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-[[ऋत्विक घटक]]
-[[ऋत्विक घटक]]
-[[वृन्दावनदास ठाकुर]]
-[[वृन्दावनदास ठाकुर]]
||[[चित्र:Sukumar-Ray.png|right|100px|border|रबीन्द्रनाथ ठाकुर]]'रबीन्द्रनाथ ठाकुर' [[बांग्ला भाषा]] के प्रसिद्ध [[कवि]], लेखक एवं चित्रकार थे। ये बच्चों के लिए हास्य कविता एवं कहानियाँ लिखते थे। [[सुकुमार राय]] अपने समय के प्रमुख लेखक-पत्रकार एवं चित्रकार थे। वे [[रबीन्द्रनाथ ठाकुर]] के शिष्य थे। इनके पिता उपेंद्रनाथ चौधरी बाल साहित्य में सिद्धहस्त एवं कट्टर ब्रह्मसमाजी थे। सुकुमार राय की बेतुकी [[कविता|कविताएँ]] अपनी कल्पनाशीलता छंदबद्धता और अंवेषणशक्ति वर्णन के कारण बंगाली बच्चों द्वारा आज भी याद की जाती है। सुकुमार राय विश्व में भारतीय फ़िल्मों को नई पहचान दिलाने वाले '[[भारत रत्न]]' सम्मानित सत्यजित राय के पिताजी थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[रबीन्द्रनाथ ठाकुर]]
||[[चित्र:Sukumar-Ray.png|right|100px|border|सुकुमार राय]]'सुकुमार राय' [[बांग्ला भाषा]] के प्रसिद्ध [[कवि]], लेखक एवं चित्रकार थे। ये बच्चों के लिए हास्य कविता एवं [[कहानी|कहानियाँ]] लिखते थे। [[सुकुमार राय]] अपने समय के प्रमुख लेखक-पत्रकार एवं चित्रकार थे। वे [[रबीन्द्रनाथ ठाकुर]] के शिष्य थे। इनके पिता उपेंद्रनाथ चौधरी बाल साहित्य में सिद्धहस्त एवं कट्टर ब्रह्मसमाजी थे। सुकुमार राय की बेतुकी कविताएँ अपनी कल्पनाशीलता छंदबद्धता और अंवेषणशक्ति वर्णन के कारण बंगाली बच्चों द्वारा आज भी याद की जाती है। सुकुमार राय विश्व में भारतीय फ़िल्मों को नई पहचान दिलाने वाले '[[भारत रत्न]]' सम्मानित [[सत्यजित राय]] के पिता थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सुकुमार राय]]
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