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'''वेंगी''' अथवा 'पेडुवेंगी' एक ऐतिहासिक स्थान था। यह [[गुप्त वंश|गुप्त]] [[समुद्रगुप्त|सम्राट समुद्रगुप्त]] की प्रयाग-प्रशस्ति में वर्णित वह स्थान था, जहाँ के शासक [[हस्तिवर्मन]] को गुप्त सम्राट ने परास्त किया था- | |||
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<blockquote>'वैंगीयकहस्तिवर्मापालक्कउग्रसेनदैव राष्ट्रककुबेरकौस्थलपुरकधनंजयप्रभृति-सर्वदक्षिणापथ राजागृहणमोक्षानुग्रहजनित-प्रतापोन्मिश्रमहाभाग्यस्य च।'</blockquote> | |||
*वेंगी [[कृष्णा नदी]] और [[गोदावरी नदी]] के बीच [[आन्ध्र प्रदेश]] में एल्लौर से 7 मील की दूरी पर उत्तर में स्थित है। | |||
*[[समुद्रगुप्त]] के समय वेंगी का राजा [[हस्तिवर्मन]] या हस्तिवर्मा था, जो सम्भवतः शालंकायन वंश का था। | |||
*पूर्वी [[चालुक्य|चालुक्यों]] की राजधानी होने का गौरव वेंगी को प्राप्त हुआ था, किंतु चालुक्यों एवं [[पल्लव|पल्लवों]] के बीच इसको लेकर सदैव विवाद रहा। | |||
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10:26, 21 नवम्बर 2014 के समय का अवतरण
वेंगी अथवा 'पेडुवेंगी' एक ऐतिहासिक स्थान था। यह गुप्त सम्राट समुद्रगुप्त की प्रयाग-प्रशस्ति में वर्णित वह स्थान था, जहाँ के शासक हस्तिवर्मन को गुप्त सम्राट ने परास्त किया था-
'वैंगीयकहस्तिवर्मापालक्कउग्रसेनदैव राष्ट्रककुबेरकौस्थलपुरकधनंजयप्रभृति-सर्वदक्षिणापथ राजागृहणमोक्षानुग्रहजनित-प्रतापोन्मिश्रमहाभाग्यस्य च।'
- वेंगी कृष्णा नदी और गोदावरी नदी के बीच आन्ध्र प्रदेश में एल्लौर से 7 मील की दूरी पर उत्तर में स्थित है।
- समुद्रगुप्त के समय वेंगी का राजा हस्तिवर्मन या हस्तिवर्मा था, जो सम्भवतः शालंकायन वंश का था।
- पूर्वी चालुक्यों की राजधानी होने का गौरव वेंगी को प्राप्त हुआ था, किंतु चालुक्यों एवं पल्लवों के बीच इसको लेकर सदैव विवाद रहा।
- दूसरी शती ई. में वेंगी के शालंकायन नामक नरेशों का पता चला है। टॉल्मी ने इन्हें ही 'सलकेनोई' नाम से अभिहित किया है। इससे पहले यहां इक्ष्वाकुओं का राज्य था।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 871 |