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| राष्ट्रीय राजधानी [[दिल्ली]] में [[हिन्दी भाषा]], साहित्य एवं संस्कृति के संवर्द्धन, प्रचार-प्रसार और विकास के उद्देश्य से 1981 में तत्कालीन दिल्ली प्रशासन ने 'स्वायत्तशासी संस्था' के रूप में 'हिन्दी अकादमी' की स्थापना की। हिन्दी अकादमी की स्थापना दिल्ली सरकार के कला, संस्कृति एवं भाषा विभाग के निर्देशन में हुई। मुख्यमंत्री, दिल्ली दो वर्ष की अवधि के लिए हिन्दी अकादमी की संचालन-समिति गठित करती हैं। अकादमी की संचालन-समिति के सदस्यों के रूप में 25 जाने-माने साहित्यकार, लेखक, विशेषज्ञ, पत्रकार आदि नामांकित किए जाते हैं। यह समिति सभी योजनाओं, प्रस्तावों और बजट का अनुमोदन करती है। इसके अतिरिक्त अकादमी में समय-समय पर विभिन्न कार्यों के निष्पादन और निर्णय के लिए अलग-अलग समितियां बनायी जाती हैं जो यह सुनिश्चित करती हैं कि योजनाओं के अंतर्गत लाभ उठाने वालों के चयन में निष्पक्षता रहे।<ref>{{cite web |url=http://www.delhi.gov.in/wps/wcm/connect/doit_art/Art+Culture+and+Language/Home/Hindi+Academy/Hindi+Academy |title=हिन्दी अकादमी, दिल्ली |accessmonthday=[[13 नवंबर]]
| | #REDIRECT[[हिन्दी अकादमी, दिल्ली]] |
| |accessyear=[[2010]] |last= |first= |authorlink= |format=एचटीएमएल |publisher=दिल्ली की आधिकारिक वेबसाइट |language=हिन्दी}}</ref>
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| ==उद्देश्य एवं लक्ष्य==
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| हिन्दी अकादमी की स्थापना का प्रमुख उद्देश्य हिन्दी भाषा और साहित्य के विकास से संबंधित कार्यक्रमों को कार्यरूप में लाना है। इसके अन्तर्गत जहाँ दिल्ली के प्राचीन तथा वर्तमान उत्कृष्ट साहित्य का संकलन, परिरक्षण तथा उसके सृजन के लिए प्रोत्साहन का कार्य सम्मिलित है। वहीं राजभाषा के रूप में हिन्दी के नये स्वरूप से संबंधित शोध कार्य भी उसमें सम्मिलित हैं, जिससे कि दिल्ली के साहित्यकारों को उत्कृष्ट साहित्य के सृजन के लिए प्रोत्साहन मिले, पुराना और दुर्लभ साहित्य सुरक्षित किया जा सके और नये साहित्यकारों के लिए योजनाओं और दिशाओं की खोज की जा सके। अकादमी के उद्देश्य एवं लक्ष्य निम्न प्रकार हैं
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| *दिल्ली के साहित्यिक और सांस्कृतिक विकास के संदर्भ में हिन्दी भाषा और साहित्य का संवर्धन तथा परिरक्षण करना।
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| *दिल्ली के वयोवृद उच्च कोटि के हिन्दी साहित्यकारों और प्रतिष्ठित विद्वानों का सम्मान।
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| *हिन्दी की सर्वश्रेष्ठ कृतियों और बाल साहित्य के लिए प्रतिवर्ष सम्मान एवं पुरस्कार ।
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| *साहित्यिक पत्रिका का प्रकाशन।
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| *हिन्दी भाषा और साहित्य के विकास के लिए यथासमय भाषा सम्मेलन तथा विचार-गोष्ठी आयोजित करना।
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| *उत्कृष्ट कृतियों के प्रकाशन के लिए ऐसे साहित्यकारों को वित्तीय सहायता देना जो स्वयं प्रकाशन व्यवस्था न कर सकते हों।
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| *ऐसे पुस्तकालयों की स्थापना करना जिसमें साहित्य की मूल कृतियाँ, संदर्भ ग्रंथ, शब्दकोष तथा हिन्दी साहित्य की आलोचनात्मक पुस्तकें उपलब्ध हों।
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| *हिन्दी के प्रचार-प्रसार में कार्य कर रही ऐसी स्वैच्छिक संस्थाओं को, कार्यक्रमों, लघु समाचार पत्र पत्रिकाओं को विज्ञापनों के माध्यम से सहायता अनुदान देना जिनका कार्य वास्तव में हिन्दी के विकास तथा हिन्दी साहित्य की वृद्धि की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
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| *रोज़गारोन्मुखी कार्यक्रमों का संचालन जिनमें कंप्यूटर, हिन्दी आशुलिपि, टंकण, प्रशिक्षण आदि मुख्य हैं।
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| *महत्वपूर्ण एवं उपयोगी साहित्यिक तथा शैक्षिक महत्व की पुस्तकों का अन्य भाषाओं से हिन्दी में अनुवाद करना। इसके अन्तर्गत उन कृतियों को सम्मिलित किया जाता है जो सांस्कृतिक समन्वय तथा राष्ट्रीय भावनात्मक एकता की दृष्टि से श्रेष्ठ साहित्य की कोटि में आती हो।
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| *समय-समय पर विभिन्न साहित्यिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन।
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| *राष्ट्रीय एकता एवं भाषायी सौहार्द के उद्देश्य से देश के अन्य राज्यों में अंर्तभाषायी सम्मेलनों एवं यात्रा शिविरों का आयोजन।
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| ==योजनाएँ एवं कार्यक्रम==
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| ;छात्र प्रतिभा पुरस्कार
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| अकादमी प्रतिवर्ष राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली के विद्यालयों के माध्यमिक और उच्चत्तर माध्यमिक की वार्षिक परीक्षा में हिन्दी विषय (कोर्स-ए.बी.इलैक्टिक और कोर अलग-अलग) में 85 प्रतिशत या इससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत करती है। अनुसूचित जाति एवं जनजाति के विद्यार्थियों के लिए नियमानुसार अंकों में 5 प्रतिशत की छूट दी जाती है। अनुसूचित जाति, जनजाति एवं विकलांग विद्यार्थियों को जाति एवं विकलांगता प्रमाण-पत्र की सत्यापित प्रति अपने आवेदन के साथ जमा करन होती है, जिससे कि इन विद्यार्थियों को इस छूट का लाभ मिल सके।
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| विद्यार्थी अपना आवेदन (जिसमें विद्यार्थी का नाम, पिता का नाम, आवास, विद्यालय का पूरा पता, पिन कोड संख्या, दूरभाष का सही उल्लेख केवल हिन्दी में हों) तथा अंक तालिका की फोटो प्रति जो विद्यालय के प्रधानाचार्य से सत्यापित हो। विज्ञापन प्रकाशित होने के उपरांत किसी भी कार्य दिवस में केवल दस्ती रूप में अकादमी के कार्यालय में जमा करानी होती है। आवेदन जमा करते समय अंक तालिका की मूल प्रति भी अकादमी को अवश्य दिखानी होगी। निर्धारित तिथि के बाद प्राप्त आवेदनों पर विचार नहीं किया जाता है।
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| ;आशुलेखन प्रतियोगिता
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| दिल्ली के विद्यालयों महाविद्यालयों के विद्यार्थियों तथा 18 से 35 वर्ष तक की आयु के युवाओं के लिए इस प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है जिससे प्रतियोगिता स्थान पर दिये गये विषय के आधार पर प्रतियोगिता को कहानी, कविता, निबंध में से किसी एक विधा पर लिखना होता है। विद्यालय स्तर पर यह प्रतियोगिता तीन वर्गों में विभाजित होती है तथा 18 से 35 वर्ष तक के वे रचनाकार जो किसी भी शिक्षण संस्थान में अध्ययनरत नहीं हैं उन्हें भी 18 से 25 तथा 26 से 35 दो वर्गों में विभाजित किया जाता है। गत वर्ष इस प्रतियोगिता का आयोजन के लिए दिल्ली में विभिन्न जगहों पर 12 केन्द्र निधारित किये गये थे। प्रतियोगियों की सुविधा के लिए प्रविष्टियाँ अकादमी द्वारा स्थापित केन्द्रों में सीधे आमंत्रित की जाती हैं, जो अपने परीक्षा केन्द्र में प्रतियोगिता के आयोजन की सफलता को सुनिश्चित करता है। प्रतियोगिता के उपरान्त सभी उत्तर पुस्तिका पर रोल नंबर अंकित किये जाते हैं। सभी उत्तर पुस्तिकाओं को विधा अनुरूप जाँच कार्य के लिए भेजा जाता है। प्रत्येक वर्ग और विधा की रचनाओं का जाँच का है। यह तीन विद्वानों से करवाया जाता है। तीनों जाँचकर्त्ताओं द्वारा दिये गये अंको के आधार पर योग्यता सूची तैयार की जाती है। तदुपरान्त ही पुरस्कारों की घोषणा की जाती है। पुरस्कार घोषित होने के उपरान्त पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया जाता है जिसमें सभी पुरस्कृतों को घोषित पुरस्कार दिये जाते हैं। प्रतियोगिता की सूचना विज्ञापन के माध्यम से दी जाती है। पुरस्कार इस प्रकार प्रदान किये जाते है-
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| {| class="bharattable-green" border="1" align="right" style="margin:5px"
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| |+पुरस्कार वितरण
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| |- align="center"
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| | '''पुरस्कार श्रेणी'''
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| | colspan="3" |'''विद्यालय स्तर'''
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| | '''महाविद्यालय स्तर'''
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| | '''अन्य (गैर संस्थागत रचनाकार)'''
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| |-
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| | कक्षा 6 से 8
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| | कक्षा 9 से 10
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| | कक्षा 11 से 12
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| | 18 से 25 वर्ष और 26 से 35 वर्ष
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| |-
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| | प्रथम
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| | 700
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| | 900
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| | 1100
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| | 2100
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| | 3100
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| |-
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| | द्वितीय
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| | 500
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| | 600
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| | 700
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| | 1500
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| | 2500
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| |-
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| | तृतीय
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| | 300
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| | 400
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| | 500
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| | 1100
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| | 2000
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| |-
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| | प्रोत्साहन
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| | 200
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| | 250
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| | 300
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| | 500
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| | 1100
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| |}
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| ;नवोदित लेखक पुरस्कार प्रतियोगिता
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| दिल्ली के 18 से 30 वर्ष तक की आयु के युवा रचनाकारों से उनकी मौलिक, अप्रकाशित एवं अपुरस्कृत कहानी, कविता एवं एकांकी विधा की रचनाएं विज्ञापन की माध्यम से आमंत्रित की जाती हैं। दो वर्गों में विभाजित (18 से 24 व 25 से 30 आयु वर्ग) इस प्रतियोगिता में प्रत्येक रचनाकार किसी भी एक विधा में भाग ले सकता है। रचनाएं प्राप्त होने के उपरान्त विधा अनुरूप रचनाओं की जाँच तीन अलग-अलग विद्वानों से करवायी जाती है। तीनों जाँचकर्त्ताओं से प्राप्त अंकों को जोड़कर सूची के आधार पर पुरस्कार निर्धारित किये जाते हैं। कुल पुरस्कारों की संख्या लगभग 40 है।
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| ;राष्ट्रीय कवि सम्मेलन
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| प्रति वर्ष स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर दिल्ली के यमुना पार के किसी इलाके में राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाता है।
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| ;अव्यवसायिक पत्रिका पुरस्कार
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| दिल्ली के सरकारी कार्यालयों, निकायों, उपक्रमों से प्रकाशित होने वाली हिन्दी की अव्यावसायिक पत्रिका के संपादकों को प्रथम, द्वितीय, तृतीय पुरस्कार दिया जाता है। इस योजना के अंतर्गत उन सरकारी कार्यालयों की पत्रिकाएं सम्मिलित नहीं की जाती हैं जो केवल हिन्दी भाषा साहित्य, संस्कृति के विकास में कार्य कर रहे हैं। इस पुरस्कार के लिए पत्रिकाएं विज्ञापन के माध्यम से आमंत्रित की जाती है। पुरस्कारों का निर्णय संबंधित समिति की सिफारिश पर किया जाता है
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| ;इंदिरा गाँधी जयंती पर राष्ट्रीय कवि सम्मेलन
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| [[इंदिरा गाँधी]] जयंती पर दिल्ली में इस राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाता है ।
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| ;संगोष्ठियाँ
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| [[हिन्दी दिवस]] आदि अवसरों पर साहित्यकारों की अनेक विचार गोष्ठी, पर्व, नाटकों आदि का आयोजन भी समय-समय पर किया जाता है
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| ;अंर्तभाषायी सम्मेलन
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| अहिन्दी भाषी क्षेत्र में हिन्दी के प्रचार-प्रसार और प्रोत्साहन के लिए अंर्तभाषायी सम्मेलनों का आयोजन दिल्ली व दिल्ली से बाहर अन्यत्र राज्य में किया जाता है ।
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| ;संस्थागत सहयोग
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| दिल्ली के विद्यालयों, महाविद्यालयों में भाषा, वाद-विवाद, प्रश्न मंच, साहित्यिक गीत गायन, साहित्यकार परिचय साहित्यिक अंताक्षरी जैसी प्रतियोगिता का आयोजन समय-समय पर किया जाता है ।
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| ==दिल्ली सरकार के साथ संयुक्त कार्यक्रम==
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| दिल्ली सरकार के निर्देश पर विभिन्न सम्मेलनों, विचार-गोष्ठी, कवि-सम्मलनों, मेलों के आयोजनों में सक्रिय भागीदारी रहती है।
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| ;लोक पर्व
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| हिन्दी भाषी क्षेत्र की विलुप्त होती लोक कलाओं, संस्कृति का प्रदर्शन किया जाता है, जिसके अंतर्गत लोक सांस्कृतिक कायर्क्रमों का आयोजन विभिन्न स्थानों पर किया जाता है ।
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| ;प्रसाद पर्व
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| [[जयशंकर प्रसाद]] पर साहित्यिक सांस्कृतिक कायर्क्रम का आयोजन किया जाता है।
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| {{लेख प्रगति
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| |आधार=आधार1
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| |प्रारम्भिक=
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| |माध्यमिक=
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| |पूर्णता=
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| |शोध=
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| ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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| <references/>
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| [[Category:नया पन्ना]]
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