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{{सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी}}
बंदा सिहं बहादुर
{{अर्थशास्त्र सामान्य ज्ञान}}
{| class="bharattable-green" width="100%"
|-
| valign="top"|
{| width="100%"
|
<quiz display=simple>
{[[भारत]] के विदेशी ऋण में निम्नलिखित में से कौनसा घटक सबसे बड़ा है?
|type="()"}
+ वाणिज्यिक उधार
- अप्रवासी भारतीयों की जमाएँ
- बहुपक्षीय ऋण
- द्विपक्षीय ऋण


{सांख्यिकीय आशंकाओं के उत्पन्न होने के कारण है?
लछमन दास, लछमन देव या माधो दास भी कहलाते हैं (ज़ – 1670, रजौरी, भारत; मृ-जून 1716, दिल्ली ) भारत के मुग़ल शासकों के ख़िलाफ़ युद्ध छेड़ने वाले पहले सिक्ख सैन्य प्रमुख, जिन्होंने सिक्खों के राज्य का अस्थायी विस्तार भी किया।
|type="()"}
युवावस्था में उन्होंने पहले समन (योगी) बनने का निश्चय किया और 1708 में गुरु गोबिंद सिंह का शिष्य बनने तक वह माधो दास के नाम से जाने जाते रहे। सिक्ख बिरादरी में शामिल होने के बाद उनका नाम बंदा सिंह बहादुर हो गया और वह लोकप्रिय तो नहीं, सम्मानित सेनानी अवश्य बन गए, उनके तटस्थ, ठंडे और अवैयक्तिक स्व्भाव ने उन्हें उनके लोगों के बीच लोकप्रिय नहीं बनने दिया।
- सांख्यिकी की प्रकृति
बंदा सिंह ने 1709 में मुग़लों पर हमला करके बहुत बड़े क्षेत्र पर क़ब्ज़ा कर लिया। दक्कन क्षेत्र में उनके द्वारा लूटमार और क़त्लेआम से मुग़लों को उन पर पूरी ताकत से हमला करना पड़ा। 1715 में आठ महीनों की घेरेबंदी के बाद मुग़लों ने क़िलेबंद शहर गुरुदास नांगल पर क़ब्ज़ा कर लिया। बंदा सिंह और उनके साथियों को कैद करके दिल्ली ले जाया गया, जहां जहां छह महीने तक हर दिन उनके कुछ लोगों को मौत की सज़ा दी जाती रही। जब उनकी बारी आई, तो बंदा सिंह ने मुसलमान न्यायाधीश से कहा कि उनका यही हाल होना था, क्योंकि अपने प्यारे गुरु गोबिंद सिंह की इच्छाओं को पूरा करने में वह नाक़ाम रहे। उन्हें लाल गर्म लोहे की छड़ों से यातना देकर मार डाला गया।
- सांख्यिकी का सीमित विषय क्षेत्र
- सांख्यिकी के अपर्याप्त उपकरण
+ सांख्यिकी का दुरुपयोग


{निम्नलिखित सूचकांक द्वारा चक्रीय परीक्षण संतुष्ट होता है?
|type="()"}
- लैस्पियरे का सूचकांक
- पाश्चे का सूचकांक
- फिशर का सूचकांक
+ केली का सूचकांक


बंगाल की एशियाटिक सोसाइटी


{टोबिन कर का सम्बन्ध है?
ब्रिटिश अधिवक्ता एवं प्राच्यविद सर विलियम जोन्स द्वारा 15 जनवरी 1784 को प्राच्य विद्याध्ययन को प्रोत्साहन देने के लिये गठित सभा।
|type="()"}
संस्थापना दिवस के उपलक्ष्य में जोन्स ने अपने प्रसिध्द अभिभाषणों की श्रृंखला का पहला भाषण दिया।
+ काले धन के लेन देन
इस सभा को तत्कालीन बंगाल के प्रथम गवर्नर-जनरल ( 1772-95 ) वॉरेन हेस्टिग्ज़ का सहयोग और प्रोत्साहन मिला। जोन्स की मृत्यु ( 1794 ) तक यह सभा हिंदू संस्कृति तथा ज्ञान के महत्त्व व आर्य भाषाओं में संस्कृत की अहम भूमिका जैसे उनके विचारों की संवाहक थी।
- वस्तु लेन देन
- सेवा लेन देन
- विदेशी मुद्रा लेन देन


{[[अर्थशास्त्र]] में 'स्थैतिक' तथा 'प्रावैगिक' शब्दों का प्रयोग सर्वप्रथम किया था?
|type="()"}
- माल्थस
+ मिल
- मार्शल
- वालरा


{एक महानगर का तात्पर्य एक ऐसे शहर से है जिसकी जनसंख्या का आकार हो?
बरारी घाटी का युद्ध
|type="()"}
+ 10 लाख से अधिक
- 15 लाख से अधिक
- 20 लाख से अधिक
- 25 लाख से अधिक


{पाँचवीं आर्थिक जनगणना के अनुसार [[भारत]] में औद्योगिक इकाइयों की सर्वाधिक संख्या निम्नलिखित राज्य में है?
|type="()"}
- [[महाराष्ट्र]]
- [[गुजरात]]
- [[आन्ध्र प्रदेश]]
+ [[तमिलनाडु]]


{'आदर्श उत्पादन' की संकल्पना को किसने आर्थिक कल्याण का सूचक माना जाता है?
(9 जन॰ 1760), भारतीय इतिहास में पतन की ओर अग्रसर मुग़ल साम्राज्य पर नियंत्रण के लिए मराठों पर की गई अफ़ग़ान विजयों में से एक, जिसने अंग्रजों को बंगाल में पैर जमाने का समय दे दिया। दिल्ली से 16 किमी उत्तर में यमुना नदी के बरारी घाट (नौका घाट ) पर पंजाब से अहमद शाह दुर्रानी की अफ़ग़ान सेना से पीछे हट रहे मराठा सरदार दत्ताजी सिंधिया पर ऊंचे उगे सरकंडों की आड़ में छिपे अफ़गान सिपाहियों ने नदी पार करके अचानक हमला कर दिया। दत्ताजी मारे गए और उनकी सेना तितर-बितर हो गई। उनकी पराजय से दिल्ली पर अफ़ग़ानों के अधिकार का मार्ग प्रशस्त हो गया।
|type="()"}
- हिक्स
- पैरेटो
+ पीगू
- केल्डॉर


{आँकड़ों को प्रतीक चित्र द्वारा प्रस्तुत करने की विधि विकसित की?
|type="()"}
- क्रॉक्सटन तथा कॉउडन
- जॉनसन तथा जैक्सन
+ ऑटो नर्थ
- होरस सेक्रीस्ट


{राष्ट्रीय मानकीकरण प्रशिक्षण संस्थान निम्नलिखित स्थान में स्थित है?
बर्द्धमान ज़िला
|type="()"}
- [[हैदराबाद]]
+ [[नागपुर]]
- [[चण्डीगढ़]]
- नोएडा


{नाबार्ड है, एक?
बर्द्धमान ज़िला दो अलग क्षेत्रों में बंटा है। पूर्वी भाग एक निम्न जलोढ़ मैदान है, जो सघन जनसंख्यायुक्त और पानी से भरा व दलदली रहता है। पूर्व की प्रमुख फ़सलें चावल, मक्का, दलहन और तिलहन हैं। पश्चिमी क्षेत्र बंगाल के सर्वाधिक व्यस्त औधोगिक क्षेत्रों में से एक है, यहां रानीगंज के बढ़िया कोयला भंडार और पड़ोसी क्षेत्रों में कच्चा लोहा और दूसरे खनिज़ उपलब्ध हैं। दामोदर नदी तट पर विकसित दुर्गापुर और आसनसोल के औद्योगिक नगर व कुछ और नगर, जिन्हें सामुहिक तौर पर दुर्गापुर औद्योगिक पट्टी के नाम से जाना जाता है, कोलकाता के बाद बंगाल का सबसे महत्त्वपूर्ण औद्योगिक क्षेत्र हैं। इस ज़िले में बर्द्धमान विश्वविद्यालय से संबद्ध एक इंजीनियरिंग कॉलेज और अनेक महाविद्यालय हैं। दामोदर घाटी निगम सिंचाई, औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति और बाढ़ नियंत्रण का काम करता है। पूर्व की प्रमुख फ़सलें चावल, मक्का, दलहन और तिलहन हैं। जनसंख्या (2001) शहर 2,85,871; ज़िला कुल 69,19,698।
|type="()"}
- वाणिज्यिक बैंक
- अग्रणी बैंक
+ पुनर्वित बैंक
- सहकारी बैंक


{लागत योग सिद्धांत सम्बन्धित है?
|type="()"}
- उत्पादन सिद्धांत
- मूल्य सिद्धांत
- सीमान्त उपयोगिता सिद्धांत
+ वितरण सिद्धांत


{निम्नलिखित में से कौनसी एक निष्पंद स्फीति की विशेषता नहीं है?
|type="()"}
- उच्च आगम लागत
+ समग्र माँग का आधिक्य
- उच्च कीमत स्तर
- उच्च बेरोजगारी स्तर


{हेयक का व्यापार चक्र सिद्धांत सम्बन्धित है?
बरौनी
|type="()"}
+ अधि विनियोग पर
- कीमतों के उच्चावचनों पर
- गुणक तथा त्वरक की अंतःक्रिया पर
- बचत तथा विनियोग की अंतःक्रिया पर


{ब्याज की 'प्राकृतिक दर' तथा 'बाजार दर' के मध्य अंतर किया गया है?
|type="()"}
- राबर्टसन
- कीन्स
- फिशर
+ विकसेल


{निम्नलिखित में से कौनसा माँग का 'विवर्तक कारक' नहीं है?
|type="()"}
- आय
+ कीमत
- फैशन
- अभिरुचि


{[[मार्च]] [[2009]] के अंत में [[भारत]] के कुल विदेशी मुद्रा भण्डार का आकार था?
बसव
|type="()"}
- लगभग $ 150 बिलियन
- लगभग $ 200 बिलियन
+ लगभग $ 250 बिलियन
- लगभग $ 300 बिलियन


{'दोपहर का भोजन' नामक कार्यक्रम निम्नलिखित मंत्रालय के अंतर्गत संचालित होता है?
12वीं शताब्दी के धार्मिक सुधारक, उपदेशक, धर्म मीमांसक और चालुक्य राजा बिज्जला I (शासनकाल, 1156-67) के राजसी कोषागार के प्रबंधक, बसव हिंदू वीरशैव (लिंगायत) मत के पवित्र ग्रंथों में से एक, बसव पुराण के रचयिता हैं। परंपरा के अनुसार, वह वीरशैव के वास्तविक संस्थापक थे, परंतु चालुक्य अभिलेखों से पता चलता है कि उन्होंने वास्तव में पहले से मौजूद मत को पुनर्जीवित किया।
|type="()"}
बसव ने वीरशैव संस्थाओं को सहायता देकर और वीरशैव मत की शिक्षा देकर प्रचार में सहायता दी थी। उनके चाचा प्रधानमंत्री थे और उन्होंने बसव को कोषागार प्रमुख के रूप में नियुक्त किया था। कई वर्ष तक उनके गुट को काफ़ी लोकप्रियता मिली, परंतु दरबार में अन्य गुट उनकी शक्तियों और उनकी शह में वीरशैल मत के प्रसार से क्षुब्ध थे। उनके द्वारा लगाए गए आरोपों के कारण वह राज्य छोड़ कर चले गए और शीघ्र ही उनकी मृत्यु हो गई। भगवान शिव की स्तुति में उनके रचित भजनों से उन्हें कन्नड़ साहित्य में प्रमुख स्थान तथा हिंदू भक्ति साहित्य में भी स्थान मिला।
+ मानव संसाधन विकास
- स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण
- सामाजिक न्याय तथा सशक्तीकरण
- उपभोक्ता मामले, खाद्य तथा सार्वजनिक




{वर्ष [[2008]] में भारतीय स्टेट बैंक द्वारा अपने किस सहायक बैंक का अधिगृहण कर लिया गया?
बाउल
|type="()"}
- स्टेट बैंक ऑफ़ ट्रावनकोर
- स्टेट बैंक ऑफ़ हैदराबाद
- स्टेट बैंक ऑफ़ मैसूर
+ स्टेट बैंक ऑफ़ सौराष्ट्र


{संघीय बजट में 'प्राथमिक घाटा' शब्द का अर्थ है?
|type="()"}
- राजस्व घाटा - ब्याज भुगतान
+ राजकोषीय घाटा - ब्याज भुगतान
- राजस्व घाटा - राजस्व प्राप्तियाँ
- कुल व्यय- कुल उधार


{काले धन को बाहर निकालने के लिए [[भारत]] में 1000 रुपये के करेंसी नोटों का विमुद्रीकरण किस वर्ष किया गया था?
बंगाल के धार्मिक गायकों के एक संप्रदाय के सदस्य, जो अपने अपारंपरित व्यवहार तथा रहस्यात्मक गीतों की सहजता एवं उन्मुक्तता के लिए जाने जाते है। इनके हिंदू ( मूल रूप से वैष्णव ) और मुसलमान ( आमतौर पर सूफ़ी ), दोनों है। इनके गीत अक्सर मनुष्य एवं उसके भीतर बसे इष्टदेव के बीच प्रेम से संबंधित होते हैं। इस संप्रदाय के विकास के बारे में बहुत कम जानकारी है, क्योंकि इनके गीतों का संकलन एवं लेखन 20 वीं सदी में ही शुरू हुआ। रबींद्रनाथ ठाकुर उन कई बांग्ला लेखकों में से एक थे, जिन्होंने बाउल गीतों से प्रेरणा लिए जाने की बात स्वीकार की।
|type="()"}
- [[1968]]
+ [[1978]]
- [[1988]]
- [[1998]]


{[[भारत]] में अग्रणी बैंक योजना की शुरुआत निम्नलिखित की अनुशंसा पर की गई थी?
|type="()"}
- एम. नरसिम्हम
+ एफ. के. एफ. नरीमन
- डी. टी. लकड़ावाला
- वी. एम. दाण्डेकर


{उद्यमों की चिरकालिक अतिरिक्त उत्पादन क्षमता होती है?
दास
|type="()"}
- द्वयाधिकार
- अल्पाधिकार
- शुद्ध प्रतियोगिता
+ एकाधिकारात्मक प्रतियोगिता


{निम्नलिखित में से कौनसा फलन कैल्डॉर के संवृद्धि मॉडल का घटक नहीं है?
|type="()"}
- रोजगार फलन
+ तकनीकी प्रगति फलन
- बचत फलन
- निवेश फलन


{वालरा का नियम यह बताता है कि मुद्रा, बॉण्ड तथा वर्तमान उत्पादन के माँग आधिक्य का योग अवश्य होना चाहिए?
|type="()"}
- शून्य से कम
+ शून्य के बराबर
- एक के बराबर
- शून्य से अधिक


{एक इकाई लोचदार माँग वक्र के लिए जब कीमत में वृद्धि होती है, तो उपभोक्ता द्वारा उस वस्तु पर किया जाने वाला व्यय-
दस्यु भी कहा जाता है, भारत में आदिम समुदाय के लोग, जिनका यहां आ कर बसने वाले आर्यों के साथ टकराव हुआ, 1500 ई॰पू॰ में आर्यों ने इनका काली चमड़ी वाले, कटु भाषी लोगों के रूप में वर्णन किया है, जो लिंग की पूजा करते थे। इस प्रकार कई विद्वानों की यह धारणा बनी कि हिंदुओं के धार्मिक प्रतीक लिंगम की पूजा की यहां से शुरुआत हुई, हांलांकि हो सकता है कि इसका संबंध उनकी यौन क्रियाओं से रहा हो। वे क़िलेबंद स्थानों पर रहते थे जहां से वे अपनी सेनाएं भेजते थे। वे संभवत: मूल शूद्र या श्रमिक रहे होंगे, जो तीनों उच्च वर्गों, ब्राह्मणों (पुरोहित), क्षत्रियों (योध्दाओं) और वैश्यों ( व्यापारियों) की सेवा करते थे और जिन्हें उनके धार्मिक अनुष्ठानों से अलग रखा गया था।
|type="()"}
- घट जाता है
- बढ़ जाता है
+ अपरिवर्तित रहता है
- शून्य हो जाता है
 
{कीन्स द्वारा प्रयुक्त शब्द 'वर्षा दिवस' का सम्बन्ध निम्नलिखित से है-
|type="()"}
- प्रभावपूर्ण माँग
+ पूर्वोपाय माँग
- निवेश गुणक
- मुद्रास्फीतिक अंतराल
 
{[[2001]] की जनगणना के अनुसार नगरीय मलिन बस्तियों में रहने वाले लोगों की संख्या थी?
|type="()"}
- 1 करोड़
- 2 करोड़
- 3 करोड़
+ 4 करोड़
 
{[[भारत]] में CENVAT नामक कर का सम्बन्ध निम्नलिखित से है?
|type="()"}
- केन्द्रीय बिक्रीकर
+ संघ उत्पाद शुल्क
- निगम कर
- सीमा शुल्क
 
{कीमत तथा मात्रा दोनों अनिर्धार्य होते हैं?
|type="()"}
- शुद्ध प्रतियोगिता
- पूर्ण प्रतियोगिता
- एकाधिकार
+ द्विपक्षीय एकाधिकार
 
{वरीयता वस्तुओं की संकल्पना सर्वप्रथम दी गई?
|type="()"}
- बुकानन द्वारा
+ मसग्रेव द्वारा
- सैम्युलसन द्वारा
- टाइबोट द्वारा
 
{बालश्रम (प्रतिबंध एवं विनियमन) अधिनियम [[1986]] के अंतर्गत किस आयु के नीचे के बच्चों को रोजगार में लगाया जाना निषिद्ध है?
|type="()"}
- 10 वर्ष
- 12 वर्ष
+ 14 वर्ष
- 16 वर्ष
 
{वाणिज्यिक बैंकों की प्रमुख उधारी दर का निर्धारण किया जाता है?
|type="()"}
- भारतीय रिजर्व बैंक
+ स्वयं वाणिज्यिक बैंक
- भारतीय स्टेट बैंक
- वित्त मंत्रालय
 
{K-कारक विश्लेषण का सम्बन्ध है?
|type="()"}
- आर्थिक संवृद्धि की दर
- विदेशी व्यापार की प्रवृत्तियाँ
+ मृत्यु के कारण
- अवस्थापना सुविधा
 
{शुद्ध ब्याज होता है?
|type="()"}
- समग्र ब्याज के बराबर
- समग्र ब्याज के कम
- समग्र ब्याज के अधिक
+ समग्र ब्याज के असम्बन्धित
 
{विश्व बैंक द्वारा प्रकाशित विश्व विकास रिपोर्ट [[2009]] की केन्द्रीय विषयवस्तु है?
|type="()"}
- विकास के लिए कृषि
+ विकास तथा अगली पीढ़ी
- सभी के लिए एक श्रेष्ठतर निवेश स्थिति
- आर्थिक भूगोल को पुर्नाकार
 
 
 
{भारतीय उद्योगों में प्रमुख क्षेत्र की संकल्पना कब प्रारम्भ की गई?
|type="()"}
+[[1970]] में
-[[1980]] में
-[[1990]] में
-[[2000]] में
 
{सूक्ष्म वित्त के लिए [[भारत]] में शीर्षस्थ बैंक कौनसा है?
|type="()"}
-भारतीय स्टेट बैंक
-भारतीय औद्योगिक विकास बैंक
-भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक
+राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक
 
 
{[[भारत]] का प्रथम राज्य जिसने अपना राज्य मानव विकास रिपोर्ट प्रकाशित किया, वह है-
|type="()"}
+[[केरल]]
-[[मध्य प्रदेश]]
-[[गुजरात]]
-[[आन्ध्र प्रदेश]]
 
{वर्ष [[2008]]-[[2009|09]] में मुद्रास्फीति की 52 सप्ताह की औसत वार्षिक दर थी?
|type="()"}
-6 % से अधिक
-7 % से अधिक
+8 % से अधिक
-9 % से अधिक
 
{निम्नलिखित औद्योगिक नीति प्रस्तावों में से किसे [[भारत]] के आर्थिक संविधान के रूप में भी जाना जाता है?
|type="()"}
-औद्योगिक नीति, 1948
+औद्योगिक नीति, 1956
-औद्योगिक नीति, 1980
-औद्योगिक नीति, 1991
 
{यदि एक अर्थव्यवस्था शुद्ध रूप से प्रतिस्पर्धी स्थैतिक अर्थव्यवस्था हो, तो आर्थिक लाभ होगा-
|type="()"}
-न्यूनतम
-अधिकतम
+शून्य
-ऋणात्मक
 
{भारतीय नियोजन का 'शिल्पकार' किसे कहा जाता है ?
|type="()"}
-दादाभाई नौरोजी
+एम. विश्वेसरैया
-पी. सी. महालनोबिस
-अरदेशिर दलाल
 
{[[भारत]] में मनोरंजन कर सर्वप्रथम निम्नलिखित राज्य में लगाया गया था?
|type="()"}
+ [[पश्चिम बंगाल|बंगाल]]
-[[बिहार]]
-[[राजस्थान]]
-[[महाराष्ट्र]]
 
</quiz>
|}
|}
 
__NOTOC__

11:35, 14 मई 2013 के समय का अवतरण

बंदा सिहं बहादुर

लछमन दास, लछमन देव या माधो दास भी कहलाते हैं (ज़ – 1670, रजौरी, भारत; मृ-जून 1716, दिल्ली ) भारत के मुग़ल शासकों के ख़िलाफ़ युद्ध छेड़ने वाले पहले सिक्ख सैन्य प्रमुख, जिन्होंने सिक्खों के राज्य का अस्थायी विस्तार भी किया। युवावस्था में उन्होंने पहले समन (योगी) बनने का निश्चय किया और 1708 में गुरु गोबिंद सिंह का शिष्य बनने तक वह माधो दास के नाम से जाने जाते रहे। सिक्ख बिरादरी में शामिल होने के बाद उनका नाम बंदा सिंह बहादुर हो गया और वह लोकप्रिय तो नहीं, सम्मानित सेनानी अवश्य बन गए, उनके तटस्थ, ठंडे और अवैयक्तिक स्व्भाव ने उन्हें उनके लोगों के बीच लोकप्रिय नहीं बनने दिया। बंदा सिंह ने 1709 में मुग़लों पर हमला करके बहुत बड़े क्षेत्र पर क़ब्ज़ा कर लिया। दक्कन क्षेत्र में उनके द्वारा लूटमार और क़त्लेआम से मुग़लों को उन पर पूरी ताकत से हमला करना पड़ा। 1715 में आठ महीनों की घेरेबंदी के बाद मुग़लों ने क़िलेबंद शहर गुरुदास नांगल पर क़ब्ज़ा कर लिया। बंदा सिंह और उनके साथियों को कैद करके दिल्ली ले जाया गया, जहां जहां छह महीने तक हर दिन उनके कुछ लोगों को मौत की सज़ा दी जाती रही। जब उनकी बारी आई, तो बंदा सिंह ने मुसलमान न्यायाधीश से कहा कि उनका यही हाल होना था, क्योंकि अपने प्यारे गुरु गोबिंद सिंह की इच्छाओं को पूरा करने में वह नाक़ाम रहे। उन्हें लाल गर्म लोहे की छड़ों से यातना देकर मार डाला गया।


बंगाल की एशियाटिक सोसाइटी

ब्रिटिश अधिवक्ता एवं प्राच्यविद सर विलियम जोन्स द्वारा 15 जनवरी 1784 को प्राच्य विद्याध्ययन को प्रोत्साहन देने के लिये गठित सभा। संस्थापना दिवस के उपलक्ष्य में जोन्स ने अपने प्रसिध्द अभिभाषणों की श्रृंखला का पहला भाषण दिया। इस सभा को तत्कालीन बंगाल के प्रथम गवर्नर-जनरल ( 1772-95 ) वॉरेन हेस्टिग्ज़ का सहयोग और प्रोत्साहन मिला। जोन्स की मृत्यु ( 1794 ) तक यह सभा हिंदू संस्कृति तथा ज्ञान के महत्त्व व आर्य भाषाओं में संस्कृत की अहम भूमिका जैसे उनके विचारों की संवाहक थी।


बरारी घाटी का युद्ध


(9 जन॰ 1760), भारतीय इतिहास में पतन की ओर अग्रसर मुग़ल साम्राज्य पर नियंत्रण के लिए मराठों पर की गई अफ़ग़ान विजयों में से एक, जिसने अंग्रजों को बंगाल में पैर जमाने का समय दे दिया। दिल्ली से 16 किमी उत्तर में यमुना नदी के बरारी घाट (नौका घाट ) पर पंजाब से अहमद शाह दुर्रानी की अफ़ग़ान सेना से पीछे हट रहे मराठा सरदार दत्ताजी सिंधिया पर ऊंचे उगे सरकंडों की आड़ में छिपे अफ़गान सिपाहियों ने नदी पार करके अचानक हमला कर दिया। दत्ताजी मारे गए और उनकी सेना तितर-बितर हो गई। उनकी पराजय से दिल्ली पर अफ़ग़ानों के अधिकार का मार्ग प्रशस्त हो गया।


बर्द्धमान ज़िला

बर्द्धमान ज़िला दो अलग क्षेत्रों में बंटा है। पूर्वी भाग एक निम्न जलोढ़ मैदान है, जो सघन जनसंख्यायुक्त और पानी से भरा व दलदली रहता है। पूर्व की प्रमुख फ़सलें चावल, मक्का, दलहन और तिलहन हैं। पश्चिमी क्षेत्र बंगाल के सर्वाधिक व्यस्त औधोगिक क्षेत्रों में से एक है, यहां रानीगंज के बढ़िया कोयला भंडार और पड़ोसी क्षेत्रों में कच्चा लोहा और दूसरे खनिज़ उपलब्ध हैं। दामोदर नदी तट पर विकसित दुर्गापुर और आसनसोल के औद्योगिक नगर व कुछ और नगर, जिन्हें सामुहिक तौर पर दुर्गापुर औद्योगिक पट्टी के नाम से जाना जाता है, कोलकाता के बाद बंगाल का सबसे महत्त्वपूर्ण औद्योगिक क्षेत्र हैं। इस ज़िले में बर्द्धमान विश्वविद्यालय से संबद्ध एक इंजीनियरिंग कॉलेज और अनेक महाविद्यालय हैं। दामोदर घाटी निगम सिंचाई, औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति और बाढ़ नियंत्रण का काम करता है। पूर्व की प्रमुख फ़सलें चावल, मक्का, दलहन और तिलहन हैं। जनसंख्या (2001) शहर 2,85,871; ज़िला कुल 69,19,698।


बरौनी


बसव

12वीं शताब्दी के धार्मिक सुधारक, उपदेशक, धर्म मीमांसक और चालुक्य राजा बिज्जला I (शासनकाल, 1156-67) के राजसी कोषागार के प्रबंधक, बसव हिंदू वीरशैव (लिंगायत) मत के पवित्र ग्रंथों में से एक, बसव पुराण के रचयिता हैं। परंपरा के अनुसार, वह वीरशैव के वास्तविक संस्थापक थे, परंतु चालुक्य अभिलेखों से पता चलता है कि उन्होंने वास्तव में पहले से मौजूद मत को पुनर्जीवित किया। बसव ने वीरशैव संस्थाओं को सहायता देकर और वीरशैव मत की शिक्षा देकर प्रचार में सहायता दी थी। उनके चाचा प्रधानमंत्री थे और उन्होंने बसव को कोषागार प्रमुख के रूप में नियुक्त किया था। कई वर्ष तक उनके गुट को काफ़ी लोकप्रियता मिली, परंतु दरबार में अन्य गुट उनकी शक्तियों और उनकी शह में वीरशैल मत के प्रसार से क्षुब्ध थे। उनके द्वारा लगाए गए आरोपों के कारण वह राज्य छोड़ कर चले गए और शीघ्र ही उनकी मृत्यु हो गई। भगवान शिव की स्तुति में उनके रचित भजनों से उन्हें कन्नड़ साहित्य में प्रमुख स्थान तथा हिंदू भक्ति साहित्य में भी स्थान मिला।


बाउल


बंगाल के धार्मिक गायकों के एक संप्रदाय के सदस्य, जो अपने अपारंपरित व्यवहार तथा रहस्यात्मक गीतों की सहजता एवं उन्मुक्तता के लिए जाने जाते है। इनके हिंदू ( मूल रूप से वैष्णव ) और मुसलमान ( आमतौर पर सूफ़ी ), दोनों है। इनके गीत अक्सर मनुष्य एवं उसके भीतर बसे इष्टदेव के बीच प्रेम से संबंधित होते हैं। इस संप्रदाय के विकास के बारे में बहुत कम जानकारी है, क्योंकि इनके गीतों का संकलन एवं लेखन 20 वीं सदी में ही शुरू हुआ। रबींद्रनाथ ठाकुर उन कई बांग्ला लेखकों में से एक थे, जिन्होंने बाउल गीतों से प्रेरणा लिए जाने की बात स्वीकार की।


दास


दस्यु भी कहा जाता है, भारत में आदिम समुदाय के लोग, जिनका यहां आ कर बसने वाले आर्यों के साथ टकराव हुआ, 1500 ई॰पू॰ में आर्यों ने इनका काली चमड़ी वाले, कटु भाषी लोगों के रूप में वर्णन किया है, जो लिंग की पूजा करते थे। इस प्रकार कई विद्वानों की यह धारणा बनी कि हिंदुओं के धार्मिक प्रतीक लिंगम की पूजा की यहां से शुरुआत हुई, हांलांकि हो सकता है कि इसका संबंध उनकी यौन क्रियाओं से रहा हो। वे क़िलेबंद स्थानों पर रहते थे जहां से वे अपनी सेनाएं भेजते थे। वे संभवत: मूल शूद्र या श्रमिक रहे होंगे, जो तीनों उच्च वर्गों, ब्राह्मणों (पुरोहित), क्षत्रियों (योध्दाओं) और वैश्यों ( व्यापारियों) की सेवा करते थे और जिन्हें उनके धार्मिक अनुष्ठानों से अलग रखा गया था।