"मारने वाला है भगवान बचाने वाला है भगवान": अवतरणों में अंतर

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मारने वाला है भगवान,
श्रद्धा रखो जगत् के लोगों, अपने दीनानाथ में।
बचाने वाला है भगवान ।
लाभ हानि जीवन और मृत्यु, सब कुछ उस के हाथ में॥


बाल न बाँका होता..,
मारने वाला है भगवान, बचाने वाला है भगवान।
जिसका रक्षक दयानिधान ।।
बाल ना बांका होता उसका, जिसका रक्षक दयानिधान


त्याग दो रे भाई कल की आशा,
त्याग दो रे भाई फल की आशा, स्वार्थ बिना प्रीत जोड़ो।
स्वार्थ बिना प्रीत जोडो..,
कल क्या होगा इस की चिंता, जगत् पिता पर छोड़ो।
क्या होनी है क्या अनहोनी, सब का उसको ज्ञान॥


कल क्या होगा इसती चिंता,
जल थल अगन आकाश पवन पर केवल उसकी सत्ता।
जगतपिता पर छोडो...,
प्रभु इच्छा बिना यहाँ पर हिल ना सके एक पत्ता।
 
उसी का सौदा यहाँ पे होता, उस की शक्ति महान॥
क्या होनी क्या अनहोनी,
सबका उसको ज्ञान..,
 
मारने वाला है भगवान,
बचाने वाला है भगवान..।।
 
हरिबोल, हरिबोल
श्रीहरि श्रीहरि श्रीहरि श्रीहरि
हरिबोल, हरिबोल
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13:57, 30 जून 2017 के समय का अवतरण

मारने वाला है भगवान बचाने वाला है भगवान
कवि प्रदीप
कवि प्रदीप
विवरण मारने वाला है भगवान बचाने वाला है भगवान एक प्रसिद्ध फ़िल्मी एवं भक्ति गीत है।
रचनाकार कवि प्रदीप
फ़िल्म हरि दर्शन (1972)
संगीतकार कल्याणजी-आनन्दजी
गायक/गायिका लता मंगेशकर
अन्य जानकारी कवि प्रदीप का मूल नाम 'रामचंद्र नारायणजी द्विवेदी' था। प्रदीप हिंदी साहित्य जगत् और हिंदी फ़िल्म जगत् के एक अति सुदृढ़ रचनाकार रहे। कवि प्रदीप 'ऐ मेरे वतन के लोगों' सरीखे देशभक्ति गीतों के लिए जाने जाते हैं।

श्रद्धा रखो जगत् के लोगों, अपने दीनानाथ में।
लाभ हानि जीवन और मृत्यु, सब कुछ उस के हाथ में॥

मारने वाला है भगवान, बचाने वाला है भगवान।
बाल ना बांका होता उसका, जिसका रक्षक दयानिधान ॥

त्याग दो रे भाई फल की आशा, स्वार्थ बिना प्रीत जोड़ो।
कल क्या होगा इस की चिंता, जगत् पिता पर छोड़ो।
क्या होनी है क्या अनहोनी, सब का उसको ज्ञान॥

जल थल अगन आकाश पवन पर केवल उसकी सत्ता।
प्रभु इच्छा बिना यहाँ पर हिल ना सके एक पत्ता।
उसी का सौदा यहाँ पे होता, उस की शक्ति महान॥


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