"पांगसौ दर्रा": अवतरणों में अंतर

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*[[इतिहासकार]] अनुमान लगाते हैं कि असम में 13वीं सदी में आकर बसने वाले [[अहोम]] लोगों ने इसी दर्रे से [[भारत]] में प्रवेश किया था।
*[[इतिहासकार]] अनुमान लगाते हैं कि असम में 13वीं सदी में आकर बसने वाले [[अहोम]] लोगों ने इसी दर्रे से [[भारत]] में प्रवेश किया था।
*इस दर्रे का नाम [[म्यांमार]] के एक [[ग्राम]] 'पंगसौ' के नाम पर पड़ा है, जो दर्रे से दो कि.मी. पूर्व में बसा हुआ है।
*इस दर्रे का नाम [[म्यांमार]] के एक [[ग्राम]] 'पंगसौ' के नाम पर पड़ा है, जो दर्रे से दो कि.मी. पूर्व में बसा हुआ है।
*भारत को बर्मा से जोड़ने वाला 'लेडो मार्ग' इसी दर्रे से निकलता है।
*भारत को म्यांमार से जोड़ने वाला 'लेडो मार्ग' इसी दर्रे से निकलता है।


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11:46, 25 नवम्बर 2014 के समय का अवतरण

पांगसौ दर्रा अथवा 'पन सौंग दर्रा' अरुणाचल प्रदेश के दक्षिण म्यांमार सीमा पर स्थित है।

  • पांगसौ दर्रा समुद्री तल से 1,136 मीटर की ऊंचाई पर है।
  • इस दर्रे से होकर डिब्रूगढ़ से म्यांमार के लिए मार्ग जाता हे।
  • यह दर्रा म्यांमार से पश्चिम में असम के मैदानी इलाक़ों तक पहुँचने का सबसे सरल मार्ग है।
  • इतिहासकार अनुमान लगाते हैं कि असम में 13वीं सदी में आकर बसने वाले अहोम लोगों ने इसी दर्रे से भारत में प्रवेश किया था।
  • इस दर्रे का नाम म्यांमार के एक ग्राम 'पंगसौ' के नाम पर पड़ा है, जो दर्रे से दो कि.मी. पूर्व में बसा हुआ है।
  • भारत को म्यांमार से जोड़ने वाला 'लेडो मार्ग' इसी दर्रे से निकलता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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