|
|
(6 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 7 अवतरण नहीं दर्शाए गए) |
पंक्ति 8: |
पंक्ति 8: |
| | | | | |
| <quiz display=simple> | | <quiz display=simple> |
| {'कर्मण्येवाधिकारस्ते मां फलेषु कदाचना' किस धर्म ग्रंथ की उक्ति है?
| |
| |type="()"}
| |
| +[[श्रीमद्भागवत]]
| |
| -[[रामचरितमानस]]
| |
| -[[रामायण]]
| |
| -[[जयद्रथ वध]]
| |
| ||[[चित्र:Cover-Bhagavata-Purana.jpg|भागवत पुराण, गीताप्रेस गोरखपुर का आवरण पृष्ठ|100px|right]]इस कलिकाल में 'श्रीमद्भागवत पुराण' [[हिन्दू]] समाज का सर्वाधिक आदरणीय [[पुराण]] है। यह [[वैष्णव सम्प्रदाय]] का प्रमुख ग्रन्थ है। इस ग्रन्थ में [[वेद|वेदों]], [[उपनिषद|उपनिषदों]] तथा [[दर्शन शास्त्र]] के गूढ़ एवं रहस्यमय विषयों को अत्यन्त सरलता के साथ निरूपित किया गया है। इसे भारतीय [[धर्म]] और [[संस्कृति]] का विश्वकोश कहना अधिक उपयुक्त होगा।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[श्रीमद्भागवत]]
| |
|
| |
| {निम्नलिखित में से कौन-सा एक [[शास्त्रीय नृत्य]] नहीं है?
| |
| |type="()"}
| |
| -[[कत्थक]]
| |
| -[[ओडिसी]]
| |
| +[[गरबा नृत्य]]
| |
| -[[मणिपुरी]]
| |
| ||[[चित्र:Garba-Dance.jpg|right|120px|गरबा नृत्य, गुजरात]]गरबा नृत्य [[गुजरात]] की महिलाओं द्वारा किया जाने वाला गोलाकार नृत्य रूप है और यह नृत्य [[नवरात्रि]], [[शरद पूर्णिमा]], [[बसंत पंचमी]], [[होली]] और अन्य उत्सवों में किया जाता है। 'गरबा' का जन्म एक दीपक के अनुसार किया गया है, जिसे 'गर्भदीप' कहते हैं, जिसका अर्थ है, 'मटके के अंदर रखा हुआ दीपक'।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गरबा नृत्य]]
| |
|
| |
| {[[भारत]] में सर्वप्रथम [[ईसाई धर्म]] का प्रचार किसने किया था?
| |
| |type="()"}
| |
| +सेंट थॉमस
| |
| -[[वास्को द गामा]]
| |
| -लॉर्ड क्लाइव
| |
| -सेंट कर्टियर
| |
|
| |
| {'चूहों के मन्दिर' के नाम से विख्यात मन्दिर है-
| |
| |type="()"}
| |
| +करणीमाता मन्दिर
| |
| -[[लिंगराज मन्दिर]]
| |
| -[[कोणार्क सूर्य मन्दिर|कोणार्क मन्दिर]]
| |
| -[[राधारमण जी मन्दिर वृन्दावन|राधारमण मन्दिर]]
| |
|
| |
| {[[राजस्थान]] का [[पुष्कर]] मेला किस [[माह]] में लगता है?
| |
| |type="()"}
| |
| -अक्टूबर
| |
| -नवम्बर
| |
| +फ़रवरी
| |
| -मार्च
| |
|
| |
| {किस वैदिक ग्रंथ में [[मंत्र|मंत्रों]] और [[देवता|देवताओं]] की प्रार्थना का संग्रह है?
| |
| |type="()"}
| |
| +[[ॠग्वेद]]
| |
| -[[यजुर्वेद]]
| |
| -[[सामवेद]]
| |
| -[[अथर्ववेद]]
| |
| ||[[चित्र:Rigveda.jpg|ॠग्वेद का आवरण पृष्ठ|100px|right]][[ॠग्वेद]] सबसे प्राचीनतम ग्रंथ है। 'ॠक' का अर्थ होता है, छन्दोबद्ध रचना या [[श्लोक]]। ॠग्वेद के सूक्त विविध [[देवता|देवताओं]] की स्तुति करने वाले भाव भरे गीत हैं। इनमें भक्तिभाव की प्रधानता है। यद्यपि ॠग्वेद में अन्य प्रकार के सूक्त भी हैं, परन्तु देवताओं की स्तुति करने वाले स्त्रोतों की प्रधानता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ॠग्वेद]]
| |
|
| |
| {निम्न में से [[महाभारत]] का [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]] अनुवाद कौन-सा है?
| |
| |type="()"}
| |
| +रज्मनामा
| |
| -हज्मनामा
| |
| -सीर-ए-अकबर
| |
| -यार-ए-दानिश
| |
|
| |
| {[[श्रीमद्भागवत|श्रीमद्भागवतगीता]] में कितने अध्याय व [[संस्कृत]] [[श्लोक]] हैं?
| |
| |type="()"}
| |
| -16 अध्याय व 600 संस्कृत श्लोक
| |
| +18 अध्याय व 700 संस्कृत श्लोक
| |
| -16 अध्याय व 650 संस्कृत श्लोक
| |
| -20 अध्याय व 800 संस्कृत श्लोक
| |
|
| |
| {[[कत्थक नृत्य]] कहाँ की नृत्य शैली है?
| |
| |type="()"}
| |
| -[[मणिपुर]]
| |
| -[[केरल]]
| |
| -[[उड़ीसा]]
| |
| +[[उत्तर प्रदेश]]
| |
| ||[[चित्र:Tajmahal-1.jpg|right|120px|ताजमहल, आगरा]]उत्तर प्रदेश सघन आबादी वाले [[गंगा नदी]] और [[यमुना नदी]] के मैदान में बसा है। लगभग 16 करोड़ की जनसंख्या के साथ [[उत्तर प्रदेश]] केवल [[भारत]] ही नहीं, बल्कि विश्व की सर्वाधिक आबादी वाला उपराष्ट्रीय प्रदेश है। समूचे विश्व के सिर्फ़ पांच राष्ट्रों [[चीन]], भारत, [[संयुक्त राज्य अमरीका]], इंडोनिशिया और ब्राज़ील की जनसंख्या ही उत्तर-प्रदेश की जनसंख्या से अधिक है। उत्तर प्रदेश का भारतीय एवं [[हिन्दू धर्म]] के इतिहास में बहुत योगदान है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[उत्तर प्रदेश]]
| |
|
| |
| {[[चोल वंश|चोल]] राजाओं ने किस [[धर्म]] को संरक्षण दिया?
| |
| |type="()"}
| |
| -[[जैन धर्म]]
| |
| -[[बौद्ध धर्म]]
| |
| +[[शैव धर्म]]
| |
| -[[वैष्णव धर्म]]
| |
| ||[[भारत]] के धार्मिक सम्प्रदायों में शैव मत प्रमुख हैं। [[वैष्णव]], [[शाक्त]] आदि सम्प्रदायों के अनुयायियों से इसके मानने वालों की सख्या अधिक है। [[शिव]] त्रिमूर्ति में से तीसरे हैं, जिनका विशिष्ट कार्य संहार करना है। शैव वह धार्मिक सम्प्रदाय हैं, जो शिव को ही ईश्वर मानकर आराधना करता है। शिव का शाब्दिक अर्थ है, 'शुभ', 'कल्याण', 'मंगल', श्रेयस्कर' आदि, यद्यपि शिव का कार्य संहार करना है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[शैव धर्म]]
| |
|
| |
| {[[भारत]] में [[चित्रकला]] किसके समय में प्रसिद्धि के शिखर पर पहुँच गई? | | {[[भारत]] में [[चित्रकला]] किसके समय में प्रसिद्धि के शिखर पर पहुँच गई? |
| |type="()"} | | |type="()"} |
पंक्ति 89: |
पंक्ति 14: |
| -[[शाहजहाँ]] | | -[[शाहजहाँ]] |
| -[[औरंगजेब]] | | -[[औरंगजेब]] |
| ||[[चित्र:Jahangir.jpg|जहाँगीर|100px|right]][[जहाँगीर]] के चरित्र में एक अच्छा लक्षण था - प्रकृति से ह्रदय से आनंद लेना तथा फूलों को प्यार करना, उत्तम सौन्दर्य, बोधात्मक रुचि से सम्पन्न। स्वयं चित्रकार होने के कारण जहाँगीर [[कला]] एवं [[साहित्य]] का पोषक था। उसका ‘तुजूके-जहाँगीरी’ संस्मरण उसकी साहित्यिक योग्यता का प्रमाण है। उसने कष्टकर चुंगियों एवं करों को समाप्त किया तथा हिजड़ों के व्यापार का निषेध करने का प्रयास किया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जहांगीर]] | | ||[[चित्र:Jahangir.jpg|जहाँगीर|100px|right]][[जहाँगीर]] के चरित्र में एक अच्छा लक्षण था - प्रकृति से हृदय से आनंद लेना तथा फूलों को प्यार करना, उत्तम सौन्दर्य, बोधात्मक रुचि से सम्पन्न। स्वयं चित्रकार होने के कारण जहाँगीर [[कला]] एवं [[साहित्य]] का पोषक था। उसका ‘तुजूके-जहाँगीरी’ संस्मरण उसकी साहित्यिक योग्यता का प्रमाण है। उसने कष्टकर चुंगियों एवं करों को समाप्त किया तथा हिजड़ों के व्यापार का निषेध करने का प्रयास किया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जहांगीर]] |
|
| |
|
| {[[वेद]] शब्द का शाब्दिक अर्थ क्या है? | | {[[वेद]] शब्द का शाब्दिक अर्थ क्या है? |