"श्रीनगर": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
छो (Text replacement - "मुगल" to "मुग़ल")
 
(11 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 23 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{{लेख सूची
|लेख का नाम=श्रीनगर
|पर्यटन=श्रीनगर पर्यटन
|ज़िला=श्रीनगर ज़िला
}}
{{बहुविकल्प|बहुविकल्पी शब्द=श्रीनगर|लेख का नाम=श्रीनगर (बहुविकल्पी)}}
{{सूचना बक्सा पर्यटन
{{सूचना बक्सा पर्यटन
|चित्र=Dal-Lake-Srinagar.jpg
|चित्र=Dal-Lake-Srinagar.jpg
|विवरण=कश्मीर घाटी के मध्य में बसा श्रीनगर [[भारत]] के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से हैं।  
|विवरण=[[कश्मीर की घाटी|कश्मीर घाटी]] के मध्य में बसा श्रीनगर [[भारत]] के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से हैं।  
|राज्य=[[जम्मू और कश्मीर]]
|राज्य=[[जम्मू और कश्मीर]]
|ज़िला=[[श्रीनगर ज़िला]]
|ज़िला=[[श्रीनगर ज़िला|श्रीनगर]]
|निर्माता=सम्राट [[अशोक]]   
|निर्माता=[[अशोक|सम्राट अशोक]]   
|स्वामित्व=
|स्वामित्व=
|प्रबंधक=
|प्रबंधक=
|निर्माण काल=तीसरी सदी ईसा पूर्व
|निर्माण काल=तीसरी [[सदी]] ईसा पूर्व
|स्थापना=
|स्थापना=
|भौगोलिक स्थिति=
|भौगोलिक स्थिति=[http://maps.google.com/maps?q=34.09,74.79&ll=34.095316,74.790115&spn=0.132771,0.220757&t=m&z=12&vpsrc=0 उत्तर- 34°5′24″; पूर्व- 74°47′24″]
|मार्ग स्थिति=यह शहर सड़क द्वारा [[जम्मू]] से 293 किमी, [[गुलमर्ग]] से 52 किमी, [[कारगिल]] से 204 किमी, [[लेह]] से 434 किमी, [[चंडीगढ़]] से 630 किमी और [[दिल्ली]] से 876 किमी. दूरी पर स्थित है।  
|मार्ग स्थिति=श्रीनगर शहर सड़क द्वारा [[जम्मू]] से 293 किमी, [[गुलमर्ग]] से 52 किमी, [[कारगिल]] से 204 किमी, [[लेह]] से 434 किमी, [[चंडीगढ़]] से 630 किमी और [[दिल्ली]] से 876 किलोमीटर दूरी पर स्थित है।  
|प्रसिद्धि=श्रीनगर विशेष रूप से झीलों और हाऊसबोट के लिए जाना जाता है और डल झील के लिए भी प्रसिद्ध है।
|प्रसिद्धि=श्रीनगर विशेष रूप से [[झील|झीलों]] और हाऊसबोट के लिए जाना जाता है।
|कब जाएँ=साल में कभी भी
|कब जाएँ=कभी भी जा सकते हैं
|यातायात=
|यातायात=रिक्शा, ऑटो-रिक्शा और  टैक्सी
|हवाई अड्डा=श्रीनगर हवाई-अड्डा
|हवाई अड्डा=शेख़ उल आलम हवाई अड्डा
|रेलवे स्टेशन=निकटतम रेलवे स्टेशन जम्मू तवी
|रेलवे स्टेशन=निकटतम रेलवे स्टेशन जम्मू तवी
|बस अड्डा=
|बस अड्डा=
|कैसे पहुँचें=हवाई जहाज़, रेल, बस  
|कैसे पहुँचें=हवाई जहाज़, रेल, बस  
|क्या देखें=[[श्रीनगर पर्यटन]]
|क्या देखें=[[श्रीनगर पर्यटन]]
|कहाँ ठहरें=[[श्रीनगर प्रवास]]
|कहाँ ठहरें=होटल, गेस्ट हाउस
|क्या खायें=
|क्या खायें=
|क्या ख़रीदें=
|क्या ख़रीदें=
|एस.टी.डी. कोड=0194
|एस.टी.डी. कोड=0194
|ए.टी.एम=
|ए.टी.एम=लगभग सभी
|सावधानी=
|सावधानी=
|मानचित्र लिंक=[http://maps.google.co.in/maps?f=q&source=s_q&hl=en&geocode=&q=Srinagar,+Jammu+and+Kashmir&sll=21.125498,81.914063&sspn=34.855829,56.513672&ie=UTF8&hq=&hnear=Srinagar,+Jammu+and+Kashmir&z=11 गूगल का मानचित्र]
|मानचित्र लिंक=[http://maps.google.com/maps?saddr=Aerodrome+Rd,+Jammu+%26+Kashmir,+India+(Sheikh+ul+Alam+Airport)&daddr=Srinagar&hl=en&sll=34.083658,74.797368&sspn=0.328136,0.676346&geocode=FYCbBgIduvR0BCEXBNHmsL6-3w%3BFUoTCAIdOFF1BCnvxeOGVoXhODHGBePBfEskZg&vpsrc=0&mra=pd&t=m&z=12&iwloc=ddw0 गूगल का मानचित्र]
|संबंधित लेख=
|संबंधित लेख=
|शीर्षक 1=भाषा
|शीर्षक 1=[[भाषा]]
|पाठ 1=[[कश्मीरी भाषा|कश्मीरी]], [[उर्दू भाषा|उर्दू]], [[हिन्दी]] और [[अंग्रेज़ी]]
|पाठ 1=[[कश्मीरी भाषा|कश्मीरी]], [[उर्दू भाषा|उर्दू]], [[हिन्दी]] और [[अंग्रेज़ी]]
|शीर्षक 2=
|शीर्षक 2=
|पाठ 2=
|पाठ 2=
|अन्य जानकारी=
|अन्य जानकारी=महाराज ललितादित्य यहाँ का प्रख्यात [[हिन्दू]] राजा था। इसका शासनकाल 700 ई. के लगभग था। इसने श्रीनगर की वृद्धि की तथा [[कश्मीर]] के राज्य का दूर-दूर तक विस्तार भी किया। 
|बाहरी कड़ियाँ=
|बाहरी कड़ियाँ=[http://srinagar.nic.in/ आधिकारिक वेबसाइट]
|अद्यतन=
|अद्यतन={{अद्यतन|11:24, 22 दिसम्बर 2011 (IST)}}
}}
{{लेख सूची
|लेख का नाम=श्रीनगर
|पर्यटन=श्रीनगर पर्यटन
|ज़िला=श्रीनगर ज़िला
|प्रवास=श्रीनगर प्रवास
}}
}}
श्रीनगर शहर, [[जम्मू और कश्मीर|जम्मू–कश्मीर]] राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी, उत्तरी [[भारत]], [[झेलम नदी]] के तट पर बसा यह शहर कश्मीर घाटी में 1,600 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। श्रीगर चीड़, फ़र और देवदार के वृक्षों से ढके पर्वतों के बीच स्थित है। श्रीनगर की नींव, कल्हणरचित राजतरंगिणी<ref>राजतरंगिणी, 1, 5,104</ref>, (स्टाइन का अनुवाद) के अनुसार मौर्य सम्राट [[अशोक]] ने डाली थी। उसने कश्मीर की यात्रा 245 ई. पू. में की थी। इस तथ्य को देखते हुए श्रीनगर लगभग 2200 वर्ष प्राचीन नगर ठहरता है। अशोक का बसाया हुआ नगर वर्तमान श्रीनगर से प्रायः 3 मील उत्तर में बसा हुआ था। प्राचीन नगर की स्थिति को आजकल पांडरेथान अथवा प्राचीन स्थान कहा जाता है।
'''श्रीनगर''' शहर, [[जम्मू और कश्मीर|जम्मू–कश्मीर]] राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी, उत्तरी [[भारत]], [[झेलम नदी]] के तट पर बसा यह शहर [[कश्मीर की घाटी|कश्मीर घाटी]] में 1,600 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। श्रीनगर को '''झीलों का नगर''' भी कहा जाता है। श्रीनगर [[चीड़]], फ़र और [[देवदार]] के वृक्षों से ढके [[पर्वत|पर्वतों]] के बीच स्थित है। श्रीनगर की नींव, कल्हणरचित राजतरंगिणी<ref>राजतरंगिणी, 1, 5,104</ref>, (स्टाइन का अनुवाद) के अनुसार मौर्य सम्राट [[अशोक]] ने डाली थी। उसने कश्मीर की यात्रा 245 ई. पू. में की थी। इस तथ्य को देखते हुए श्रीनगर लगभग 2200 वर्ष प्राचीन नगर ठहरता है। अशोक का बसाया हुआ नगर वर्तमान श्रीनगर से प्रायः 3 मील उत्तर में बसा हुआ था। प्राचीन नगर की स्थिति को आजकल पांडरेथान अथवा प्राचीन स्थान कहा जाता है।
==इतिहास==
==इतिहास==
महाराज ललितादित्य यहाँ का प्रख्यात हिन्दू राजा था। इसका शासनकाल 700 ई. के लगभग था। इसने श्रीनगर की श्रीवृद्धि की तथा कश्मीर के राज्य का दूर-दूर तक विस्तार भी किया। इसने झेलम पर कई पुल बंधवाए तथा नहरें बनवाईं। श्रीनगर में हिन्दू नरेशों के समय के अनेक प्राचीन मन्दिर थे, जिन्हें मुसलमानों के शासनकाल में नष्ट–भ्रष्ट करके उनके स्थान पर दरगाहें व मस्जिद बना ली गई थीं। झेलम के तीसरे पुल पर महाराज नरेन्द्र द्वितीय का 180 ई. के लगभग बनवाया हुआ नरेन्द्र स्वामी का मन्दिर था। यह नरपीर की ज़ियारतगाह के रूप में परिणत कर दिया गया था। [[चित्र:Srinagar-Kashmir.jpg|thumb|250px|left|हाउसबोट, श्रीनगर<br />Houseboat, Srinagar]] चौथे पुल के निकट नदी के दक्षिणी तट पर पाँच शिखरों वाला मन्दिर महाश्रीमन्दिर नाम से विख्यात था; इसे महाराज प्रवरसेन द्वितीय ने अपार धन–राशि व्यय कर निर्मित करवाया था। 1404 ई. में कश्मीर के शासक शाह सिकन्दर की बेगम की मृत्यु होने पर उसे इस मन्दिर के आँगन में दफ़ना दिया गया और उसी समय से यह विशाल मन्दिर मक़बरा बन गया। कश्मीर का प्रसिद्ध सुल्तान जैनुलआबदीन, जिसे कश्मीर का अकबर कहा जाता है, इसी मन्दिर के प्रांगण में दफ़नाया गया था। यह स्थान मक़बरा शाही के नाम से प्रसिद्ध हुआ। कहा जाता है कि नदी के छठे पुल के समीप, दक्षिणी तट पर महाराज युधिष्ठर के मंत्री स्कंदगुप्त द्वारा बनवाया एक अन्य मन्दिर भी था। इसे पीर बाशु की ज़ियारतगाह के रूप में परिणत कर दिया गया।  
महाराज ललितादित्य यहाँ का प्रख्यात हिन्दू राजा था। इसका शासनकाल 700 ई. के लगभग था। इसने श्रीनगर की श्रीवृद्धि की तथा कश्मीर के राज्य का दूर-दूर तक विस्तार भी किया। इसने [[झेलम नदी|झेलम]] पर कई पुल बंधवाए तथा नहरें बनवाईं। श्रीनगर में [[हिन्दू]] नरेशों के समय के अनेक प्राचीन मन्दिर थे, जिन्हें [[मुसलमान|मुसलमानों]] के शासनकाल में नष्ट–भ्रष्ट करके उनके स्थान पर दरगाहें व मस्जिद बना ली गई थीं। झेलम के तीसरे पुल पर महाराज नरेन्द्र द्वितीय का 180 ई. के लगभग बनवाया हुआ नरेन्द्र स्वामी का मन्दिर था। यह नरपीर की ज़ियारतगाह के रूप में परिणत कर दिया गया था। [[चित्र:Srinagar-Kashmir.jpg|thumb|250px|left|हाउसबोट, श्रीनगर]] चौथे पुल के निकट नदी के दक्षिणी तट पर पाँच शिखरों वाला मन्दिर महाश्रीमन्दिर नाम से विख्यात था; इसे महाराज प्रवरसेन द्वितीय ने अपार धन–राशि व्यय कर निर्मित करवाया था। 1404 ई. में कश्मीर के शासक शाह सिकन्दर की बेगम की मृत्यु होने पर उसे इस मन्दिर के आँगन में दफ़ना दिया गया और उसी समय से यह विशाल मन्दिर मक़बरा बन गया। कश्मीर का प्रसिद्ध सुल्तान जैनुलआबदीन, जिसे कश्मीर का अकबर कहा जाता है, इसी मन्दिर के प्रांगण में दफ़नाया गया था। यह स्थान मक़बरा शाही के नाम से प्रसिद्ध हुआ। कहा जाता है कि नदी के छठे पुल के समीप, दक्षिणी तट पर महाराज युधिष्ठर के मंत्री स्कंदगुप्त द्वारा बनवाया एक अन्य मन्दिर भी था। इसे पीर बाशु की ज़ियारतगाह के रूप में परिणत कर दिया गया।  


684-693 ई. में महाराज चंद्रापदी द्वारा बनवाया हुआ त्रिभुवन स्वामी का मन्दिर भी समीप ही स्थित था। इस पर टांगा बाबा नामक एक पीर ने अधिकार करके इसे दरगाह का रूप दे दिया। सुल्तान सिकन्दर ने 1404 ई. में जामा मस्जिद बनाने के लिए महाराज तारापदी द्वारा 693-697 में निर्मित एक प्रसिद्ध मन्दिर को तोड़ डाला और उसकी सारी सामग्री मस्जिद बनाने में लगा दी। 1623 ई. के लगभग बेगम [[नूरजहाँ]] ने, जब वह [[जहाँगीर]] के साथ कश्मीर आईं, [[सुलेमान पर्वत]] के ऊपर बना हुआ शंकराचार्य का मन्दिर देखा और इसकी पैड़ियों में लगे हुए बहुमूल्य पत्थर के टुकड़ों को उखड़वाकर उन्हें अपनी बनवाई हुई मस्जिद में लगवा दिया। केवल शंकराचार्य का मन्दिर ही अब श्रीनगर का प्राचीन हिन्दू स्मारक कहा जा सकता है। किंवदन्ती के अनुसार इस मन्दिर की स्थापना दक्षिण के प्रसिद्ध दार्शनिक [[शंकराचार्य]] ने 8वीं शती ई. में की थी। जहाँगीर तथा [[शाहजहाँ]] के समय के शालीमार तथा निशान्त नामक सुन्दर उद्यान, तथा इसी काल की कई मस्जिदें श्रीनगर के प्रमुख ऐतिहासिक स्मारक हैं। कहा जाता है कि निशान्तबाग़ नूरजहाँ के भाई [[आसफ़ ख़ाँ]] का बनवाया हुआ था। शालीमार का निर्माण जहाँगीर और उसकी प्रिय बेग़म नूरजहाँ ने किया था। मुग़लों ने कश्मीर में 700 बाग़ लगवाए थे।  
684-693 ई. में महाराज चंद्रापदी द्वारा बनवाया हुआ त्रिभुवन स्वामी का मन्दिर भी समीप ही स्थित था। इस पर टांगा बाबा नामक एक पीर ने अधिकार करके इसे दरगाह का रूप दे दिया। सुल्तान सिकन्दर ने 1404 ई. में जामा मस्जिद बनाने के लिए महाराज तारापदी द्वारा 693-697 में निर्मित एक प्रसिद्ध मन्दिर को तोड़ डाला और उसकी सारी सामग्री मस्जिद बनाने में लगा दी। 1623 ई. के लगभग बेगम [[नूरजहाँ]] ने, जब वह [[जहाँगीर]] के साथ कश्मीर आईं, [[सुलेमान पर्वत]] के ऊपर बना हुआ [[शंकराचार्य]] का मन्दिर देखा और इसकी पैड़ियों में लगे हुए बहुमूल्य पत्थर के टुकड़ों को उखड़वाकर उन्हें अपनी बनवाई हुई मस्जिद में लगवा दिया। केवल शंकराचार्य का मन्दिर ही अब श्रीनगर का प्राचीन हिन्दू स्मारक कहा जा सकता है। किंवदन्ती के अनुसार इस मन्दिर की स्थापना दक्षिण के प्रसिद्ध दार्शनिक [[शंकराचार्य]] ने 8वीं शती ई. में की थी। जहाँगीर तथा [[शाहजहाँ]] के समय के [[शालीमार बाग़ श्रीनगर|शालीमार]] तथा [[निशात बाग़ श्रीनगर|निशात]] नामक सुन्दर उद्यान, तथा इसी काल की कई मस्जिदें श्रीनगर के प्रमुख ऐतिहासिक स्मारक हैं। कहा जाता है कि निशातबाग़ नूरजहाँ के भाई [[आसफ़ ख़ाँ]] का बनवाया हुआ था। शालीमार का निर्माण जहाँगीर और उसकी प्रिय बेगम नूरजहाँ ने किया था। [[मुग़ल|मुग़लों]] ने कश्मीर में 700 बाग़ लगवाए थे।  
==यातायात और परिवहन==
==यातायात और परिवहन==
[[चित्र:Nishat-Bagh-Srinagar.jpg|thumb|250px|[[निशात बाग़ श्रीनगर|निशात बाग़]], श्रीनगर<br />Nishat Bagh, Srinagar]]
====वायु मार्ग====
====<u>वायु मार्ग</u>====
श्रीनगर में श्रीनगर हवाई-अड्डा स्थित है। इंडियन एयरलाइन्स [[दिल्ली]], [[अमृतसर]], [[जम्मू]], [[लेह]], [[चंडीगढ़]], [[अहमदाबाद]] और [[मुम्बई]] से श्रीनगर के लिए उड़ान भरती है।
श्रीनगर में श्रीनगर हवाई-अड्डा स्थित है। इंडियन एयरलाइन्स [[दिल्ली]], [[अमृतसर]], [[जम्मू]], [[लेह]], [[चंडीगढ़]], [[अहमदाबाद]] और [[मुम्बई]] से श्रीनगर के लिए उड़ान भरती है।
====<u>रेल मार्ग</u>====
[[चित्र:Nishat-Bagh-Srinagar.jpg|thumb|250px|left|[[निशात बाग़ श्रीनगर|निशात बाग़]], श्रीनगर]]
====रेल मार्ग====
श्रीनगर से निकटतम रेलवे स्टेशन जम्मू तवी है। रेलवे स्टेशन से जम्मू तवी 293 किमी की दूरी पर स्थित है। जम्मू तवी रेलवे स्टेशन से दिल्ली, [[कोलकाता]], [[पूना]], मुंबई, [[कन्याकुमारी]], अहमदाबाद आदि प्रमुख नगरों से नियमित रेल सेवा उपलब्ध है।
श्रीनगर से निकटतम रेलवे स्टेशन जम्मू तवी है। रेलवे स्टेशन से जम्मू तवी 293 किमी की दूरी पर स्थित है। जम्मू तवी रेलवे स्टेशन से दिल्ली, [[कोलकाता]], [[पूना]], मुंबई, [[कन्याकुमारी]], अहमदाबाद आदि प्रमुख नगरों से नियमित रेल सेवा उपलब्ध है।
====<u>सड़क मार्ग</u>====
====सड़क मार्ग====
श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग द्वारा कई प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है।
श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग द्वारा कई प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है।
==उद्योग और व्यापार==
==उद्योग और व्यापार==
श्रीनगर में विशिष्ट बाज़ार और खुदरा दुकानें भी हैं। शहर के उद्योगों में क़ालीन व रेशम की मिलें, चाँदी और ताँबे की वस्तुओं का निर्माण, चमड़े का काम और लकड़ी पर नक़्क़ाशी शामिल हैं।  
श्रीनगर में विशिष्ट बाज़ार और खुदरा दुकानें भी हैं। शहर के उद्योगों में क़ालीन व रेशम की मिलें, [[चाँदी]] और [[ताँबा|ताँबे]] की वस्तुओं का निर्माण, चमड़े का काम और लकड़ी पर नक़्क़ाशी शामिल हैं।  
[[चित्र:Shah-Hamdan-Mosque-Srinagar.jpg|thumb|250px|शाह हमदान मस्जिद, श्रीनगर]]
==शिक्षण संस्थान==
==शिक्षण संस्थान==
श्रीनगर शहर में कश्मीर विश्वविद्यालय ([[1969]]) है।
श्रीनगर शहर में कश्मीर विश्वविद्यालय ([[1969]]) है।
==पर्यटन==
==पर्यटन==
{{main|श्रीनगर पर्यटन}}
{{main|श्रीनगर पर्यटन}}
[[चित्र:Shah-Hamdan-Mosque-Srinagar.jpg|thumb|250px|[[शाह हमदान मस्जिद श्रीनगर|शाह हमदान मस्जिद]], श्रीनगर<br />Shah Hamdan Mosque, Srinagar]]
श्रीनगर का जम्मू और कश्मीर के पर्यटन स्थलों में बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान है। [[कश्मीर की घाटी|कश्मीर घाटी]] के मध्य में बसा श्रीनगर [[भारत]] के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से हैं। श्रीनगर एक ओर जहाँ [[डल झील]] के लिए प्रसिद्ध है वहीं दूसरी ओर विभिन्न मंदिरों के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है। स्वच्छ [[झील]] और ऊँचे [[पर्वत|पर्वतों]] के बीच बसे श्रीनगर की अर्थव्यवस्था का आधार लम्बे समय से मुख्यतः पर्यटन है। शहर से होकर नदी के प्रवाह पर सात पुल बने हुए हैं। इससे लगे विभिन्न नहरों एवं जलमार्गों में शिकारे भरे पड़े हैं। श्रीनगर अपने मन्दिरों और मस्जिदों के लिए प्रसिद्ध है।
श्रीनगर का जम्मू और कश्मीर के पर्यटन स्थलों में बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान है। [[कश्मीर की घाटी|कश्मीर घाटी]] के मध्य में बसा श्रीनगर [[भारत]] के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से हैं। श्रीनगर एक ओर जहाँ डल झील के लिए प्रसिद्ध है वहीं दूसरी ओर विभिन्न मंदिरों के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है। स्वच्छ [[झील]] और ऊँचे पर्वतों के बीच बसे श्रीनगर की अर्थव्यवस्था का आधार लम्बे समय से मुख्यतः पर्यटन है। शहर से होकर नदी के प्रवाह पर सात पुल बने हुए हैं। इससे लगे विभिन्न नहरों एवं जलमार्गों में शिकारे भरे पड़े हैं। श्रीनगर अपने मन्दिरों और मस्जिदों के लिए प्रसिद्ध है।  
===दर्शनीय स्थल===
#श्रीनगर से लगी एक पहाड़ी जिसको शंकराचार्य पहाड़ी कहते हैं, ऊपर [[आदि शंकराचार्य]] द्वारा स्थापित शिवलिंग है। पहाड़ी की 2 मील कठिन चढ़ाई है। पर्वत के नीचे शंकरमठ है, इसे दुर्गानाग मंदिर कहते हैं।
#श्रीनगर में महाश्री का मंदिर चौथे पुल के पास तथा हरिपर्वत पर एक मंदिर है। संपूर्ण कश्मीर दर्शनीय है। नगर में पत्थर मस्जिद, नेहरू उद्यान दर्शनीय हैं और मुग़ल उद्यान तो अपने सौंदर्य के लिए ही प्रसिद्ध है।
#[[कश्मीर]] में क्षीर-भवानी, अनन्तनाग और मार्तण्ड मंदिर दर्शनीय हैं। इन सब स्थानों पर मोटर बसें जाती हैं। श्रीनगर से मोटर बस से पहलगाँव जाते समय मध्य में अनन्तनाग है। मार्तण्ड मंदिर [[पर्वत]] पर है। नीचे पाण्डों का गाँव मटन है, वहाँ मार्तण्ड सरोवर तीर्थ है<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम= हिन्दूओं के तीर्थ स्थान|लेखक= सुदर्शन सिंह 'चक्र'|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=|संकलन=|संपादन=|पृष्ठ संख्या=17|url=}}</ref>।
==जनसंख्या==
==जनसंख्या==
2001 की गणना के अनुसार श्री नगर की कुल जनसंख्या 8,94,940 है। और श्रीनगर ज़िले की कुल जनसंख्या 12,38,530 है।
[[2001]] की गणना के अनुसार श्री नगर की कुल जनसंख्या 8,94,940 है। और श्रीनगर ज़िले की कुल जनसंख्या 12,38,530 है।
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
<references/>
 
{{प्रचार}}
{{लेख प्रगति  
{{लेख प्रगति  
|आधार=
|आधार=
पंक्ति 75: पंक्ति 77:
|शोध=
|शोध=
}}
}}
==वीथिका==
<gallery>
चित्र:Jami-Masjid-Srinagar.jpg|[[जामा मस्जिद श्रीनगर|जामा मस्जिद]], श्रीनगर
चित्र:Chashme-Shahi.jpg|[[चश्मा ए शाही]], श्रीनगर
चित्र:Thajiwas-Glacier-Sonamarg.jpg|थजिवास ग्लेशियर, [[सोनमर्ग श्रीनगर]]
चित्र:Srinagar.jpg|श्रीनगर का एक दृश्य (1860)
चित्र:Akbar-Bridge-Srinagar.jpg|अकबर पुल, श्रीनगर (1860)
चित्र:View-Of-Houses-Srinagar.jpg|श्रीनगर में नहर से घरों का दृश्य (1870)
चित्र:Boats-In-The-Jhelum-Srinagar.jpg|[[झेलम नदी]] में नौकाएं, श्रीनगर (1928)
चित्र:Shalimar-Bagh-Srinagar.jpg|[[शालीमार बाग़ श्रीनगर|शालीमार बाग़]], श्रीनगर (1928)
चित्र:Houseboat-On-The-Jhelum-River.jpg|[[झेलम नदी]] पर हाउसबोट, श्रीनगर (1930)
चित्र:Lal-Chowk-Srinagar.jpg|लाल चौक, श्रीनगर
चित्र:Train-Journey-From-Srinagar-To-Anantnag.jpg|श्रीनगर से [[अनंतनाग]] के लिए ट्रेन यात्रा
</gallery>
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{प्रदेशों की राजधानी}}
{{पहाड़ी पर्यटन स्थल}}{{प्रदेशों की राजधानी}}{{जम्मू और कश्मीर के पर्यटन स्थल}}{{जम्मू और कश्मीर के नगर}}{{भारत गणराज्य}}
{{जम्मू और कश्मीर के पर्यटन स्थल}}{{जम्मू और कश्मीर के नगर}}
{{भारत गणराज्य}}
[[Category:जम्मू_और_कश्मीर]]
[[Category:जम्मू_और_कश्मीर]]
[[Category:जम्मू और कश्मीर के ऐतिहासिक नगर]]
[[Category:जम्मू और कश्मीर के ऐतिहासिक नगर]]
पंक्ति 86: पंक्ति 105:
[[Category:पर्यटन कोश]]
[[Category:पर्यटन कोश]]
[[Category:श्रीनगर]]
[[Category:श्रीनगर]]
[[Category:भारत के नगर]]
[[Category:पहाड़ी पर्यटन स्थल]]
__INDEX__
__INDEX__
__NOTOC__
__NOTOC__

11:34, 5 जुलाई 2017 के समय का अवतरण

श्रीनगर श्रीनगर पर्यटन श्रीनगर ज़िला
श्रीनगर एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- श्रीनगर (बहुविकल्पी)
श्रीनगर
विवरण कश्मीर घाटी के मध्य में बसा श्रीनगर भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से हैं।
राज्य जम्मू और कश्मीर
ज़िला श्रीनगर
निर्माता सम्राट अशोक
निर्माण काल तीसरी सदी ईसा पूर्व
भौगोलिक स्थिति उत्तर- 34°5′24″; पूर्व- 74°47′24″
मार्ग स्थिति श्रीनगर शहर सड़क द्वारा जम्मू से 293 किमी, गुलमर्ग से 52 किमी, कारगिल से 204 किमी, लेह से 434 किमी, चंडीगढ़ से 630 किमी और दिल्ली से 876 किलोमीटर दूरी पर स्थित है।
प्रसिद्धि श्रीनगर विशेष रूप से झीलों और हाऊसबोट के लिए जाना जाता है।
कब जाएँ कभी भी जा सकते हैं
कैसे पहुँचें हवाई जहाज़, रेल, बस
हवाई अड्डा शेख़ उल आलम हवाई अड्डा
रेलवे स्टेशन निकटतम रेलवे स्टेशन जम्मू तवी
यातायात रिक्शा, ऑटो-रिक्शा और टैक्सी
क्या देखें श्रीनगर पर्यटन
कहाँ ठहरें होटल, गेस्ट हाउस
एस.टी.डी. कोड 0194
ए.टी.एम लगभग सभी
गूगल का मानचित्र
भाषा कश्मीरी, उर्दू, हिन्दी और अंग्रेज़ी
अन्य जानकारी महाराज ललितादित्य यहाँ का प्रख्यात हिन्दू राजा था। इसका शासनकाल 700 ई. के लगभग था। इसने श्रीनगर की वृद्धि की तथा कश्मीर के राज्य का दूर-दूर तक विस्तार भी किया।
बाहरी कड़ियाँ आधिकारिक वेबसाइट
अद्यतन‎

श्रीनगर शहर, जम्मू–कश्मीर राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी, उत्तरी भारत, झेलम नदी के तट पर बसा यह शहर कश्मीर घाटी में 1,600 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। श्रीनगर को झीलों का नगर भी कहा जाता है। श्रीनगर चीड़, फ़र और देवदार के वृक्षों से ढके पर्वतों के बीच स्थित है। श्रीनगर की नींव, कल्हणरचित राजतरंगिणी[1], (स्टाइन का अनुवाद) के अनुसार मौर्य सम्राट अशोक ने डाली थी। उसने कश्मीर की यात्रा 245 ई. पू. में की थी। इस तथ्य को देखते हुए श्रीनगर लगभग 2200 वर्ष प्राचीन नगर ठहरता है। अशोक का बसाया हुआ नगर वर्तमान श्रीनगर से प्रायः 3 मील उत्तर में बसा हुआ था। प्राचीन नगर की स्थिति को आजकल पांडरेथान अथवा प्राचीन स्थान कहा जाता है।

इतिहास

महाराज ललितादित्य यहाँ का प्रख्यात हिन्दू राजा था। इसका शासनकाल 700 ई. के लगभग था। इसने श्रीनगर की श्रीवृद्धि की तथा कश्मीर के राज्य का दूर-दूर तक विस्तार भी किया। इसने झेलम पर कई पुल बंधवाए तथा नहरें बनवाईं। श्रीनगर में हिन्दू नरेशों के समय के अनेक प्राचीन मन्दिर थे, जिन्हें मुसलमानों के शासनकाल में नष्ट–भ्रष्ट करके उनके स्थान पर दरगाहें व मस्जिद बना ली गई थीं। झेलम के तीसरे पुल पर महाराज नरेन्द्र द्वितीय का 180 ई. के लगभग बनवाया हुआ नरेन्द्र स्वामी का मन्दिर था। यह नरपीर की ज़ियारतगाह के रूप में परिणत कर दिया गया था।

हाउसबोट, श्रीनगर

चौथे पुल के निकट नदी के दक्षिणी तट पर पाँच शिखरों वाला मन्दिर महाश्रीमन्दिर नाम से विख्यात था; इसे महाराज प्रवरसेन द्वितीय ने अपार धन–राशि व्यय कर निर्मित करवाया था। 1404 ई. में कश्मीर के शासक शाह सिकन्दर की बेगम की मृत्यु होने पर उसे इस मन्दिर के आँगन में दफ़ना दिया गया और उसी समय से यह विशाल मन्दिर मक़बरा बन गया। कश्मीर का प्रसिद्ध सुल्तान जैनुलआबदीन, जिसे कश्मीर का अकबर कहा जाता है, इसी मन्दिर के प्रांगण में दफ़नाया गया था। यह स्थान मक़बरा शाही के नाम से प्रसिद्ध हुआ। कहा जाता है कि नदी के छठे पुल के समीप, दक्षिणी तट पर महाराज युधिष्ठर के मंत्री स्कंदगुप्त द्वारा बनवाया एक अन्य मन्दिर भी था। इसे पीर बाशु की ज़ियारतगाह के रूप में परिणत कर दिया गया।

684-693 ई. में महाराज चंद्रापदी द्वारा बनवाया हुआ त्रिभुवन स्वामी का मन्दिर भी समीप ही स्थित था। इस पर टांगा बाबा नामक एक पीर ने अधिकार करके इसे दरगाह का रूप दे दिया। सुल्तान सिकन्दर ने 1404 ई. में जामा मस्जिद बनाने के लिए महाराज तारापदी द्वारा 693-697 में निर्मित एक प्रसिद्ध मन्दिर को तोड़ डाला और उसकी सारी सामग्री मस्जिद बनाने में लगा दी। 1623 ई. के लगभग बेगम नूरजहाँ ने, जब वह जहाँगीर के साथ कश्मीर आईं, सुलेमान पर्वत के ऊपर बना हुआ शंकराचार्य का मन्दिर देखा और इसकी पैड़ियों में लगे हुए बहुमूल्य पत्थर के टुकड़ों को उखड़वाकर उन्हें अपनी बनवाई हुई मस्जिद में लगवा दिया। केवल शंकराचार्य का मन्दिर ही अब श्रीनगर का प्राचीन हिन्दू स्मारक कहा जा सकता है। किंवदन्ती के अनुसार इस मन्दिर की स्थापना दक्षिण के प्रसिद्ध दार्शनिक शंकराचार्य ने 8वीं शती ई. में की थी। जहाँगीर तथा शाहजहाँ के समय के शालीमार तथा निशात नामक सुन्दर उद्यान, तथा इसी काल की कई मस्जिदें श्रीनगर के प्रमुख ऐतिहासिक स्मारक हैं। कहा जाता है कि निशातबाग़ नूरजहाँ के भाई आसफ़ ख़ाँ का बनवाया हुआ था। शालीमार का निर्माण जहाँगीर और उसकी प्रिय बेगम नूरजहाँ ने किया था। मुग़लों ने कश्मीर में 700 बाग़ लगवाए थे।

यातायात और परिवहन

वायु मार्ग

श्रीनगर में श्रीनगर हवाई-अड्डा स्थित है। इंडियन एयरलाइन्स दिल्ली, अमृतसर, जम्मू, लेह, चंडीगढ़, अहमदाबाद और मुम्बई से श्रीनगर के लिए उड़ान भरती है।

निशात बाग़, श्रीनगर

रेल मार्ग

श्रीनगर से निकटतम रेलवे स्टेशन जम्मू तवी है। रेलवे स्टेशन से जम्मू तवी 293 किमी की दूरी पर स्थित है। जम्मू तवी रेलवे स्टेशन से दिल्ली, कोलकाता, पूना, मुंबई, कन्याकुमारी, अहमदाबाद आदि प्रमुख नगरों से नियमित रेल सेवा उपलब्ध है।

सड़क मार्ग

श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग द्वारा कई प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है।

उद्योग और व्यापार

श्रीनगर में विशिष्ट बाज़ार और खुदरा दुकानें भी हैं। शहर के उद्योगों में क़ालीन व रेशम की मिलें, चाँदी और ताँबे की वस्तुओं का निर्माण, चमड़े का काम और लकड़ी पर नक़्क़ाशी शामिल हैं।

शाह हमदान मस्जिद, श्रीनगर

शिक्षण संस्थान

श्रीनगर शहर में कश्मीर विश्वविद्यालय (1969) है।

पर्यटन

श्रीनगर का जम्मू और कश्मीर के पर्यटन स्थलों में बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान है। कश्मीर घाटी के मध्य में बसा श्रीनगर भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से हैं। श्रीनगर एक ओर जहाँ डल झील के लिए प्रसिद्ध है वहीं दूसरी ओर विभिन्न मंदिरों के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है। स्वच्छ झील और ऊँचे पर्वतों के बीच बसे श्रीनगर की अर्थव्यवस्था का आधार लम्बे समय से मुख्यतः पर्यटन है। शहर से होकर नदी के प्रवाह पर सात पुल बने हुए हैं। इससे लगे विभिन्न नहरों एवं जलमार्गों में शिकारे भरे पड़े हैं। श्रीनगर अपने मन्दिरों और मस्जिदों के लिए प्रसिद्ध है।

दर्शनीय स्थल

  1. श्रीनगर से लगी एक पहाड़ी जिसको शंकराचार्य पहाड़ी कहते हैं, ऊपर आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित शिवलिंग है। पहाड़ी की 2 मील कठिन चढ़ाई है। पर्वत के नीचे शंकरमठ है, इसे दुर्गानाग मंदिर कहते हैं।
  2. श्रीनगर में महाश्री का मंदिर चौथे पुल के पास तथा हरिपर्वत पर एक मंदिर है। संपूर्ण कश्मीर दर्शनीय है। नगर में पत्थर मस्जिद, नेहरू उद्यान दर्शनीय हैं और मुग़ल उद्यान तो अपने सौंदर्य के लिए ही प्रसिद्ध है।
  3. कश्मीर में क्षीर-भवानी, अनन्तनाग और मार्तण्ड मंदिर दर्शनीय हैं। इन सब स्थानों पर मोटर बसें जाती हैं। श्रीनगर से मोटर बस से पहलगाँव जाते समय मध्य में अनन्तनाग है। मार्तण्ड मंदिर पर्वत पर है। नीचे पाण्डों का गाँव मटन है, वहाँ मार्तण्ड सरोवर तीर्थ है[2]

जनसंख्या

2001 की गणना के अनुसार श्री नगर की कुल जनसंख्या 8,94,940 है। और श्रीनगर ज़िले की कुल जनसंख्या 12,38,530 है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

वीथिका

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. राजतरंगिणी, 1, 5,104
  2. हिन्दूओं के तीर्थ स्थान |लेखक: सुदर्शन सिंह 'चक्र' |पृष्ठ संख्या: 17 |

संबंधित लेख