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-[[प्रताप नारायण मिश्र]]
-[[प्रताप नारायण मिश्र]]
-[[श्यामसुन्दर दास]]
-[[श्यामसुन्दर दास]]
||'विवेकी राय' [[हिन्दी]] और [[भोजपुरी भाषा]] के प्रसिद्ध साहित्यकार थे। वे ग्रामीण [[भारत]] के प्रतिनिधि रचनाकार थे। [[विवेकी राय]] ने 50 से अधिक पुस्तकों की रचना की थी। वे ललित निबंध, [[कथा साहित्य]] और कविता कर्म में समभ्यस्त थे। आज भी विवेकी राय को ‘कविजी’ उपनाम से जाना जाता है। सन [[1945]] में डॉ. विवेकी राय की प्रथम [[कहानी]] ‘पाकिस्तानी’ दैनिक ‘आज’ में प्रकाशित हुई थी। इसके बाद इनकी लेखनी हर विधा पर चलने लगी, जो कभी थमनें का नाम ही नहीं ले सकी। इनका रचना कार्य [[कविता]], [[कहानी]], [[उपन्यास]], [[निबन्ध]], [[रेखाचित्र]], [[संस्मरण]], [[रिपोर्ताज]], डायरी, [[समीक्षा]], सम्पादन एवं पत्रकारिता आदि विविध विधाओं से जुड़े रहे थे। अब तक इन सभी विधाओं से सम्बन्धित लगभग 60 कृतियाँ आपकी प्रकाशित हो चुकी हैं और लगभग 10 प्रकाशनाधीन हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[विवेकी राय]]
||[[चित्र:Viveki-Rai.jpg|right|100px|border|विवेकी राय]]'विवेकी राय' [[हिन्दी]] और [[भोजपुरी भाषा]] के प्रसिद्ध साहित्यकार थे। वे ग्रामीण [[भारत]] के प्रतिनिधि रचनाकार थे। [[विवेकी राय]] ने 50 से अधिक पुस्तकों की रचना की थी। वे ललित निबंध, [[कथा साहित्य]] और कविता कर्म में समभ्यस्त थे। आज भी विवेकी राय को ‘कविजी’ उपनाम से जाना जाता है। सन [[1945]] में डॉ. विवेकी राय की प्रथम [[कहानी]] ‘पाकिस्तानी’ दैनिक ‘आज’ में प्रकाशित हुई थी। इसके बाद इनकी लेखनी हर विधा पर चलने लगी, जो कभी थमनें का नाम ही नहीं ले सकी। इनका रचना कार्य [[कविता]], [[कहानी]], [[उपन्यास]], [[निबन्ध]], [[रेखाचित्र]], [[संस्मरण]], [[रिपोर्ताज]], डायरी, [[समीक्षा]], सम्पादन एवं पत्रकारिता आदि विविध विधाओं से जुड़े रहे थे। अब तक इन सभी विधाओं से सम्बन्धित लगभग 60 कृतियाँ आपकी प्रकाशित हो चुकी हैं और लगभग 10 प्रकाशनाधीन हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[विवेकी राय]]
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