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| '''विनोद शंकर व्यास''' (जन्म- [[1902]], [[काशी]], [[उत्तर प्रदेश]]) [[हिन्दी]] के साहित्यकार थे। इनके पितामह रामशंकर व्यास [[भारतेन्दु हरिश्चन्द्र]] के घनिष्ठ मित्रों में से थे।<ref>{{cite web |url=http://www.kashikatha.com/%E0%A4%B5%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B5/%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B0/ |title=काशी के साहित्यकार|accessmonthday= 12 जनवरी|accessyear=2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref>
| | #REDIRECT [[विनोदशंकर व्यास]] |
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| *काशी (वर्तमान [[बनारस]]) में जन्में विनोद शंकर व्यास के [[पिता]] काली शंकर व्यास अच्छे [[कवि]] थे।
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| *[[जयशंकर प्रसाद]] से विनोद शंकर व्यास जी कि मित्रता हुई और साहित्यिक मण्डली के ये केन्द्र बिन्दू बन गये।
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| *‘नवपल्लम’ इनका कहानी संग्रह था, जिससे लोगों ने आपकी सृजनात्मकता को जाना।
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| *विनोद शंकर व्यास का पहला [[उपन्यास]] 'अशान्त’ दूसरा कहानी संग्रह 'तुलिका' है। इन्होंने दर्जनों कृतियाँ उपन्यास व [[कहानी]] से संबंधित लिखे थे।
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| *इन्होंने यूरोपीय लेखकों और दार्शनिकों के विचारों से [[हिन्दी]] जगत को परिचित कराने के लिए जो [[निबंध]] लिखे, वे अविस्मरणीय व अद्वितीय हैं।
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| ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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| ==संबंधित लेख==
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