"गुजरी महल, हिसार": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
(''''गुजरी महल''' फिरोजशाह तुगलक द्वारा 1354 ई. में हरिया...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
No edit summary
 
(इसी सदस्य द्वारा किए गए बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
[[चित्र:Hisar-gujari-mahal-2.jpg|thumb|गुजरी महल, [[हिसार]]]]
'''गुजरी महल'''  [[फिरोजशाह तुगलक]] द्वारा 1354 ई. में [[हरियाणा]] राज्य के [[हिसार]] में बनवाये गये फिरोज शाह महल का हिस्सा है। हिसार शहर एक किले के अंदर एक दीवारों के बंदोबस्त के बीच बसा था जिसमें चार दरवाजे थे, दिल्ली गेट, मोरी गेट, नागौरी गेट और तलाकी गेट। महल में एक मस्जिद है जिसका नाम 'लाट की मस्जिद' है। यह लगभग 20 फुट ऊंची बलुआ पत्थर के स्तंभों से बनाई गयी है।
'''गुजरी महल'''  [[फिरोजशाह तुगलक]] द्वारा 1354 ई. में [[हरियाणा]] राज्य के [[हिसार]] में बनवाये गये फिरोज शाह महल का हिस्सा है। हिसार शहर एक किले के अंदर एक दीवारों के बंदोबस्त के बीच बसा था जिसमें चार दरवाजे थे, दिल्ली गेट, मोरी गेट, नागौरी गेट और तलाकी गेट। महल में एक मस्जिद है जिसका नाम 'लाट की मस्जिद' है। यह लगभग 20 फुट ऊंची बलुआ पत्थर के स्तंभों से बनाई गयी है।
==दीवान ए आम==
==दीवान ए आम==
परिसर में भी भूमिगत अपार्टमेंट है जिनको दीवान ए आम भी कहा जाता है। इसके पास जो महल है इसी को गुजरी महल कहते हैं। इस महल को फिरोज शाह ने अपनी पत्नी गुजरी के लिए बनाया गया था। यह माना जाता है कि, गुजरी सम्राट की मालकिन थी। फ़िरोज़ शाह ने जब इनसे कहा कि वह उसके साथ [[दिल्ली]] के सिंहासन चले तो गुजरी ने मना कर दिया। इसके बाद उसने अपने मंदिर के साथ हिसार में एक मंदिर का निर्माण करवाया। गुजरी महल का निर्माण 1356 में पूरा हुआ था। महल एक विशाल आयताकार मंच पर खड़ा है। [[भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण]] द्वारा इसको एक केन्द्रीय संरक्षित स्मारक घोषित किया गया है।  
परिसर में भी भूमिगत अपार्टमेंट है जिनको दीवान ए आम भी कहा जाता है। इसके पास जो महल है इसी को गुजरी महल कहते हैं। इस महल को फिरोज शाह ने अपनी पत्नी गुजरी के लिए बनाया गया था। यह माना जाता है कि, गुजरी सम्राट की मालकिन थी। फ़िरोज़ शाह ने जब इनसे कहा कि वह उसके साथ [[दिल्ली]] के सिंहासन चले तो गुजरी ने मना कर दिया। इसके बाद उसने अपने मंदिर के साथ हिसार में एक मंदिर का निर्माण करवाया। गुजरी महल का निर्माण 1356 में पूरा हुआ था। महल एक विशाल आयताकार मंच पर खड़ा है। [[भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण]] द्वारा इसको एक केन्द्रीय संरक्षित स्मारक घोषित किया गया है।  


==टीका-टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका-टिप्पणी और संदर्भ==

08:07, 23 जून 2016 के समय का अवतरण

गुजरी महल, हिसार

गुजरी महल फिरोजशाह तुगलक द्वारा 1354 ई. में हरियाणा राज्य के हिसार में बनवाये गये फिरोज शाह महल का हिस्सा है। हिसार शहर एक किले के अंदर एक दीवारों के बंदोबस्त के बीच बसा था जिसमें चार दरवाजे थे, दिल्ली गेट, मोरी गेट, नागौरी गेट और तलाकी गेट। महल में एक मस्जिद है जिसका नाम 'लाट की मस्जिद' है। यह लगभग 20 फुट ऊंची बलुआ पत्थर के स्तंभों से बनाई गयी है।

दीवान ए आम

परिसर में भी भूमिगत अपार्टमेंट है जिनको दीवान ए आम भी कहा जाता है। इसके पास जो महल है इसी को गुजरी महल कहते हैं। इस महल को फिरोज शाह ने अपनी पत्नी गुजरी के लिए बनाया गया था। यह माना जाता है कि, गुजरी सम्राट की मालकिन थी। फ़िरोज़ शाह ने जब इनसे कहा कि वह उसके साथ दिल्ली के सिंहासन चले तो गुजरी ने मना कर दिया। इसके बाद उसने अपने मंदिर के साथ हिसार में एक मंदिर का निर्माण करवाया। गुजरी महल का निर्माण 1356 में पूरा हुआ था। महल एक विशाल आयताकार मंच पर खड़ा है। भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण द्वारा इसको एक केन्द्रीय संरक्षित स्मारक घोषित किया गया है।

टीका-टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख