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| {{सूचना बक्सा कलाकार
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| |चित्र=Gangubai-Hangal.jpg
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| |चित्र का नाम=गंगूबाई हंगल
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| |पूरा नाम=
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| |प्रसिद्ध नाम=गंगूबाई हंगल
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| |अन्य नाम=
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| |जन्म=[[5 मार्च]] [[1913]]
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| |जन्म भूमि=[[धारवाड़ ज़िला|धारवाड़]], [[कर्नाटक]]
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| |मृत्यु=[[21 जुलाई]] [[2009]]
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| |मृत्यु स्थान=
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| |अविभावक=चिक्कुराव नादिगर, अम्बाबाई
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| |पति/पत्नी=गुरुराव कौलगी
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| |संतान=2 सुपुत्र और 1 सुपुत्री
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| |कर्म भूमि=
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| |कर्म-क्षेत्र=शास्त्रीय गायन
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| |मुख्य रचनाएँ=
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| |मुख्य फ़िल्में=
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| |विषय=शास्त्रीय संगीत
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| |शिक्षा=
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| |विद्यालय=
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| |पुरस्कार-उपाधि=कर्नाटक संगीत नृत्य अकादमी पुरस्कार, [[पद्मभूषण]], संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, संगीत नाटक अकादमी की सदस्यता, दीनानाथ प्रतिष्ठान, मणिक रत्न पुरस्कार, [[पद्मविभूषण]]
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| |प्रसिद्धि=भैरव, असावरी, तोड़ी, भीमपलासी, पुरिया, धनश्री, मारवा, केदार और चंद्रकौंस रागों की गायकी के लिये सबसे अधिक वाहवाही मिली।
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| |विशेष योगदान=
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| |नागरिकता=भारतीय
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| |संबंधित लेख=
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| |शीर्षक 1=
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| |पाठ 1=
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| |शीर्षक 2=
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| |पाठ 2=
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| |अन्य जानकारी=[[1945]] के पश्चात उन्होंने उप-शास्त्रीय शैली में गाना बंद कर केवल शुद्ध शास्त्रीय शैली में [[राग|रागों]] को ही गाना जारी रखा।
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| |बाहरी कड़ियाँ=
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| |अद्यतन=
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