"बाहु क़िला जम्मू": अवतरणों में अंतर
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*बाहु क़िला जम्मू से पाँच किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। | |चित्र=Bahu-Fort-Jammu.JPG | ||
*तवी नदी के तट पर स्थित सन् 1820 में बना यह | |चित्र का नाम=बाहु क़िला, [[जम्मू]] | ||
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*बाहु क़िला जम्मू से पाँच किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। तावी नदी के बाएं किनारे पर स्थित यह काफ़ी पुराना क़िला है। | |||
*तवी नदी के तट पर स्थित सन् 1820 में बना यह क़िला जम्मू की शान है। | |||
*यह मंदिर बावे वाली माता के नाम से अधिक प्रसिद्ध है। | *यह मंदिर बावे वाली माता के नाम से अधिक प्रसिद्ध है। | ||
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*बाहु क़िले के नीचे बाग-ए-बाहु नामक वाटिका है जहाँ पर पर्यटक घुमने आते हैं। | *बाहु क़िले के नीचे बाग-ए-बाहु नामक वाटिका है जहाँ पर पर्यटक घुमने आते हैं। | ||
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बाहु क़िला जम्मू
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विवरण | 'बाहु क़िला' जम्मू के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। |
राज्य | जम्मू और कश्मीर |
ज़िला | जम्मू |
निर्माता | राजा बहुलोचन |
निर्माण काल | सन 1820 |
प्रसिद्धि | पर्यटन स्थल |
संबंधित लेख | जम्मू और कश्मीर,जम्मू और कश्मीर पर्यटन, जम्मू पर्यटन
|
अन्य जानकारी | बाहु क़िले के नीचे बाग-ए-बाहु नामक वाटिका है जहाँ पर पर्यटक घुमने आते हैं। |
बाहु क़िला जम्मू और कश्मीर राज्य के जम्मू शहर में स्थित है।
- बाहु क़िला जम्मू से पाँच किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। तावी नदी के बाएं किनारे पर स्थित यह काफ़ी पुराना क़िला है।
- तवी नदी के तट पर स्थित सन् 1820 में बना यह क़िला जम्मू की शान है।
- यह मंदिर बावे वाली माता के नाम से अधिक प्रसिद्ध है।
- बाहु क़िले का निर्माण राजा बहुलोचन ने 3,000 वर्ष पहले करवाया था।
- बाहु के भीतर एक मंदिर बना हुआ है जो देवी काली को समर्पित है।
- बाहु क़िले से जम्मू शहर का बड़ा ही आकर्षक नज़ारा होता है।
- बाहु क़िले के नीचे बाग-ए-बाहु नामक वाटिका है जहाँ पर पर्यटक घुमने आते हैं।
- मंगलवार और रविवार के दिन मंदिर में भक्तों की अधिक भीड़ रहती हैं।
- बाहु क़िले के पास ख़ूबसूरत झरना, फूल और बड़े-बड़े वृक्ष मौजूद है।
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