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(सीखना)
 
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सीखना
==स्वागत!==
व्यक्ति हर दिन किसी ना किसी से कुछ सीख सकता है,व्यक्ति किसी से भी सीख सीखता है ,उम्र,पद और अनुभव ही पैमाना नहीं होता है
डॉ. राजेंद्र तेला जी<br />
व्यक्तित्व में सुधार की कोई सीमा नहीं होती ,जब भी कोई यह समझ लेता है,उसे सब आता है या उसे सब आ गया है,अहम् मन में घर कर जाता है ,उसके व्यक्तित्व का विकास रुक जाता है और आगे बढ़ने के स्थान पर वह पीछे  लौटने लगता है  
भारतकोश पर आपका स्वागत है! यह पृष्ठ आपसे वार्ता करने हेतु है अत: इसका यही प्रयोग होना चाहिये। यदि भारतकोश पर सम्पादन संबंधी कोई समस्या हो तो आप [[सदस्य वार्ता:गोविन्द राम|मेरे वार्ता पन्ने]] पर लिखें [[चित्र:nib4.png|35px|top|link=User:गोविन्द राम]]<span class="sign">[[User:गोविन्द राम|गोविन्द राम]] - <small>[[सदस्य वार्ता:गोविन्द राम|वार्ता]]</small></span>  16:59, 20 नवम्बर 2012 (IST)
सीखने के लिए ह्रदय और मस्तिष्क के द्वार खुले रहने चाहिए,यह आवश्यक नहीं है कि आप किसी की बात से सहमत हों सामने वाले की बात को ध्यान से सुनना चाहिए .
डा.राजेंद्र तेला"निरंतर"[[Category:सीखना]]

07:13, 22 नवम्बर 2012 के समय का अवतरण

स्वागत!

डॉ. राजेंद्र तेला जी
भारतकोश पर आपका स्वागत है! यह पृष्ठ आपसे वार्ता करने हेतु है अत: इसका यही प्रयोग होना चाहिये। यदि भारतकोश पर सम्पादन संबंधी कोई समस्या हो तो आप मेरे वार्ता पन्ने पर लिखें गोविन्द राम - वार्ता 16:59, 20 नवम्बर 2012 (IST)