसका उसका पुत्र मल्लिकार्जुन (1446-1465 ई.) विजयनगर साम्राज्य का स्वामी बना।
- मल्लिकार्जुन को ‘प्रौढ़ देवराय’ के नाम से भी जाना जाता था।
- मल्लिकार्जुन अपने राज्य के सामंतों को अपने वश में रखने में असफल रहा था।
- उसके समय में उड़ीसा एवं बहमनी के आक्रमण में उड़ीसा ने कोंडबिंदु एवं उदयगिरि के क़िले पर अधिकार कर लिया।
- प्रौढ़ देवराय को उड़ीसा के गजपति शासकों ने बुरी तरह से पराजित किया था।
- कुछ समय के बाद चन्द्रगिरि के नरसिंह सालुव ने उसका सिंहासन उससे छीन लिया।
- नरसिंह सालुव, मल्लिकार्जुन का सामंत था।
- हार के इस अपमान को न सह पाने के कारण 1465 ई. में उसकी मृत्यु हो गई।
- चीनी यात्री माहुआन ने मल्लिकार्जुन के समय विजयनगर की यात्रा की थी।
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