"गर्मी ए शौक़ ए नज़्ज़ारा -फ़ैज़ अहमद फ़ैज़": अवतरणों में अंतर

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{{सूचना बक्सा कविता
|चित्र=Faiz-Ahmed-Faiz.jpg
|चित्र का नाम=फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
|कवि=[[फ़ैज़ अहमद फ़ैज़]]
|जन्म=[[13 फ़रवरी]], [[1911]]
|जन्म स्थान=[[सियालकोट]]
|मृत्यु=[[20 नवम्बर]], [[1984]]
|मृत्यु स्थान=[[लाहौर]]
|मुख्य रचनाएँ='नक्श-ए-फरियादी', 'दस्त-ए-सबा', 'जिंदांनामा', 'दस्त-ए-तहे-संग', 'मेरे दिल मेरे मुसाफिर', 'सर-ए-वादी-ए-सिना' आदि।
|यू-ट्यूब लिंक=
|शीर्षक 1=
|पाठ 1=
|शीर्षक 2=विशेष
|पाठ 2=जेल के दौरान लिखी गई आपकी [[कविता]] 'ज़िन्दा-नामा' को बहुत पसंद किया गया था।
|बाहरी कड़ियाँ=
}}
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<div style="border:thin solid #a7d7f9; margin:10px">
{|  align="center"
! फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की रचनाएँ
|}
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{{फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की रचनाएँ}}
</div></div>
|}
 
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<poem>
गर्मी--शौक़-ए-नज़्ज़ारा का असर तो देखो
गुल खिले जाते हैं वो साया-ए-दर तो देखो
ऐसे नादाँ तो न थे जाँ से गुज़रने वाले
नासिहो, रहबर-ओ-राहगुज़र तो देखो
वो तो वो हैं तुम्हें हो जाएगी उल्फ़त मुझसे
एक नज़र तुम मेरा महबूबे-नज़र तो देखो
वो जो अब चाक गरेबाँ भी नहीं करते हैं
देखने वालो कभी उनका जिगर तो देखो
दामने-दर्द को गुलज़ार बना रखा है
आओ एक दिन दिले-पुरख़ूँ का हुनर तो देखो
सुबह की तरह झमकता है शबे-ग़म का उफ़क़
फ़ैज ताबिंदगी-ए-दीदा-ए-तर तो देखो
</poem>
{{Poemclose}}
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
==संबंधित लेख==
{{उर्दू शायर}}
[[Category:फ़ैज़ अहमद फ़ैज़]][[Category:पद्य साहित्य]][[Category:कविता]][[Category:काव्य कोश]][[Category:साहित्य कोश]]
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11:36, 20 जून 2013 के समय का अवतरण

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