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'''गोविंददास / Govind Das'''<br />
#[[गोविन्ददास कविराज]] - चिरंजीव सेन एवं सुनंदा के पुत्र।
#[[गोविन्ददास चक्रवर्ती]] - श्रीनिवास आचार्य के शिष्य।
#[[गोविन्ददास आचार्य]] - चैतन्य के शिष्य और उनके समसामयिक।


वल्ल्भ संप्रदाय (पुष्टिमार्ग) के आठ कवियों ([[अष्टछाप]] कवि) में एक । जिन्होंने भगवान श्री [[कृष्ण]] की विभिन्न लीलाओं का अपने पदों में वर्णन किया। गोविंद दास जी का एक पद
<blockquote>श्री वल्लभ चरण लग्यो चित मेरो । इन बिन और कछु नही भावे, इन चरनन को चेरो ॥1॥ <br />
इन छोड और जो ध्यावे सो मूरख घनेरो । गोविन्द दास यह निश्चय करि सोहि ज्ञान भलेरो ॥2॥</blockquote>
[[Category:साहित्य कोश]]
[[Category:कवि]]
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11:06, 28 मार्च 2014 के समय का अवतरण

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  1. गोविन्ददास कविराज - चिरंजीव सेन एवं सुनंदा के पुत्र।
  2. गोविन्ददास चक्रवर्ती - श्रीनिवास आचार्य के शिष्य।
  3. गोविन्ददास आचार्य - चैतन्य के शिष्य और उनके समसामयिक।