"खिल-खिल खिल-खिल हो रही -काका हाथरसी": अवतरणों में अंतर
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कली बन गईं फूल, हास्य की अद्भुत माया | कली बन गईं फूल, हास्य की अद्भुत माया | ||
रंजोग़म हो ध्वस्त, मस्त हो जाती काया | रंजोग़म हो ध्वस्त, मस्त हो जाती काया | ||
संग्रहीत कवि मीत, मंच पर जब-जब गाएँ | |||
हाथ मिलाने स्वयं दूर-दर्शन जी आएँ | हाथ मिलाने स्वयं दूर-दर्शन जी आएँ | ||
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08:23, 21 मई 2017 के समय का अवतरण
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खिल-खिल खिल-खिल हो रही, श्री यमुना के कूल |