"स्वप्न (खण्डकाव्य) -रामनरेश त्रिपाठी": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
(स्वप्न (खण्डकाव्य) को अनुप्रेषित (रिडायरेक्ट))
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{{बहुविकल्प|बहुविकल्पी शब्द=स्वप्न|लेख का नाम=स्वप्न (बहुविकल्पी)}}
#REDIRECT [[स्वप्न (खण्डकाव्य)]]
*[[हिंदी]] साहित्य के साहित्यकार [[रामनरेश त्रिपाठी]] कृत तीसरी आख्यानक [[खण्डकाव्य]] है।
*स्वप्न का प्रकाशन 1929 ई. में हुआ था।
*'[[मिलन]]' और [[पथिक]] की भाँति इसकी कहानी भी एक प्रेमकहानी है।
*स्वप्न का नायक 'वसंत' प्रारम्भ में अपनी प्रिया में अत्यधिक अनुरक्त है। बाद में अपनी प्रिया द्वारा ही उद्बुद्ध किये जाने पर उसे अपने कर्त्तव्यों का बोध होता है और वह शत्रुओं द्वारा आक्रांत स्वदेश की रक्षा करने के लिए निकल पड़ता है।
*स्वप्न काव्य में भी समय-समय पर यथा प्रंसग प्रकृति के कल्पना-रंजित मनोरम चित्रों की प्रदर्शनी सजाई गयी है।
*चरित्र-चित्रण की दृष्टि से नायक वसंत का चित्रण प्रियतमा और राष्ट्र-प्रेम को लेकर चलने वाले अंतर्द्वन्द के कारण सजीव हो उठा है।
 
 
 
{{लेख प्रगति|आधार=आधार1|प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{संदर्भ ग्रंथ}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
{{cite book | last =धीरेंद्र| first =वर्मा| title =हिंदी साहित्य कोश| edition =| publisher =| location =| language =हिंदी| pages =661| chapter =भाग- 2 पर आधारित}}
==बाहरी कड़ियाँ==
 
==संबंधित लेख==
{{खण्ड काव्य}}
 
__INDEX__
[[Category:खण्ड_काव्य]][[Category:साहित्य_कोश]]
[[Category:रामनरेश त्रिपाठी]]
[[Category:काव्य कोश]]

08:15, 4 अगस्त 2014 के समय का अवतरण

अनुप्रेषण का लक्ष्य: