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-[[सुरेंद्रनाथ बैनर्जी]]
-[[सुरेंद्रनाथ बैनर्जी]]
-[[बारीन्द्र कुमार घोष]]
-[[बारीन्द्र कुमार घोष]]
||'सखाराम गणेश देउसकर' क्रांतिकारी लेखक, [[इतिहासकार]] तथा पत्रकार थे। ये भारतीय जनजागरण के ऐसे विचारक थे, जिनके चिंतन और लेखन में स्थानीयता और अखिल भारतीयता का अद्भुत संगम था। [[सखाराम गणेश देउसकर]] [[बाल गंगाधर तिलक|लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक]] के पक्के अनुयायी थे और [[बंगाल]] में जनजागृति लाने के कारण ये '''बंगाल के तिलक''' कहलाते थे। [[हिन्दी]] के प्रचार के लिए भी ये निरंतर प्रयत्नशील रहे। सखाराम गणेश देउसकर [[संस्कृत]], [[मराठी भाषा|मराठी]] और हिन्दी भाषा के अच्छे ज्ञाता थे। [[बांग्ला भाषा]] के प्रसिद्ध पत्र 'हितवादी' का ये संपादन करते थे। इनकी प्रेरणा से इस पत्र का 'हितवार्ता' के नाम से हिन्दी संस्करण भी निकला, जिसका संपादन पं. बाबूराव विष्णु पराड़कर ने किया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सखाराम गणेश देउसकर]]
||[[चित्र:Sakharam-Ganesh-Deuskar.png|100px|right|border|सखाराम गणेश देउसकर]]'सखाराम गणेश देउसकर' क्रांतिकारी लेखक, [[इतिहासकार]] तथा पत्रकार थे। ये भारतीय जनजागरण के ऐसे विचारक थे, जिनके चिंतन और लेखन में स्थानीयता और अखिल भारतीयता का अद्भुत संगम था। [[सखाराम गणेश देउसकर]] [[बाल गंगाधर तिलक|लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक]] के पक्के अनुयायी थे और [[बंगाल]] में जनजागृति लाने के कारण ये '''बंगाल के तिलक''' कहलाते थे। [[हिन्दी]] के प्रचार के लिए भी ये निरंतर प्रयत्नशील रहे। सखाराम गणेश देउसकर [[संस्कृत]], [[मराठी भाषा|मराठी]] और हिन्दी भाषा के अच्छे ज्ञाता थे। [[बांग्ला भाषा]] के प्रसिद्ध पत्र 'हितवादी' का ये संपादन करते थे। इनकी प्रेरणा से इस पत्र का 'हितवार्ता' के नाम से हिन्दी संस्करण भी निकला, जिसका संपादन पं. बाबूराव विष्णु पराड़कर ने किया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सखाराम गणेश देउसकर]]
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