"महाभारत सामान्य ज्ञान 10": अवतरणों में अंतर

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{निम्नलिखित में से किसे 'पांचाली' कहा जाता था?
|type="()"}
+[[द्रौपदी]]
-[[सुभद्रा]]
-[[उत्तरा]]
-इनमें से कोई नहीं
||[[चित्र:Draupadi.jpg|right|100px|द्रौपदी ]]द्रौपदी [[पांचाल|पांचाल जनपद]] के [[द्रुपद|राजा द्रुपद]] की पुत्री थी। पांचाल पौराणिक [[सोलह महाजनपद|सोलह महाजनपदों]] में से एक था। [[द्रौपदी]] का जन्म द्रुपद के यहाँ सम्पन्न हुए एक यज्ञकुण्ड से हुआ था। अतः वह 'यज्ञसेनी' भी कहलाई। [[यज्ञ]] की [[अग्नि]] में से उत्पन्न होने के कारण ही वह कुछ क्रोधी स्वभाव की थी। द्रौपदी का [[विवाह]] [[कुंती]] के पुत्र पाँचों [[पाण्डव]] से हुआ था। पांडवों की पत्नी द्रौपदी को पांचाल की राजकुमारी होने के कारण ही "पांचाली" कहा गया था। स्वयंवर में [[अर्जुन]] ने द्रौपदी को जीत लिया था। जब वे भाइयों के साथ वापस घर आये तो कुंती से कहा कि "माँ हम भिक्षा ले आये"। इस पर कुंती ने कह दिया कि "पाँचों भाई आपस में बाँट लो"। इसीलिए द्रौपदी पाँचों पाण्डवों की पत्नी बनी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[द्रौपदी]]
{निम्नलिखित में से कौन-सा [[पाण्डव]] [[माद्री]] का पुत्र था?
|type="()"}
-[[भीम]]
-[[अर्जुन]]
+[[नकुल]]
-उपरोक्त में से कोई नहीं
||नकुल [[महाभारत]] के मुख्य पात्रों में से एक थे। वे [[कुन्ती]] के नहीं अपितु [[माद्री]] के पुत्र थे। [[नकुल]] बहुत ही सुन्दर, रूपवान, धर्मशास्त्र, नीति तथा पशु-चिकित्सा में दक्ष थे। [[पाण्डव|पाण्डवों]] के [[अज्ञातवास]] के समय नकुल [[विराट]] के यहाँ 'ग्रंथिक' नाम से [[गाय]] चराने और घोड़ों की देखभाल का कार्य करते थे। [[द्रौपदी]] के अतिरिक्त इनकी स्त्री 'करेणुमती' [[चेदि जनपद|चेदि]] के राजा की कन्या थीं। 'निरमित्र' और 'शतानीक' नामक इनके दो पुत्र थे। नकुल को इस बात का अभिमान था कि एकमात्र मैं ही सबसे अधिक रूपवान हूँ। इसलिए स्वर्ग जाते समय वे मार्ग में ही धराशायी हो गए।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[नकुल]]
{निम्न नगरी में से किस एक का नाम 'मधुनगरी' भी था?
|type="()"}
-[[द्वारिका]]
+[[मथुरा]]
-[[पांचाल]]
-[[गोकुल]]
||[[चित्र:Rath-Yatra-Rang-Ji-Temple-Vrindavan-Mathura-5.jpg|right|100px|रथ मेला, वृन्दावन, मथुरा]]मथुरा [[उत्तर प्रदेश]] राज्य का एक ऐतिहासिक एवं धार्मिक नगर है, जो पर्यटन स्थल के रूप में भी बहुत प्रसिद्ध है। [[मथुरा]] भगवान [[श्रीकृष्ण]] की जन्मस्थली और [[भारत]] की परम प्राचीन तथा जगद्-विख्यात नगरी है। पौराणिक साहित्य में मथुरा को अनेक नामों से संबोधित किया गया है, जैसे- '[[शूरसेन जनपद|शूरसेन नगरी]]', 'मधुपुरी', 'मधुनगरी', 'मधुरा' आदि। मथुरा जनपद [[उत्तर प्रदेश]] की पश्चिमी सीमा पर स्थित है। इसके पूर्व में [[एटा]], उत्तर में [[अलीगढ़]], दक्षिण-पूर्व में [[आगरा]], दक्षिण-पश्चिम में [[राजस्थान]] एवं पश्चिम-उत्तर में [[हरियाणा|हरियाणा राज्य]] स्थित हैं। [[मथुरा]], [[आगरा मण्डल]] का उत्तर-पश्चिमी ज़िला है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मथुरा]]
{निम्नलिखित में से [[राधा]] किस [[गोप]] की पुत्री थीं?
|type="()"}
-[[नन्द]]
-[[वसुदेव]]
-[[उद्धव]]
+[[वृषभानु]]
||[[चित्र:Radha-Krishna-1.jpg|right|80px|राधा-कृष्ण]][[राधा]] के [[पिता]] [[ब्रज]] के एक प्रतिष्ठित और प्रसिद्ध [[गोप]] थे। [[श्रीकृष्ण]] की विख्यात प्राणसखी और उपासिका राधा '[[वृषभानु]]' नामक गोप की पुत्री थीं। उन्हें कृष्ण की प्रेमिका और कहीं-कहीं पत्नी के रूप में माना जाता हैं। कृष्णभक्ति-काव्य में वृषभानु के चरित्र का गौण स्थान है। [[राधा]]-[[कृष्ण]] शाश्वत प्रेम का प्रतीक हैं। राधा की माता 'कीर्ति' के लिए 'वृषभानु पत्नी' शब्द का प्रयोग किया जाता है। राधा को कृष्ण की प्रेमिका और कहीं-कहीं पत्नी के रूप में माना जाता हैं। राधा को 'पद्मपुराण' में वृषभानु नाम के एक राजा की कन्या बताया है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[राधा]], [[वृषभानु]]
{[[श्रीकृष्ण]] ने [[कालिय नाग]] का दमन किस स्थान पर किया था?
|type="()"}
-[[ब्रह्माण्ड घाट महावन|ब्रह्माण्डघाट]]
-[[कंस टीला मथुरा|कंस टीला]]
+[[कालियदह]]
-[[निधिवन वृन्दावन|निधिवन]]
||[[चित्र:Kaliya-Mardan-krishna.jpg|right|100px|फन पर नृत्यरत कृष्ण]]सनातन धर्म के अनुसार भगवान [[विष्णु]] सर्वपापहारी पवित्र और समस्त मनुष्यों को भोग तथा मोक्ष प्रदान करने वाले प्रमुख [[देवता]] हैं। [[श्रीकृष्ण]] इन्हीं का [[अवतार]] माने जाते हैं। जब कालिया नाग [[मथुरा]] में [[यमुना नदी]] के अन्दर अपने परिवार सहित आकर निवास करने लगा, तब यमुना का पानी जहरीला होने लगा, जिसे पीकर पशु आदि मरने लगे। श्रीकृष्ण ने सखाओं के साथ खेलते समय गेंद जानबूझकर यमुना में फेंक दी और स्वयं भी यमुना में कूद पड़े। [[श्रीकृष्ण]] ने कालिया नाग का '[[कालियदह]]' स्थान पर दमन किया। इस स्थान के निकट ही 'केलि-कदम्ब' है, जिस पर चढ़कर श्रीकृष्ण कालीयदह में बड़े वेग से कूदे थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कालियदह]], [[श्रीकृष्ण]]
{निम्नलिखित में से कौन दासी पुत्र थे?
{निम्नलिखित में से कौन दासी पुत्र थे?
|type="()"}
|type="()"}

11:16, 2 मार्च 2017 के समय का अवतरण

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1 निम्नलिखित में से कौन दासी पुत्र थे?

कर्ण
विदुर
नकुल
उत्तर

2 द्रौपदी किसके वरदान से पाँच पतियों की पत्नी बनी थी?

इन्द्र
विष्णु
शिव
ब्रह्मा

4 निम्न में से कौन आठ वसुओं में से एक थे?

भीष्म
युधिष्ठिर
भीम
अश्वत्थामा

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