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* फ़िल्म : शहीद (1965)
* संगीतकार : प्रेम धवन
* गायक : [[मोहम्मद रफ़ी]]
* गीतकार: [[प्रेम धवन]]
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तू ना रोना, कि तू है भगत सिंह की माँ
मर के भी लाल तेरा मरेगा नहीं
डोली चढ़के तो लाते है दुल्हन सभी
हँसके हर कोई फाँसी चढ़ेगा नहीं
जलते भी गये कहते भी गये  
जलते भी गये कहते भी गये  
आज़ादी के परवाने  
आज़ादी के परवाने  
पंक्ति 21: पंक्ति 24:
फूल क्या चीज़ है तेरे कदमों पे हम  
फूल क्या चीज़ है तेरे कदमों पे हम  
भेंट अपने सरों की चढ़ा जायेंगे  
भेंट अपने सरों की चढ़ा जायेंगे  
ऐ वतन ऐ वतन
ऐ वतन ऐ वतन...


कोई पंजाब से, कोई महाराष्ट्र से  
कोई पंजाब से, कोई महाराष्ट्र से  
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नाम कुछ भी सही पर लगन एक है  
नाम कुछ भी सही पर लगन एक है  
जोत से जोत दिल की जगा जायेंगे  
जोत से जोत दिल की जगा जायेंगे  
ऐ वतन ऐ वतन ...
ऐ वतन ऐ वतन...


तेरी जानिब उठी जो कहर की नज़र
तेरी जानिब उठी जो कहर की नज़र
उस नज़र को झुका के ही दम लेंगे हम
उस नज़र को झुका के ही दम लेंगे हम
तेरी धरती पे है जो कदम ग़ैर का
तेरी धरती पे है जो क़दम ग़ैर का
उस कदम का निशां तक मिटा देंगे हम
उस क़दम का निशां तक मिटा देंगे हम
जो भी दीवार आयेगी अब सामने
जो भी दीवार आयेगी अब सामने
ठोकरों से उसे हम गिरा जायेंगे
ठोकरों से उसे हम गिरा जायेंगे
ऐ वतन ऐ वतन...
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* फिल्म : शहीद
* संगीतकार :
* गायक : 
* रचनाकार : प्रेम धवन




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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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==बाहरी कड़ियाँ==
==बाहरी कड़ियाँ==
 
*[http://www.youtube.com/watch?v=rRiGLNLZ-2I ऐ वतन ऐ वतन (यू-ट्यूब)]
==संबंधित लेख==
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13:16, 4 जनवरी 2014 के समय का अवतरण

संक्षिप्त परिचय

जलते भी गये कहते भी गये
आज़ादी के परवाने
जीना तो उसी का जीना है
जो मरना देश पर जाने

जब शहीदों की डोली उठे धूम से
देशवालों तुम आँसू बहाना नहीं
पर मनाओ जब आज़ाद भारत का दिन
उस घड़ी तुम हमें भूल जाना नहीं

ऐ वतन ऐ वतन हमको तेरी क़सम
तेरी राहों में जां तक लुटा जायेंगे
फूल क्या चीज़ है तेरे कदमों पे हम
भेंट अपने सरों की चढ़ा जायेंगे
ऐ वतन ऐ वतन...

कोई पंजाब से, कोई महाराष्ट्र से
कोई यूपी से है, कोई बंगाल से
तेरी पूजा की थाली में लाये हैं हम
फूल हर रंग के, आज हर डाल से
नाम कुछ भी सही पर लगन एक है
जोत से जोत दिल की जगा जायेंगे
ऐ वतन ऐ वतन...

तेरी जानिब उठी जो कहर की नज़र
उस नज़र को झुका के ही दम लेंगे हम
तेरी धरती पे है जो क़दम ग़ैर का
उस क़दम का निशां तक मिटा देंगे हम
जो भी दीवार आयेगी अब सामने
ठोकरों से उसे हम गिरा जायेंगे
ऐ वतन ऐ वतन...


टीका टिप्पणी और संदर्भ


बाहरी कड़ियाँ

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