"अवीक्षित": अवतरणों में अंतर

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'''अवीक्षित''' महाराज [[करंधम]] तथा वीरा (वीर्यचन्द्र की पुत्री) के पुत्र का नाम था। इसे [[बृहस्पति ऋषि|बृहस्पति]] औऱ [[बुध देवता|बुध]] देखते है औऱ [[सूर्य देव|सूर्य]] शनैश्चर एवं  [[मंगल देवता|मंगल]] से यह अवीक्षित है अर्थात अद्दष्ट है, इसलिए इनका नाम 'अवीक्षित' पड़ा।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=पौराणिक कोश|लेखक=राणाप्रसाद शर्मा|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=ज्ञानमण्डल लिमिटेड, आज भवन, संत कबीर मार्ग, वाराणसी|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=35|url=}}</ref>
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*वैदिश के राजा विशाल की पुत्री वैशालिनी के [[स्वयंवर]] में अवीक्षित गये थे, जहाँ अन्य राजाओं से युद्ध में इन्हें हार का सामना करना पड़ा और इन्हें बन्दी बना लिया गया।
*इनके [[पिता]] राजा करंधम बाद में इन्हें बन्धन मुक्त करा कर लाये। अपनी पराजय के कारण अवीक्षित अति लज्जित थे।
*अवीक्षित की [[माता]] ने किमिइच्छक व्रत कर इनके हठ को जीता था।<ref>[[मार्कण्डेयपुराण]]</ref>
*[[रामायण]] के प्रसंगानुसार [[किष्किन्धा]] के वानरराज [[बालि]] की पुत्री सुभद्रा के पति का नाम भी अवीक्षित बताया गया है।
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
==संबंधित लेख==
{{पौराणिक चरित्र}}
[[Category:पौराणिक चरित्र]][[Category:पौराणिक कोश]][[Category:प्रसिद्ध चरित्र और मिथक कोश]]
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