"अनुभूति -सुमित्रानंदन पंत": अवतरणों में अंतर
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|मृत्यु=[[28 दिसंबर]], 1977 | |मृत्यु=[[28 दिसंबर]], 1977 | ||
|मृत्यु स्थान=[[प्रयाग]], [[उत्तर प्रदेश]] | |मृत्यु स्थान=[[प्रयाग]], [[उत्तर प्रदेश]] | ||
|मुख्य रचनाएँ=वीणा, पल्लव, चिदंबरा, युगवाणी, लोकायतन, हार, आत्मकथात्मक संस्मरण- साठ वर्ष, युगपथ, स्वर्णकिरण, कला और बूढ़ा चाँद आदि | |मुख्य रचनाएँ=[[वीणा -सुमित्रानन्दन पंत|वीणा]], [[पल्लव -सुमित्रानन्दन पंत|पल्लव]], चिदंबरा, [[युगवाणी -सुमित्रानन्दन पंत|युगवाणी]], [[लोकायतन -सुमित्रानन्दन पंत|लोकायतन]], हार, आत्मकथात्मक संस्मरण- साठ वर्ष, [[युगपथ -सुमित्रानन्दन पंत|युगपथ]], [[स्वर्णकिरण -सुमित्रानन्दन पंत|स्वर्णकिरण]], कला और बूढ़ा चाँद आदि | ||
|यू-ट्यूब लिंक= | |यू-ट्यूब लिंक= | ||
|शीर्षक 1= | |शीर्षक 1= | ||
पंक्ति 38: | पंक्ति 38: | ||
सांसों में थमता स्पंदन-क्रम, | सांसों में थमता स्पंदन-क्रम, | ||
तुम आती हो, | तुम आती हो, | ||
अंत:स्थल में | |||
शोभा ज्वाला लिपटाती हो। | शोभा ज्वाला लिपटाती हो। | ||
पंक्ति 44: | पंक्ति 44: | ||
कह पाते मर्म-कथा न वचन, | कह पाते मर्म-कथा न वचन, | ||
तुम आती हो, | तुम आती हो, | ||
तंद्रिल मन में | तंद्रिल मन में, | ||
स्वप्नों के मुकुल खिलाती हो। | स्वप्नों के मुकुल खिलाती हो। | ||
पंक्ति 50: | पंक्ति 50: | ||
अवसाद मुखर रस का निर्झर, | अवसाद मुखर रस का निर्झर, | ||
तुम आती हो, | तुम आती हो, | ||
आनंद-शिखर | आनंद-शिखर, | ||
प्राणों में ज्वार उठाती हो। | प्राणों में ज्वार उठाती हो। | ||
पंक्ति 56: | पंक्ति 56: | ||
स्वर्गिक प्रतीति में ढलता श्रम | स्वर्गिक प्रतीति में ढलता श्रम | ||
तुम आती हो, | तुम आती हो, | ||
जीवन-पथ पर | जीवन-पथ पर, | ||
सौंदर्य- | सौंदर्य-रस बरसाती हो। | ||
जगता छाया-वन में मर्मर, | जगता छाया-वन में मर्मर, | ||
कंप उठती | कंप उठती रुद्ध स्पृहा थर-थर, | ||
तुम आती हो, | तुम आती हो, | ||
उर तंत्री में | उर तंत्री में, | ||
स्वर मधुर व्यथा भर जाती हो। | स्वर मधुर व्यथा भर जाती हो। | ||
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06:40, 14 सितम्बर 2012 के समय का अवतरण
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तुम आती हो, |
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