"फागु पूर्णिमा": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
 
(एक दूसरे सदस्य द्वारा किए गए बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
'''फागु पूर्णिमा''' अथवा '''फगुआ''' नामक त्योहार [[बिहार]] की [[होली]] के रूप में जाना जाता है। फागु मतलब [[लाल रंग]] और [[पूर्णिमा]] यानी पूरा [[चंद्रमा]]
{{सूचना बक्सा संक्षिप्त परिचय
==उत्‍सव==
|चित्र=Phagawa-holi.jpg
बिहार और इससे लगे [[उत्तर प्रदेश]] के कुछ हिस्‍सों में इसे [[हिंदी]] [[नववर्ष]] के उत्‍सव के रूप में मनाते हैं। लोग एक-दूसरे को बधाई देते हैं। होली का त्‍योहार तीन दिनों तक मनाया जाता है। पहले दिन रात में [[होलिका दहन]] होता है, जिसे यहाँ संवत्‍सर दहन के नाम से भी जाना जाता है और लोग इस आग के चारों ओर घूमकर नृत्‍य करते हैं। अगले दिन इससे निकले राख से होली खेली जाती है, जो धुलेठी कहलाती है और तीसरा दिन रंगों का होता है। स्‍त्री और पुरुषों की टोलियाँ घर-घर जाकर डोल की थाप पर नृत्‍य करते हैं, एक-दूसरे को [[रंग]]-[[गुलाल]] लगाते हैं और पकवान खाते हैं।
|चित्र का नाम=फगुआ होली, बिहार
|विवरण='फागु पूर्णिमा' [[बिहार]] में मनाया जाने वाला [[होली]] के समान ही एक पर्व है।
|शीर्षक 1=राज्य
|पाठ 1=[[बिहार]]
|शीर्षक 2=अन्य नाम
|पाठ 2='फगुआ'
|शीर्षक 3=
|पाठ 3=
|शीर्षक 4=
|पाठ 4=
|शीर्षक 5=
|पाठ 5=
|शीर्षक 6=
|पाठ 6=
|शीर्षक 7=
|पाठ 7=
|शीर्षक 8=
|पाठ 8=
|शीर्षक 9=
|पाठ 9=
|शीर्षक 10=
|पाठ 10=
|संबंधित लेख=[[होली]], [[होलिका दहन]], [[बिहार की होली]], [[बिहार की संस्कृति]]
|अन्य जानकारी=[[बिहार]] और इससे लगे [[उत्तर प्रदेश]] के कुछ हिस्‍सों में इसे [[हिंदी]] [[नववर्ष]] के उत्‍सव के रूप में मनाया जाता है।
|बाहरी कड़ियाँ=
|अद्यतन=
}}


'''फागु पूर्णिमा''' अथवा '''फगुआ''' नामक त्योहार [[बिहार]] की [[होली]] के रूप में जाना जाता है। 'फागु' मतलब [[लाल रंग]] और [[पूर्णिमा]] यानी पूरा [[चंद्रमा]]।
*बिहार और इससे लगे [[उत्तर प्रदेश]] के कुछ हिस्‍सों में इसे [[हिंदी]] [[नववर्ष]] के उत्‍सव के रूप में मनाते हैं। लोग एक-दूसरे को बधाई देते हैं।
*[[होली]] का त्‍योहार तीन दिनों तक मनाया जाता है। पहले दिन रात में [[होलिका दहन]] होता है, जिसे यहाँ 'संवत्‍सर दहन' के नाम से भी जाना जाता है और लोग इस आग के चारों ओर घूमकर नृत्‍य करते हैं। अगले दिन इससे निकले राख से होली खेली जाती है, जो धुलेठी कहलाती है और तीसरा दिन रंगों का होता है।
*स्‍त्री और पुरुषों की टोलियाँ घर-घर जाकर [[ढोल]] की थाप पर [[नृत्य]] करते हैं, एक-दूसरे को [[रंग]]-[[गुलाल]] लगाते हैं और पकवान खाते हैं।




पंक्ति 13: पंक्ति 44:
*[http://hindi.webdunia.com/देश-होली-विभिन्न/देश-में-होली-के-विभिन्न-रूप-1080319036_1.htm होली के विभिन्न रूप]
*[http://hindi.webdunia.com/देश-होली-विभिन्न/देश-में-होली-के-विभिन्न-रूप-1080319036_1.htm होली के विभिन्न रूप]
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{होली विडियो}}
{{होली}}{{होली विडियो}}
[[Category:होली]]
[[Category:होली]]
[[Category:बिहार]][[Category:पर्व और त्योहार]][[Category:संस्कृति कोश]]
[[Category:बिहार]][[Category:पर्व और त्योहार]][[Category:संस्कृति कोश]]
__INDEX__
__INDEX__
__NOTOC__
__NOTOC__

09:56, 3 मार्च 2015 के समय का अवतरण

फागु पूर्णिमा
फगुआ होली, बिहार
फगुआ होली, बिहार
विवरण 'फागु पूर्णिमा' बिहार में मनाया जाने वाला होली के समान ही एक पर्व है।
राज्य बिहार
अन्य नाम 'फगुआ'
संबंधित लेख होली, होलिका दहन, बिहार की होली, बिहार की संस्कृति
अन्य जानकारी बिहार और इससे लगे उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्‍सों में इसे हिंदी नववर्ष के उत्‍सव के रूप में मनाया जाता है।

फागु पूर्णिमा अथवा फगुआ नामक त्योहार बिहार की होली के रूप में जाना जाता है। 'फागु' मतलब लाल रंग और पूर्णिमा यानी पूरा चंद्रमा

  • बिहार और इससे लगे उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्‍सों में इसे हिंदी नववर्ष के उत्‍सव के रूप में मनाते हैं। लोग एक-दूसरे को बधाई देते हैं।
  • होली का त्‍योहार तीन दिनों तक मनाया जाता है। पहले दिन रात में होलिका दहन होता है, जिसे यहाँ 'संवत्‍सर दहन' के नाम से भी जाना जाता है और लोग इस आग के चारों ओर घूमकर नृत्‍य करते हैं। अगले दिन इससे निकले राख से होली खेली जाती है, जो धुलेठी कहलाती है और तीसरा दिन रंगों का होता है।
  • स्‍त्री और पुरुषों की टोलियाँ घर-घर जाकर ढोल की थाप पर नृत्य करते हैं, एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाते हैं और पकवान खाते हैं।


इन्हें भी देखें: मथुरा होली चित्र वीथिका, बरसाना होली चित्र वीथिका एवं बलदेव होली चित्र वीथिका


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख