"हनमकोण्डा": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
 
(2 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 3 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{{पुनरीक्षण}}
'''हनमकोण्डा''' एक ऐतिहासिक नगर है, जो [[आन्ध्र प्रदेश]] के [[वारंगल ज़िला|वारंगल ज़िले]] में स्थित है। यहाँ [[काकतीय वंश|काकतीय]] नरेशों के समय का बना हुआ मन्दिर है, जो [[दक्षिण भारत]] के सर्वोत्कृष्ट मन्दिरों में परिगणित किया जाता है।
'''हनमकोण्डा''' एक ऐतिहासिक नगर जो [[आन्ध्र प्रदेश]] के [[[[वारंगल ज़िला|वारंगल ज़िले]] में स्थित है।  
 
*हनमकोण्डा में काकतीय नरेशों के समय का बना हुआ मन्दिर है जो [[दक्षिण भारत]] के सर्वोत्कृष्ट मन्दिरों में परिगणित किया जाता है।  
*हनमकोण्डा के मन्दिर की स्थापना महाराज [[गणपति (काकतीय वंश)|गणपति]] ने की थी।
*हनमकोण्डा के मन्दिर की स्थापना महाराज गणपति ने की थी।  
*इस स्थान का उल्लेख 'प्रतापचरित्र' नामक [[ग्रंथ]] में भी हुआ है।  
*हनमकोण्डा का उल्लेख प्रतापचरित्र नामक [[ग्रंथ]] में हुआ है।  
*[[चालुक्य वंश|चालुक्य]] कालीन मंदिरों की भाँति ही यहाँ के मन्दिर का आधार ताराकार है और इसमें [[सूर्य]], [[विष्णु]] तथा [[शिव]] के तीन देवालय हैं।
*[[चालुक्य वंश|चालुक्य]] कालीन मंदिरों की भाँति ही इसका आधार ताराकार है और इसमें [[सूर्य]], [[विष्णु]] तथा [[शिव]] के तीन देवालय है।
*हनमकोण्डा के देवालयों में मूर्तियाँ नहीं हैं, किंतु कटे हुए पत्थरों की जालियों में इन [[देवता|देवताओं]] की मूर्तियाँ निर्मित हैं।
*हनमकोण्डा के देवालयों में मूर्तियाँ नहीं हैं, किंतु कटे हुए पत्थरों की जालियों में इन [[देवता|देवताओं]] की मूर्तियाँ निर्मित हैं।  
*मन्दिर के सामने काले पत्थर से निर्मित भगवान [[शिव]] के सेवक [[नंदी]] की मूर्ति स्थित है। यह मूर्ति एक ही पत्थर में से काटी गई है।
*हनमकोण्डा के मन्दिर के सामने काले पत्थर से बना हुआ नंदी स्थित है।  
*हनमकोण्डा के मन्दिर में लगे एक [[तेलुगु भाषा|तेलुगु]]-[[कन्नड़]] के [[अभिलेख]] से ज्ञात होता है कि इसका निर्माण 1164 ई. में हुआ था।  
*हनमकोण्डा के मन्दिर में लगे एक [[तेलुगु भाषा|तेलुगु]]-[[कन्नड़]] के अभिलेख से ज्ञात होता है कि इसका निर्माण 1164 ई. में हुआ था।  
*अभिलेख में [[काकतीय साम्राज्य|काकतीय]] नरेश [[गणपति (काकतीय वंश)|गणपति]] की वंशावली तथा तत्कालीन घटनाओं का विवरण है।
*इस अभिलेख में काकतीय नरेश गणपति की वंशावली तथा तत्कालीन घटनाओं का विवरण है।


{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}


==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
* ऐतिहासिक स्थानावली से पेज संख्या 1006| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार
<references/>
<references/>
==बाहरी कड़ियाँ==
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{आंध्र प्रदेश के नगर}}
{{आंध्र प्रदेश के नगर}}
[[Category:आंध्र प्रदेश के नगर]]
[[Category:आंध्र प्रदेश के नगर]][[Category:भारत के नगर]][[Category:आंध्र प्रदेश]][[Category:इतिहास कोश]][[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]]
[[Category:भारत के नगर]]
[[Category:आंध्र प्रदेश]]
[[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

07:44, 16 जून 2013 के समय का अवतरण

हनमकोण्डा एक ऐतिहासिक नगर है, जो आन्ध्र प्रदेश के वारंगल ज़िले में स्थित है। यहाँ काकतीय नरेशों के समय का बना हुआ मन्दिर है, जो दक्षिण भारत के सर्वोत्कृष्ट मन्दिरों में परिगणित किया जाता है।

  • हनमकोण्डा के मन्दिर की स्थापना महाराज गणपति ने की थी।
  • इस स्थान का उल्लेख 'प्रतापचरित्र' नामक ग्रंथ में भी हुआ है।
  • चालुक्य कालीन मंदिरों की भाँति ही यहाँ के मन्दिर का आधार ताराकार है और इसमें सूर्य, विष्णु तथा शिव के तीन देवालय हैं।
  • हनमकोण्डा के देवालयों में मूर्तियाँ नहीं हैं, किंतु कटे हुए पत्थरों की जालियों में इन देवताओं की मूर्तियाँ निर्मित हैं।
  • मन्दिर के सामने काले पत्थर से निर्मित भगवान शिव के सेवक नंदी की मूर्ति स्थित है। यह मूर्ति एक ही पत्थर में से काटी गई है।
  • हनमकोण्डा के मन्दिर में लगे एक तेलुगु-कन्नड़ के अभिलेख से ज्ञात होता है कि इसका निर्माण 1164 ई. में हुआ था।
  • अभिलेख में काकतीय नरेश गणपति की वंशावली तथा तत्कालीन घटनाओं का विवरण है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  • ऐतिहासिक स्थानावली से पेज संख्या 1006| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार

संबंधित लेख