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||[[हिन्दू धर्म]] के [[संस्कार|संस्कारों]] में [[गर्भाधान संस्कार]] प्रथम संस्कार है। यहीं से बालक का निर्माण होता है। गृहस्थाश्रम में प्रवेश करने के | ||[[हिन्दू धर्म]] के [[संस्कार|संस्कारों]] में [[गर्भाधान संस्कार]] प्रथम संस्कार है। यहीं से बालक का निर्माण होता है। गृहस्थाश्रम में प्रवेश करने के पश्चात् दम्पति-युगल को पुत्र उत्पन्न करने के लिए मान्यता दी गयी है। इसलिये शास्त्र में कहा गया है कि- "उत्तम संतान प्राप्त करने के लिए सबसे पहले 'गर्भाधान संस्कार' करना होता है। पितृ-ऋण से उऋण होने के लिए ही संतान-उत्पादनार्थ यह [[संस्कार]] किया जाता है। इस संस्कार से बीज तथा गर्भ से सम्बन्धित मलिनता आदि दोष दूर हो जाते हैं, जिससे उत्तम संतान की प्राप्ति होती है। दांपत्य-जीवन का सर्वोच्च उद्देश्य है- "श्रेष्ठ गुणों वाली, स्वस्थ, ओजस्वी, चरित्रवान और यशस्वी संतान प्राप्त करना"।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गर्भाधान संस्कार]] | ||
{[[देवकी]] के सप्तम गर्भ को संकर्षण द्वारा [[रोहिणी]] के गर्भ में किसने पहुँचाया था? | {[[देवकी]] के सप्तम गर्भ को संकर्षण द्वारा [[रोहिणी]] के गर्भ में किसने पहुँचाया था? | ||
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||[[चित्र:Devi-Yogmaya.jpg|right|90px|देवी योगमाया]]'योगमाया' पौराणिक धर्म ग्रंथों और [[हिन्दू]] मान्यताओं के अनुसार देवी शक्ति हैं। भगवान [[श्रीकृष्ण]] योग योगेश्वर हैं तो भगवती 'योगमाया' हैं। [[योगमाया]] की साधना [[भक्त]] को भुक्ति और मुक्ति दोनों ही प्रदान करने वाली है। इसी योगमाया के प्रभाव से समस्त | ||[[चित्र:Devi-Yogmaya.jpg|right|90px|देवी योगमाया]]'योगमाया' पौराणिक धर्म ग्रंथों और [[हिन्दू]] मान्यताओं के अनुसार देवी शक्ति हैं। भगवान [[श्रीकृष्ण]] योग योगेश्वर हैं तो भगवती 'योगमाया' हैं। [[योगमाया]] की साधना [[भक्त]] को भुक्ति और मुक्ति दोनों ही प्रदान करने वाली है। इसी योगमाया के प्रभाव से समस्त जगत् आवृत्त है। जगत् में जो भी कुछ दिख रहा है, वह सब योगमाया की ही माया है। 'गर्गपुराण' के अनुसार [[देवकी]] के सप्तम गर्भ को देवी योगमाया ने ही संकर्षण द्वारा [[रोहिणी]] के गर्भ में पहुँचाया था, जिससे [[बलराम]] का जन्म हुआ था। इसीलिए बलराम का एक नाम '[[संकर्षण]]' भी है। बलराम को स्वयं [[शेषनाग]] का [[अवतार]] कहा गया है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[योगमाया]] | ||
{'[[सीमंतोन्नयन संस्कार]]' का क्या अर्थ है? | {'[[सीमंतोन्नयन संस्कार]]' का क्या अर्थ है? |
14:15, 30 जून 2017 के समय का अवतरण
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- इस विषय से संबंधित लेख पढ़ें:- कला प्रांगण, कला कोश, संस्कृति प्रांगण, संस्कृति कोश, धर्म प्रांगण, धर्म कोश
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