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| <quiz display=simple> | | <quiz display=simple> |
| {'मीनाक्षी मन्दिर' कहाँ अवस्थित है?
| | {[[उत्तर प्रदेश]] में [[जैन]] एवं [[बौद्ध]] दोनों धर्मों का एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल कौन-सा है? |
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| -[[कांचीपुरम]] में
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| -[[तिरुपति]] में
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| +[[मदुरा]] में
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| -[[खजुराहो]] में
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| ||[[चित्र:Meenakshi-Temple-Madurai.jpg|मीनाक्षी मंदिर, मदुरई|100px|right]]मदुरा प्राचीन काल से ही सुन्दर सूती वस्त्रों तथा [[मोती|मोतियों]] के लिए प्रसिद्ध रहा है। [[कौटिल्य]] तथा टॉल्मी ने [[मदुरा]] के वस्त्रों की प्रशंसा की है। इस नगर में अनेक भव्य मन्दिर हैं, जिनमें 'मीनाक्षी मन्दिर' उल्लेखनीय हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मदुरा]]
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| {[[कोणार्क]] के [[सूर्य मन्दिर कोणार्क|सूर्य मन्दिर]] का निर्माता कौन है?
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| |type="()"}
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| -[[राजेन्द्र द्वितीय]]
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| -[[राजराज प्रथम]]
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| +नरसिंह देव द्वितीय
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| -[[कृष्णदेव राय]]
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| {'[[भीमबेटका गुफ़ाएँ भोपाल|भीमबेटका गुफ़ा]]' किस राज्य में है?
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| |type="()"}
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| -[[गुजरात]]
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| -[[राजस्थान]]
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| -[[महाराष्ट्र]]
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| +[[मध्य प्रदेश]]
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| ||[[चित्र:Khajuraho-Madhya-Pradesh.jpg|[[खजुराहो]], मध्य प्रदेश|100px|right]]मध्य प्रदेश में भारतीय ऐतिहासिक संस्कृति के अनेक अवशेष, जिनमें पाषाण चित्र और पत्थर व [[धातु]] के औज़ार शामिल हैं, नदियों, घाटियों और अन्य इलाक़ों में मिले हैं। वर्तमान [[मध्य प्रदेश]] का सबसे प्रारम्भिक अस्तित्वमान राज्य [[अवंति]] था, जिसकी राजधानी [[उज्जैन]] थी। मध्य प्रदेश के पश्चिमी भाग में स्थित यह राज्य [[मौर्य साम्राज्य]] का [[अंग]] था, जो बाद में [[मालवा]] के नाम से जाना गया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मध्य प्रदेश]]
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| {'विद्यासागर सेतु' कहाँ स्थित है?
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| |type="()"}
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| -[[कटक]]
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| -[[रामेश्वरम]]
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| +[[कोलकाता]]
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| -[[मदुरा]]
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| ||[[चित्र:Nivedita-Setu-Kolkata.jpg|निवेदिता सेतु, कोलकाता|100px|right]][[हावड़ा पुल|हावड़ा]] और [[कोलकाता]] के बीच एक दूसरे पुल, 'विद्यासागर सेतु' का प्रयोग भी किया जाता है। [[ग्रांड ट्रंक रोड]] (राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-2) [[भारत]] के सबसे पुराने मार्गों में से एक है। यह हावड़ा से [[कश्मीर]] तक जाता है, और शहर को उत्तर [[भारत]] से जोड़ने वाला मुख्य मार्ग है। अन्य राष्ट्रीय राजमार्ग कोलकाता को भारत के पश्चिमी तट, उत्तरी [[बंगाल]] और [[बांग्लादेश]] की सीमाओं से जोड़ते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कोलकाता]]
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| {विश्व के सात नए अजूबों में 'चिचेन इट्जा' को सम्मिलित किया गया है। यह कहाँ स्थित है?
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| |type="()"}
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| +मैक्सिको में
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| -पेरू में
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| -जॉर्डन में
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| -[[रोम]] में
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| {प्रख्यात सांस्कृतिक केन्द्र 'भारत भवन' स्थित है-
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| |type="()"}
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| -[[लखनऊ]] में
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| +[[भोपाल]] में
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| -[[पटना]] में
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| -[[इन्दौर]] में
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| ||[[चित्र:Moti-Masjid.jpg|मोती मस्जिद, भोपाल|100px|right]]भोपाल का [[मध्य प्रदेश]] के पर्यटन स्थलों में बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान है। [[भोपाल]] शहर प्राकृतिक सुन्दरता और सांस्कृतिक विरासत के साथ-साथ आधुनिक शहर के सभी आयाम प्रस्तुत करता है। प्राचीनता के वैभव से मन भर जाए और अगर [[मध्यकालीन भारत]] को देखने का मन करे, तो आप भोपाल शहर में घूमना शुरू कर सकते हैं, क्योंकि भोपल ने अपने अन्दर आज भी नवाबी तहजीब और नवानियत को क़ैद कर रखा है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[भोपाल]]
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| {'भारत महोत्सव' की शुरुआत किस वर्ष हुई थी।
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| |type="()"}
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| +1982
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| -1977
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| -1985
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| -1986
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| {'भारतीय पुरातत्व विज्ञान' का जन्मदाता किसे कहा जाता है?
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| |type="()"}
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| -दयाराम साहनी
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| -राखालदास बनर्जी
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| +[[कनिंघम|अलेक्ज़ेण्डर कनिंघम]]
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| -यज्ञदत्त शर्मा
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| ||[[चित्र:Alexander Cunningham.jpg|right|100px|अलेक्ज़ेण्डर कनिंघम]]अलेक्ज़ेण्डर कनिंघम ने भारतीय भूगोल लिखते समय यह माना कि, 'क्लीसीबोरा' नाम [[वृन्दावन]] के लिए है। इस विषय में [[कनिंघम|अलेक्ज़ेण्डर कनिंघम]] ने लिखा कि, [[कालिय नाग|कालिया नाग]] के वृन्दावन निवास के कारण यह नगर 'कालिकावर्त' नाम से जाना गया। [[यूनानी]] लेखकों के क्लीसोबोरा का पाठ वे 'कालिसोबोर्क' या 'कालिकोबोर्त' मानते हैं। उन्हें [[इंडिका]] की एक प्राचीन प्रति में 'काइरिसोबोर्क' पाठ मिला, जिससे उनके इस अनुमान को बल मिला।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कनिंघम|अलेक्ज़ेण्डर कनिंघम]]
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| {'भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण' (ए.एस.आई.) निम्नलिखित विभागों/मंत्रालयों में से किसका संलग्न कार्यालय है?
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| |type="()"}
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| +[[संस्कृति]]
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| -[[पर्यटन]]
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| -विज्ञान एंव प्रौद्योगिकी
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| -मानव संसाधन विकास
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| {निम्नलिखित में से कौन-सी अकादमी [[भारत]] में [[नृत्य कला|नृत्य]], नाटक तथा [[संगीत]] के विकास को प्रोत्साहन देने के लिए उत्तरदायी है?
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| |type="()"}
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| +[[संगीत नाटक अकादमी|संगीत अकादमी]]
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| -[[ललित कला अकादमी]]
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| -[[साहित्य अकादमी]]
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| -[[राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय|नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा]]
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| {[[उत्तर प्रदेश]] में [[जैन]] एंव [[बौद्ध]] दोनों धर्मों का एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल कौन-सा है? | |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -[[सारनाथ]] | | -[[सारनाथ]] |
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| +[[कौशाम्बी]] | | +[[कौशाम्बी]] |
| -देवीपाटन | | -देवीपाटन |
| ||[[चित्र:Buddha1.jpg|अभिलिखित अभय मुद्रा में बुद्ध|100px|right]][[उदयन]] के समय में [[गौतमबुद्ध]] [[कौशाम्बी]] में अक्सर आते-जाते रहते थे। उनके सम्बन्ध के कारण कौशाम्बी के अनेक स्थान सैकड़ों वर्षों तक प्रसिद्ध रहे। [[बुद्धचरित]] 21,33 के अनुसार कौशाम्बी में, बुद्ध ने 'धनवान', 'घोषिल', 'कुब्जोत्तरा' तथा अन्य महिलाओं तथा पुरुषों को दीक्षित किया था। यहाँ के विख्यात श्रेष्ठी घोषित (सम्भवतः बुद्धचरित का घोषिल) ने 'घोषिताराम' नाम का एक सुन्दर उद्यान बुद्ध के निवास के लिए बनवाया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कौशाम्बी]] | | ||[[चित्र:Buddha1.jpg|अभिलिखित अभय मुद्रा में बुद्ध|100px|right]][[उदयन]] के समय में [[गौतमबुद्ध]] [[कौशाम्बी]] में अक्सर आते-जाते रहते थे। उनके सम्बन्ध के कारण कौशाम्बी के अनेक स्थान सैकड़ों वर्षों तक प्रसिद्ध रहे। [[बुद्धचरित]] 21,33 के अनुसार कौशाम्बी में, बुद्ध ने 'धनवान', 'घोषिल', 'कुब्जोत्तरा' तथा अन्य महिलाओं तथा पुरुषों को दीक्षित किया था। यहाँ के विख्यात श्रेष्ठी घोषित (सम्भवतः बुद्धचरित का घोषिल) ने '[[घोषिताराम]]' नाम का एक सुन्दर उद्यान बुद्ध के निवास के लिए बनवाया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कौशाम्बी]] |
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| {'नवोदय विद्यालय' में दाख़िला किस कक्षा में होता है? | | {'नवोदय विद्यालय' में दाख़िला किस कक्षा में होता है? |