"पहेली 11 अगस्त 2016": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
('{| class="bharattable-green" width="100%" |- | चित्र:Paheli-logo.png|right|100px|link=पहेली {{LOCALDAY}} {{LOCAL...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
No edit summary
 
पंक्ति 9: पंक्ति 9:
-[[गरुड़]]
-[[गरुड़]]
-इनमें से कोई नहीं
-इनमें से कोई नहीं
||[[चित्र:Ravana-Sita-Jathayu-Ravi-Verma.jpg|right|100px|border|जटायु]]'जटायु' [[अरुण देवता]] के पुत्र थे। इनके भाई का नाम [[सम्पाती]] था। [[रामायण]] में [[सीता]] के हरण के प्रसंग में जटायु का उल्लेख प्रमुखता से हुआ है। जब [[लंका]] का राजा [[रावण]] सीता का हरण करके आकाश मार्ग से [[पुष्पक विमान]] में जा रहा था, तब जटायु ने रावण से युद्ध किया। युद्ध में बलशाली रावण ने जटायु के पंख काट डाले, जिससे वह मरणासन्न स्थिति में पहुँचकर पृथ्वी पर गिर पड़े। जब [[राम|श्रीराम]] और [[लक्ष्मण]] सीता की खोज कर रहे थे, तभी उन्होंने जटायु को मरणासन्न अवस्था में पाया। जटायु ने ही राम को बताया कि रावण सीता का हरण करके लंका ले गया है और बाद में उसने प्राण त्याग दिये। राम-लक्ष्मण ने उसका [[दाह संस्कार]], [[पिंडदान]] तथा जलदान किया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जटायु]]
||[[चित्र:Ravana-Sita-Jathayu-Ravi-Verma.jpg|right|100px|border|जटायु का रावण से युद्ध]]'जटायु' [[अरुण देवता]] के पुत्र थे। इनके भाई का नाम [[सम्पाती]] था। [[रामायण]] में [[सीता]] के हरण के प्रसंग में जटायु का उल्लेख प्रमुखता से हुआ है। जब [[लंका]] का राजा [[रावण]] सीता का हरण करके आकाश मार्ग से [[पुष्पक विमान]] में जा रहा था, तब जटायु ने रावण से युद्ध किया। युद्ध में बलशाली रावण ने जटायु के पंख काट डाले, जिससे वह मरणासन्न स्थिति में पहुँचकर पृथ्वी पर गिर पड़े। जब [[राम|श्रीराम]] और [[लक्ष्मण]] सीता की खोज कर रहे थे, तभी उन्होंने जटायु को मरणासन्न अवस्था में पाया। जटायु ने ही राम को बताया कि रावण सीता का हरण करके लंका ले गया है और बाद में उसने प्राण त्याग दिये। राम-लक्ष्मण ने उसका [[दाह संस्कार]], [[पिंडदान]] तथा जलदान किया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जटायु]]
</quiz>
</quiz>



13:52, 31 जुलाई 2016 के समय का अवतरण