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| <quiz display=simple> | | <quiz display=simple> |
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| {सांस्कृतिक-पश्चता के सिद्धांत के अनुसार-(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-1,प्रश्न-1
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| |type="()"}
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| -भौतिक तथा अभौतिक दोनों ही संस्कृतियां साथ-साथ परिवर्तित होती हैं
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| -भौतिक संस्कृति में परिवर्तन तीव्रतर होती हैं
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| +अभौतिक संस्कृति की अपेक्षा भौतिक संस्कृति तेजी से बदलती है
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| -कभी भौतिक संस्कृति तो कभी अभौतिक संस्कृति अधिक तेजी से बदलती है
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| {समाजसास्त्र निम्नलिखित का व्यवस्थित अध्ययन करता है-(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-5,प्रश्न-1
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| |type="()"}
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| -सामाजिक सम्बन्ध
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| -मानव समूह
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| -सामाजिक संस्थाएं
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| +तीनों का
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| {समाज को एक संघ एक संगठन तथा औपचारिक संबंधों का योग किस समाजशास्त्री ने कहा है?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-27,प्रश्न-1
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| |type="()"}
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| -पारसंस
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| -कूले
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| +गिडेंस
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| -इनमें से कोई नहीं
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| {अभौतिक संस्कृति का भौतिक संस्कृति से पिछड़ जाना क्या कहलाता है?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-42,प्रश्न-1
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| |type="()"}
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| -सांस्कृतिक परिवर्तन
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| +सांस्कृतिक विलंबना
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| -सांस्कृतिक संचरण
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| -सांस्कृतिक परिवर्द्धन
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| {निम्न में से क्या प्रदत्त प्रस्थिति का आधार नहीं है?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-51,प्रश्न-1
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| |type="()"}
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| +प्रजातीय
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| -व्यापार की वैधता
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| -जातिगत सदस्यता
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| -जैविकीय विश्वास
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| {किसका कथन है कि "सहयोगी वे समूह हैं जो एक ऐसे उद्देश्य की प्राप्ती के लिए मिलझुलकर कार्य करते हैं और जिसको सभी चाहते हैं।"(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-63,प्रश्न-1
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| |type="()"}
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| -बर्गेस
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| -मोर्गन
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| -लीच
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| +ग्रीन
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| {[[भारतवर्ष]] में [[विवाह]] और [[परिवार]] पुस्तक के लेखक कौन है?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-113,प्रश्न-1
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| |type="()"}
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| +के. एम. कपाड़िया
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| -एम. एन. श्रीनिवास
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| -गिलिन एंड गिलिन
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| -इनमें से कोई नहीं
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| {परिवर्तन की प्रक्रिया जिसमें प्रभु संस्कृति पहले विभक्त होती है, फिर अपनी खोई अविभाज्यता को प्राप्त करने के लिए प्रतिक्रिया करती है, कही जाती है-(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-134,प्रश्न-1
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| |type="()"}
| |
| -पर-संस्कृति ग्रहण
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| -तन्मय संस्कृति ग्रहण
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| -आत्मसातीकरण
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| +प्रति-संस्कृतिकरण
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| {निम्नलिखित में से कौन-सा कथन [[संस्कृति]] से सम्बन्धित है?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-1,प्रश्न-2
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| |type="()"}
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| +अनुवांशिक गुणों की समग्रता
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| -मानव कृतियों की समग्रता
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| -पर्यावरणात्मक एवम् पारिस्थितिक प्रभाव
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| -प्रकृति के नियमों में परिवर्तन
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| {जब नगरीय जनसंख्या में वृद्धि होती है और सम्पूर्ण जनसंख्या में नगरीय का अनुपात स्थिर रहता है तो इसे कहा जाता है-(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-5,प्रश्न-2
| |
| |type="()"}
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| -नगरीकरण
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| -अति नगरीकरण
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| +नगरी वृद्धि
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| -जनसंख्या स्थायित्व
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| {मानव मस्तिष्क एवं पशु मस्तिष्क में क्या भेद है?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-27,प्रश्न-2
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| |type="()"}
| |
| +केवल मात्रा का
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| -केवल प्रकार का
| |
| -मात्रा एवं प्रकार दोनों का
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| -न मात्रा का न प्रकार का
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| |
| {[[संस्कृति]] का निर्माण किससे होता है?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-42,प्रश्न-2
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| |type="()"}
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| +अमूर्त प्रतिमानों से
| |
| -मूर्त प्रतिमानों से
| |
| -उक्त दोनों से
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| -किसी से नहीं
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| {कौन-सा कथन सही है?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-51,प्रश्न-2
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| |type="()"}
| |
| -प्रस्थिति और भूमिका स्थिर रहती है
| |
| -प्रस्थिति और भूमिका न स्थिर रहती हैं और न बदलते हैं
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| -प्रस्थिति एवं भूमिका में सदैव संघर्ष होता है
| |
| +प्रस्थिति और भूमिका सदैव बदलते रहते है
| |
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| |
| {निम्नलिखित में सही कथन क्या है?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-63,प्रश्न-2
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| |type="()"}
| |
| +समूह के सदस्यों की संख्या असीमित होती है
| |
| -समूह की अपेक्षा व्यक्ति में अधिक स्थायित्व होता है
| |
| -समूह के सदस्यों की संख्या सीमित होती है
| |
| -समूह एक अमूर्त धारणा है
| |
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| |
| {[[प्रतिलोम विवाह]] किनके बीच होता है?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-113,प्रश्न-2
| |
| |type="()"}
| |
| -उच्च वर्ग के पुरूष का निम्न वर्ग की स्त्री से
| |
| -उच्च वर्ग के पुरूष का उच्च वर्ग की स्त्री से
| |
| +निम्न वर्ग के पुरूष का उच्च वर्ग की स्त्री से
| |
| -निम्न वर्ग के पुरूष का निम्न वर्ग की स्त्री से
| |
|
| |
| {परिवर्तन की प्रक्रिया जिसमें समाज अपनी [[संस्कृति]] के कुछ भाग को खो देता है तथा वृहत्तर समाज के साथ अनुकूलन करता है, कही जाती है-(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-134,प्रश्न-2
| |
| |type="()"}
| |
| +सात्मीकरण
| |
| -पर-संस्कृतिकरण
| |
| -प्रति-संस्कृतिकरण
| |
| -संस्कृतिकरण
| |
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| {"कांसेप्ट ऑफ रिचुअल्स इन मॉडर्न सोशियोलॉजिकल थ्योरी" नामक पुस्तक के लेखक कौन हैं?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-1,प्रश्न-3
| |
| |type="()"}
| |
| +एस.पी. नागेन्द्र
| |
| -एस.सी. दुबे
| |
| -एस.एम.दुबे
| |
| -मैक्स वेबर
| |
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| |
| {निम्नलिखित में से कौन नगरीय समुदाय की विशेषता नहीं है?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-5,प्रश्न-3
| |
| |type="()"}
| |
| -गतिशीलता
| |
| -मुद्रा अर्थव्यवस्था
| |
| -कृत्रिमता
| |
| +सामाजिक समरूपता
| |
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| |
| {समाजशास्त्र का जनक किसे कहा जाता है?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-27,प्रश्न-3
| |
| |type="()"}
| |
| -ए. डब्लू. ग्रीन
| |
| -मैकाइवर
| |
| +ऑगस्ट
| |
| -एल. एफ. बाई
| |
|
| |
| {'शिल्प तथ्य' हैं-(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-42,प्रश्न-3
| |
| |type="()"}
| |
| -संस्कृति के अंग
| |
| -भौतिक [[संस्कृति]]
| |
| -व्यवहार के अंग
| |
| +इनमें से कोई नहीं
| |
|
| |
| {प्रजाति कैसी अवधाणा है?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-51,प्रश्न-4
| |
| |type="()"}
| |
| -धार्मिक
| |
| +जैविकीय
| |
| -राजनैतिक
| |
| -नैतिक
| |
|
| |
| {कौन-सा उदाहरण द्वितीयक समूह का है-(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-63,प्रश्न-3
| |
| |type="()"}
| |
| -वन विहार करने वाला समूह
| |
| -कारखानों में उत्पादन कार्यक्षमता लाने वाली एक समिति
| |
| -मरीज की सेवा करती परिचारिकांए
| |
| +सहकारी समिति
| |
|
| |
| {समूह से बाहर [[विवाह]] को प्रतिबंधित करने वाले [[विवाह]] को क्या कहते हैं?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-113,प्रश्न-3
| |
| |type="()"}
| |
| -[[अंतर्विवाह]] (Endogamy)
| |
| +[[बहिर्विवाह]] (Exogamy)
| |
| -बहुविवाह (Polygamy)
| |
| -इनमें से कोई नहीं
| |
|
| |
| {निम्नलिखित में से किसने सामाजिक परिवर्तन की प्रक्रिया को तीन प्रकार की सांस्कृतिक मानसिकताओं के बीच उतार-चढ़ाव के रूप में वर्णित किया है-(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-134,प्रश्न-3
| |
| |type="()"}
| |
| -स्पैंग्लर
| |
| -लुईस वर्थ
| |
| -टायनबी
| |
| +सोरिकिन
| |
|
| |
| {निम्नलिखित में से कौन प्रदत्त प्रस्थिति का प्रतिनिधित्व नहीं करता?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-1,प्रश्न-4
| |
| |type="()"}
| |
| +एक [[पिता]]
| |
| -एक [[पुरोहित]]
| |
| -एक [[ब्राह्मण]]
| |
| -एक [[साधु]]
| |
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| |
| {सामाजिक परिवर्तन में आर्थिक निर्णायकवाद की अवधारणा किस विचारक के साथ जुड़ी है?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-5,प्रश्न-4
| |
| |type="()"}
| |
| -एडम स्थिम
| |
| -मार्शल
| |
| -गुन्नर मिर्डल
| |
| +कार्ल मार्क्स
| |
|
| |
| {"समाजशास्त्र सामाजिक संबंधों के स्वरूपों का स्ध्ययन" यह कथन किसका है?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-27,प्रश्न-4
| |
| |type="()"}
| |
| -गिंसबर्ग
| |
| -वेबर
| |
| +सिमेल
| |
| -दुर्खीम
| |
|
| |
| {समुदाय में निम्नलिखित विशेषताएं पाई जाती हैं-(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-42,प्रश्न-4
| |
| |type="()"}
| |
| -समुदाय एक निश्चित भूभाग होता है
| |
| -समुदाय में सामुदायिक भूभाग होता है
| |
| -समुदाय एक समाज का भाग है
| |
| +उपर्युक्त सभी
| |
|
| |
| {निम्न कथनों में से कौन-सा गलत कथन है?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-51,प्रश्न-5
| |
| |type="()"}
| |
| +नस्लों का मिश्रण भ्रष्टता की ओर ले जाता है
| |
| -विकास के तराजू पर सभी नस्लें समान है
| |
| -विशुद्ध नस्ल की अवधारणा मिथ्या है
| |
| -नस्लों का मिश्रण सार्वभौमिक तत्व है
| |
|
| |
| {चार्ल्स कूले ने सर्वप्रथम किस पुस्तक में "प्राथमिक समूह" शब्द का प्रयोग किया था?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-63,प्रश्न-4
| |
| |type="()"}
| |
| -इंट्रोडक्ट्री सोशियोलोजी
| |
| -सोशियोलोजी
| |
| +सामाजिक संगठन
| |
| -मानव समाज
| |
|
| |
| {Hindu social organisation पुस्तक के लेखक कौन हैं?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-113,प्रश्न-4
| |
| |type="()"}
| |
| -के. एस. कपाड़िया
| |
| -राजबली पांडेय
| |
| +पी.एच. प्रभु
| |
| -सुन्दर सिंह
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| {ऐसा परिवार जिसमें वृद्ध व्यक्ति, उसकी पत्नी, उसके पुत्र, उनकी पत्नियां और बच्चे रहते हों ,कहलाता है-(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-134,प्रश्न-4
| |
| |type="()"}
| |
| +संयुक्त परिवार
| |
| -एकाकी परिवार
| |
| -विस्तृत परिवार
| |
| -मिश्रित परिवार
| |
|
| |
| {निम्नलिखित में से किसका दावा है कि सामाजिक संरचना का आनुभाविक वास्तविकता से कोई लेन देन नहीं है?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-1,प्रश्न-5
| |
| |type="()"}
| |
| +सी. लेवी स्ट्रॉस
| |
| -मेरियन जी. लेवी
| |
| -रेमण्ड फर्थ
| |
| -एवांस प्रिचर्ड
| |
|
| |
| {समाजशास्त्र के स्वरूपात्मक के मुख्य [[प्रवर्तक]] है-(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-5,प्रश्न-5
| |
| |type="()"}
| |
| -दुर्खीम
| |
| -हॉब हाउस
| |
| +सिमैल
| |
| -सोरोकिन
| |
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| |
| {[[भारत]] में समाजशास्त्र का विकास कब से माना जाता है?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-27,प्रश्न-5
| |
| |type="()"}
| |
| +1919ई.
| |
| -1925ई.
| |
| -1930ई.
| |
| -1938ई.
| |
|
| |
| {समुदाय-(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-42,प्रश्न-5
| |
| |type="()"}
| |
| -अनाश्रित संबंधों की एक व्यवस्था की तरह कार्य करता है
| |
| -समूहों का संग्रह है, जो एक स्थान में निवास करता है
| |
| +सामुदादिक भावना व्यक्त करता है
| |
| -अपने निवासियों के लिए प्राथमिक वस्तुएं उपलब्ध करता है
| |
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| |
| {मानव ने [[मिट्टी]] के बर्तन का अविष्कार क्यों किया?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-51,प्रश्न-6
| |
| |type="()"}
| |
| +द्र्व संचयन के लिए
| |
| -तैयार उपकरण के संचयन हेतु
| |
| -पशुओं या मांस संचित करने के लिए
| |
| -हड्डियों के संचयन हेतु
| |
|
| |
| {द्वितीय समूह में सदस्यता है-(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-63,प्रश्न-5
| |
| |type="()"}
| |
| -अनिवार्य
| |
| -बाध्यकारी
| |
| +ऐच्छिक
| |
| -इनमे से कोई नहीं
| |
|
| |
| {शिक्षक, [[माँ]], पत्नी के पद के साथ संबंधित भूमिकाओं को क्या कहते हैं?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-113,प्रश्न-6
| |
| |type="()"}
| |
| -बहु-भूमिकाएं (Multiple role)
| |
| -भूमिका (Role)
| |
| +भूमिका पुंज (Role sets)
| |
| -भूमिका ग्रहण करना (Role taking)
| |
|
| |
| {राजातीय नातेदारी का अर्थ है-(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-134,प्रश्न-5
| |
| |type="()"}
| |
| -समान पूर्वज
| |
| -मुख्य समूह से निकली उपशाखाएं
| |
| +समान पुरूष पूर्वज
| |
| -इनमें से कोई नहीं
| |
|
| |
| {निम्नलिखित में से कौन एक समाज के लिए इतना/इतनी महत्वपूर्ण है कि इसका उल्लंघन गम्भीर दण्ड की अपेक्षा करता है?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-1,प्रश्न-6
| |
| |type="()"}
| |
| -प्रथाएं
| |
| +लोकाचार
| |
| -विचारधाराएँ
| |
| -लोकरीतियं
| |
|
| |
| {समाजशास्त्र का शाब्दिक अर्थ है-(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-5,प्रश्न-6
| |
| |type="()"}
| |
| -विज्ञानों का विज्ञान
| |
| +समाज का विज्ञान
| |
| -साहित्य का अध्ययन
| |
| -[[विज्ञान]] का अध्ययन
| |
|
| |
| {समाजशास्त्र का विकास किस देश में हुआ ?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-27,प्रश्न-6
| |
| |type="()"}
| |
| +[[फ्रांस]]
| |
| -[[जर्मनी]]
| |
| -[[इंग्लैड]]
| |
| -[[अमेरिका]]
| |
|
| |
| {निम्नलिखित में से कौन संस्था का महत्व बताता है?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-42,प्रश्न-6
| |
| |type="()"}
| |
| -[[संस्कृति]] जीवन का वाहक है
| |
| -सांस्कृतिक अनुरूपता उत्पन्न करती है
| |
| -संस्थाएं मानवीय आवश्यकताओं की पूर्ति करती है
| |
| +उपरोक्त सभी
| |
|
| |
| {निम्नलिखित में किसमें संघर्ष विद्यमान नहीं है?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-51,प्रश्न-7
| |
| |type="()"}
| |
| -उपभोक्ताओं के विरोध ने वस्तुओं के दाम गिरा दिया
| |
| -ट्रेड यूनियन द्वारा कर्मचारियों से समय विरोध के लिए कार्य करने से मना करना
| |
| -ए और बी ने मकान का मसला अपने मध्य न सुलझा पाने के कारण अदालत से सुपुर्द कर दिया
| |
| +मेडिकल कालेज में प्रवेश लेने के लिए विद्यार्थियों के प्रयत्न
| |
|
| |
| {व्यक्ति के सीखे हुए व्यवहार को क्या कहते हैं?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-63,प्रश्न-6
| |
| |type="()"}
| |
| -[[विज्ञान]]
| |
| -तकनीकि
| |
| -सभ्यता
| |
| +[[संस्कृति]]
| |
|
| |
| {वंशानुक्रम के नियम से अर्थ है(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-113,प्रश्न-7
| |
| |type="()"}
| |
| -समपत्ति हस्तांतरण से संबंधित नियम
| |
| +सदस्य व्यक्ति के रक्त-समूह निर्धारण से संबंधित नियम
| |
| -वैवाहिक संबंधों से संबंधित नियम
| |
| -भाई-बहनों की पहचान से संबंधित नियम
| |
|
| |
| {प्राथमिक समूह की विशेषताएं है?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-134,प्रश्न-6
| |
| |type="()"}
| |
| +सदस्यों में भावात्मक घनिष्ठता हैं
| |
| -समान आयु, समूह और लिंग के सदस्य
| |
| -सदस्यों में समानता
| |
| -आय साधनों में समानता
| |
|
| |
| {सन्दर्भ समूह व्यवहार में मूल [[तत्व]] है-(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-1,प्रश्न-7
| |
| |type="()"}
| |
| -[[ईर्ष्या]]
| |
| +सापेक्ष वचन
| |
| -बाह्म समूह
| |
| -सदस्यता
| |
|
| |
| {सामाजिक परिवर्तन के च्रकीय सिद्धांत के प्रवर्तक हैं-(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-5,प्रश्न-8
| |
| |type="()"}
| |
| +स्पेंग्लर
| |
| -टॉयनबी
| |
| -(A) तथा (B) दोनों
| |
| -मॉर्गन
| |
|
| |
| {समाजशास्त्र किसका [[विज्ञान]] है?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-27,प्रश्न-7
| |
| |type="()"}
| |
| -मनुष्यों का
| |
| -व्यक्ति का
| |
| +समाज का
| |
| -प्रथाओं का
| |
|
| |
| {समुदाय होता है-(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-42,प्रश्न-7
| |
| |type="()"}
| |
| -अमूर्त
| |
| +मूर्त
| |
| -सामान्य
| |
| -असामान्य
| |
|
| |
| {[[सिन्धु घाटी]] की सबसे प्रभावशाली विशेषता क्या है?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-51,प्रश्न-8
| |
| |type="()"}
| |
| -धार्मिक विश्वास
| |
| -[[वस्त्र]]
| |
| -[[संगीत]] के उपकरण
| |
| +सिविल इंजीनियरिंग
| |
|
| |
| {सामाजिक समूह का अच्छा उदाहरण है-(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-63,प्रश्न-7
| |
| |type="()"}
| |
| -सड़क की भीड़
| |
| +पाठशाला की कक्षा
| |
| -गांव का मेला
| |
| -मंदिर का आयोजन
| |
|
| |
| {"[[धर्म]] मानव की पाशविक एवं दैवीय प्रकृति के बीच की श्रृंखला है ।"पर निम्न में से किसकी व्याख्या है?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-113,प्रश्न-8
| |
| |type="()"}
| |
| -श्री.जी. बी. काणे
| |
| +के. एम. कपाड़िया
| |
| -ड़ॉ. राधाकृष्णण
| |
| -पणिक्कर
| |
|
| |
| {सामाजिक गतिशीलता को 'समकक्ष' एवम् 'उदग्र' में विभाजित करने वाले विद्वान कौन हैं?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-134,प्रश्न-7
| |
| |type="()"}
| |
| -मर्टन
| |
| +सोरोकिन
| |
| -स्पेंसर
| |
| -दुर्खीम
| |
|
| |
| {निम्नलिखित में से मानव समाज के निवास की रेखीय व्याख्या किसने दी?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-1,प्रश्न-8
| |
| |type="()"}
| |
| -पैरेटो
| |
| -वेबर
| |
| +स्पेंसर
| |
| -सोरोकिन
| |
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| {निम्नांकित में से कौन -सा कथन एक सामाजिक समूह की विशेषता है?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-5,प्रश्न-9
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| |type="()"}
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| -किसी स्थान पर लोगों का संग्रह
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| -दो या अधिक व्यक्ति जो सामाजिक सम्बन्ध से आबद्ध हों
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| +किसी दुर्घटनावश व्यक्तियों का एकत्रित होना
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| -किसी दुकान पर कुछ व्यक्तियों की संख्या
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| {समाजशास्त्र क संबंध किससे है(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-27,प्रश्न-8
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| |type="()"}
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| -आर्थिक व राजनीतिक व्यवस्था से
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| -व्यवहार की मौलिक क्रियाओं से
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| +सामाजिक प्रक्रियाओं से
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| -जाति और वर्ग की घटनाओं से
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| {"मूल्य एक [[धारणा]] है जो सांस्कृतिक या व्यक्तिगत हो सकता है जिसके द्वारा चीजों की तुलना एक-दूसरे के साथ की जाती है" किसका कथन है?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-42,प्रश्न- 8
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| |type="()"}
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| -मैकाइवर
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| -चार्ल्स पेज
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| -श्रीनिवास
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| +एच. एम. जांसन
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| {किस विद्वान ने कहा था कि 'प्रस्थिति संस्थागत भूमिका है।'(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-51,प्रश्न-9
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| |type="()"}
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| -सदरलैंड
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| +बीस्टीड
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| -विलियम गुडे
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| -फिचर
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| {निम्नलिखित में से कौन-सा औपचारिक समूह है?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-63,प्रश्न-8
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| |type="()"}
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| -एक सामाजिक क्लब
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| -स्थानीय स्तर पर एक राजनैतिक दल
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| +एक व्यापारिक यूनियन
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| -उपरोक्त तीनों
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| {[[हिन्दू धर्म]] में तीन [[ग्रहण]] माने गए हैं- देव ऋण और ऋषि ऋण,तीसरा-(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-113,प्रश्न-9
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| |type="()"}
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| -मातृ ऋण
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| +प्रितृ ऋण
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| -गुरू ऋण
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| -इनमें से कोई नहीं
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| {"एक सामाजिक वर्ग व्यक्तियों का समूह या विशेष श्रेणी है जिसकी समाज में एक विशिष्ट स्थिति होती है, यह विशिष्ट स्थिति ही अन्य समूहों से उनके संबंधों को निर्धारित करती है।" यह कथन किस विद्वान का है?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-134,प्रश्न-8
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| |type="()"}
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| -कार्ल मार्क्स का
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| -जिंसबर्ग
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| +गोल्डनर का
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| -मैकाइवर तथा पेज का
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| {समाजीकरण होता है-(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-2,प्रश्न-12
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| |type="()"}
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| -बाल्यवस्था में
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| -युवावस्था में
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| +जीवन पर्यंत में
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| -विभिन्न अंतरालों पर
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| {सामाजिक घटनाओं के कार्यकरण विशेष हेतु 'आदर्श प्रारूप' की अवधारणा किसने विकसित की?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-5,प्रश्न-10
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| |type="()"}
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| -सोरोकिन
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| +मैक्स वेबर
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| -पाटसंस
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| -पैरेटो
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| {निम्नलिखित में सत्य कथन है (पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-27,प्रश्न-9
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| |type="()"}
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| -समाजशास्त्र समाज के सांस्कृतिक पक्ष के बाह्म स्वरूप का अध्ययन है
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| -समाजशास्त्र वैयक्तिक हितों का वैज्ञानिक अध्ययन है
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| -समाजशास्त्र के स्वरूपात्मक सम्प्रदाय के मुख्य प्रतिपादक सोरोकिन है
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| +कोम्त ने 1838 में समाजशास्त्र की नींव रखी
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| {सामाजिक प्रतिमान या मानदण्ड किसे कहते हैं?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-42,प्रश्न-9
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| |type="()"}
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| -व्यवहार के संस्थागत तरीकों को
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| -व्यहार के परिणात्मक तरीकों को
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| +व्यवहार के सांस्कृतिक एवं संस्थागत तरीककों
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| -व्यवहार के निर्माणात्मक तरीकों को
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| {यद्यपि बहुत पहले से प्रस्थिति और भूमिका की अवधारणा साहित्य में प्रयुक्त हो रही है परंतु वर्णन और विश्लेषण के उपयोगी उपादानों के रूप में इन अवधारणाओं के प्रयोग का श्रेय किसे है?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-51,प्रश्न-10
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| |type="()"}
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| +मानवशास्त्री लिंटन
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| -मानवशास्त्री सार्जेन्ट
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| -मानवशास्त्री इलियट
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| -मानवशास्त्री मैरिल
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| {समाजशास्त्री गिलिन एंड गिलिन ने समूह के वर्गीकरण में किस [[परिवार]] और जाति को स्वीकार किया गया है?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-63,प्रश्न-9
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| |type="()"}
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| -क्षेत्रीय समूह
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| -अस्थायी समूह
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| +रक्त संबंधी समूह
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| -सांस्कृतिक समूह
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| {प्राचीनतम [[विवाह]] [[संस्कार]] का वर्णन करने वाला "विवाह सूक्त" किसमें पाया जाता है?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-113,प्रश्न-10
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| |type="()"}
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| +[[ऋग्वेद]]
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| -[[यजुर्वेद]]
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| -[[सामवेद]]
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| -गृह्म सूत्र
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| {[[विवाह]] या सांस्कृतिक समानता के कारण व्यक्ति जब एक-दूसरे के निकट संपर्क में रहने लगता है तो उसमें जन्म होता है-(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-134,प्रश्न-9
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| |type="()"}
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| +आत्मसात की प्रक्रिया का
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| -संगठन की प्रक्रिया का
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| -सहनशीलता प्रक्रिया का
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| -अवसरों की समानता की प्रक्रिया का
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| {[[विवाह]] का एक प्रकार जो देवर-विवाह कहलाता है सम्पन्न होता है, एक पुरूष और-(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-2,प्रश्न-13
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| |type="()"}
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| -उसकी मतृ पत्नी की [[बहन]] के बीच
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| +उसके मतृ भाई की पत्नी के बीच
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| -निम्न जाति की महिला के बीच
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| -उच्च जाति की महिला के बीच
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| {जाति का व्यावसायिक सिद्धांत किसने दिया?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-5,प्रश्न-12
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| |type="()"}
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| +नेसफील्ड
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| -घुरिये
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| -कापड़िया
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| -रजनी कोठारी
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| {समाजशास्त्र के अध्ययन का केंद्र है-(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-27,प्रश्न-10
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| |type="()"}
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| -आदिम मनुष्य
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| +सामाजिक समूह
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| -पूंजी प्राप्त करने वाला मनुष्य
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| -व्यावहारिक सदस्य के रूप में मनुष्य
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| {आत्मसातकरण आवश्यक रूप से एक-(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-42,प्रश्न-10
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| |type="()"}
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| +सामाजिक प्रक्रिया
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| -राजनीनिक प्रक्रिया
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| -ऐतिहासिक प्रक्रिया
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| -मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया
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| {बीरस्टीड के अनुसार कौन-सा सामाजिक आदर्श नहीं है?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-51,प्रश्न-11
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| |type="()"}
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| -जनरीतियां
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| -रूढ़ियाँ
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| -कानून
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| +संघर्ष
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| {निम्नलिखित में कौन-सा कथन सही है-(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-63,प्रश्न-10
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| |type="()"}
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| -द्वितीय समूह के सदस्यों में परस्पर औपचारिक संबंधं होते हैं
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| -द्वितीयक समूहों के सदस्यों में परस्पर अनौपचारिक संबंधं होते हैं
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| +द्वितीयक समूहों के सदस्यों में पारस्परिक कोई संबंधं नहीं होते हैं
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| -कोई कथन सहीं नहीं हैं
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| {संयुक्त परिवार की प्रकृति किस प्रकार की होती है?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-113,प्रश्न-12
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| |type="()"}
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| +समाजवादी
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| -साम्यवादी
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| -नाजीवादी
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| -पूंजीवादी
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| {निम्नांकित पुस्तकों में से किसमें सी.सच. कूले ने "प्राथमिक समूह" की अवधारणा का उल्लेख किया है जो अभिलेक्षित करती है घनिष्ठ आमने सामने के सम्बंध?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-134,प्रश्न-10
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| |type="()"}
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| -कोई नहीं
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| -मानव समूह
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| -मानव समूहों की प्रकृति
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| +सामाजिक संगठन
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