"कुमारपाल चरित": अवतरणों में अंतर

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07:26, 27 जुलाई 2012 के समय का अवतरण

  • लगभग 1089-1173 ई. के बीच इस ग्रंथ की रचना हेमचन्द्र ने की थी।
  • 20 सर्गो में विभाजित इस ग्रंथ से गुजरात के चालुक्यवंशीय शासकों के विस्तृत इतिहास की जानकारी मिलती है।
  • बीस सर्गो में प्रथम बारह सर्ग संस्कृत भाषा में एवं अन्तिम आठ सर्ग प्राकृत भाषा में लिखे गये हैं।
  • इस ग्रंथ को द्वयाश्रय भी कहा जाता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ


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