"सरफ़रोशी की तमन्ना": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - " जोर " to " ज़ोर ") |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) छो (सरफरोशी की तमन्ना का नाम बदलकर सरफ़रोशी की तमन्ना कर दिया गया है) |
||
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{ | {| class="bharattable-pink" align="right" | ||
|+ संक्षिप्त परिचय | |||
|- | |||
| | |||
* फ़िल्म : शहीद (1965) | |||
* संगीतकार : प्रेम धवन | |||
* गायक : [[रफ़ी मुहम्मद|मो. रफ़ी]], [[मन्ना डे]], राजेन्द्र मेहता | |||
* रचनाकार : [[राम प्रसाद बिस्मिल]] | |||
|} | |||
{{Poemopen}} | {{Poemopen}} | ||
<poem> | <poem> | ||
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, | |||
देखना है ज़ोर कितना | देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-कातिल में है। | ||
करता नहीं क्यों दूसरा कुछ बातचीत, | करता नहीं क्यों दूसरा कुछ बातचीत, | ||
देखता हूँ मैं जिसे वो चुप तेरी महफिल मैं | देखता हूँ मैं जिसे वो चुप तेरी महफिल मैं है। | ||
यों खड़ा मक़्तल में | यों खड़ा मक़्तल में क़ातिल कह रहा है बार-बार | ||
क्या तमन्ना-ए-शहादत भी किसी के दिल में | क्या तमन्ना-ए-शहादत भी किसी के दिल में है। | ||
ऐ शहीदे-मुल्को-मिल्लत मैं तेरे ऊपर निसार | ऐ शहीदे-मुल्को-मिल्लत मैं तेरे ऊपर निसार | ||
अब तेरी हिम्मत का चर्चा ग़ैर की महफिल में | अब तेरी हिम्मत का चर्चा ग़ैर की महफिल में है। | ||
वक्त आने दे बता देंगे तुझे ऐ आसमां, | वक्त आने दे बता देंगे तुझे ऐ आसमां, | ||
हम अभी से क्या बतायें क्या हमारे दिल में | हम अभी से क्या बतायें क्या हमारे दिल में है। | ||
खींच कर लाई है सब को कत्ल होने की उम्मीद, | खींच कर लाई है सब को कत्ल होने की उम्मीद, | ||
आशिक़ों का आज जमघट कूचा-ऐ-क़ातिल में है। | |||
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, | |||
देखना है ज़ोर कितना | देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-क़ातिल में है। | ||
</poem> | </poem> | ||
{{Poemclose}} | {{Poemclose}} | ||
पंक्ति 34: | पंक्ति 37: | ||
<references/> | <references/> | ||
==बाहरी कड़ियाँ== | ==बाहरी कड़ियाँ== | ||
*[http://www.youtube.com/watch?v=bwuXM31XjPE सरफ़रोशी की तमन्ना (शहीद (1965)) यू-ट्यूब लिंक़] | |||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{देश भक्ति गीत}} | {{देश भक्ति गीत}} |
06:41, 5 नवम्बर 2012 के समय का अवतरण
|
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख