|
|
(6 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 32 अवतरण नहीं दर्शाए गए) |
पंक्ति 1: |
पंक्ति 1: |
| {| class="bharattable-green" width="100%"
| |
| |-
| |
| | valign="top"|
| |
| {| width="100%"
| |
| |
| |
| <quiz display=simple>
| |
| {[[अशोक]] बिन्दुसार मौर्य (राजकाल ईसापूर्व 269-232) प्राचीन [[भारत]] में [[मौर्य राजवंश]] का राजा था।
| |
| |type="()"}
| |
| + सही
| |
| - ग़लत
| |
| || [[चित्र:Ashoka.jpg|right|50px|अशोक]] अशोक का 'देवनाम प्रिय' एवं 'प्रियदर्शी' आदि नामों से भी उल्लेख किया जाता है। उसके समय मौर्य राज्य उत्तर में [[हिन्दुकुश]] की श्रेणियों से लेकर दक्षिण में [[गोदावरी नदी]] के दक्षिण तथा [[मैसूर]] ([[कर्नाटक]]) तक तथा पूर्व में [[अखण्डित बंगाल|बंगाल]] से पश्चिम में [[अफ़ग़ानिस्तान]] तक पहुँच गया था। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[अशोक]]
| |
|
| |
|
| {[[ह्वेन त्सांग]] ने [[भारत]] की 12 वर्ष यात्रा की और वापस [[चीन]] चले गया।
| |
| |type="()"}
| |
| - सही
| |
| + ग़लत
| |
| || [[चित्र:Xuanzang.jpg|right|50px|ह्वेन त्सांग]] ह्वेन त्सांग ने भारत की सत्रह वर्ष यात्रा की और वापस चीन गया, और अपनी आत्मकथा और अन्य पुस्तकों में यहाँ के ब्यौरे दिये हैं, जो काफ़ी रोचक, और ऐतिहासिक दृष्टि से शिक्षाप्रद है। इसके कई नाम प्रचलित हैं, जो कि चीन के अलग अलग प्रांतों की बोली के अनुसार हैं। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[ह्वेन त्सांग]]
| |
|
| |
| {[[भारत]] का संविधान बनाने के लिए एक भारतीय संविधान सभा का आयोजन किया गया।
| |
| |type="()"}
| |
| + सही
| |
| - ग़लत
| |
| || भारत का संविधान बनाने के लिए एक भारतीय संविधान सभा का आयोजन किया गया। 1947 ई. के शुरू में लॉर्ड वेवेल के स्थान पर लॉर्ड माउंटबेटेन वाइसराय नियुक्त हुआ। उसे पंजाब में भयानक सम्प्रदायिक दंगों का सामना करना पड़ा। जिनको भड़काने में वहाँ के कुछ ब्रिटिश अफसरों का हाथ था। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[भारत का इतिहास]]
| |
|
| |
| {[[बलूचिस्तान]] [[भारत]] का पश्चिमी प्रांत है।
| |
| |type="()"}
| |
| - सही
| |
| + ग़लत
| |
| || बलूचिस्तान [[पाकिस्तान]] का पश्चिमी प्रांत है। बलूचिस्तान नाम का क्षेत्र बड़ा है और यह [[ईरान]] (सिस्तान व बलूचिस्तान प्रांत) तथा [[अफ़ग़ानिस्तान]] के सटे हुए क्षेत्रों में बँटा हुआ है। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[बलूचिस्तान]]
| |
|
| |
| {[[महात्मा गाँधी]] को ब्रिटिश शासन के ख़िलाफ़ भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का नेता और '''राष्ट्रपिता''' माना जाता है।
| |
| |type="()"}
| |
| + सही
| |
| - ग़लत
| |
| || [[चित्र:Mahatma-Gandhi-2.jpg|right|50px|महात्मा गाँधी]] महात्मा गाँधी (2 अक्तूबर, 1869 - 30 जनवरी, 1948) को ब्रिटिश शासन के ख़िलाफ़ भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का नेता और राष्ट्रपिता माना जाता है। इनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी था। राजनीतिक और सामाजिक प्रगति की प्राप्ति हेतु अपने अहिंसक विरोध के सिद्धांत के लिए उन्हें अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हुई। मोहनदास करमचंद गांधी भारत एवं भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख राजनीतिक एवं आध्यात्मिक नेता थे। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[महात्मा गाँधी]]
| |
|
| |
| {[[चामुंडेश्वरी मंदिर]] की इमारत सात मंजिला है जिसकी कुल ऊंचाई 40 मीटर है।
| |
| |type="()"}
| |
| + सही
| |
| - ग़लत
| |
| || [[चित्र:Chamundi-Hill.jpg|right|50px|चामुंडेश्वरी मंदिर]] [[मैसूर]] से 13 किलोमिटर दक्षिण में स्थित चामुंडा पहाड़ी मैसूर का एक प्रमुख पर्यटक स्थल है। इस पहाड़ी की चोटी पर चामुंडेश्वरी मंदिर है जो देवी दुर्गा को समर्पित है।
| |
| </quiz>
| |
| |}
| |
| |}
| |