"पहेली 24 जून 2017": अवतरणों में अंतर

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+[[देवेन्द्रनाथ ठाकुर]]
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-[[ईश्वर चन्द्र विद्यासागर]]
-[[ईश्वर चन्द्र विद्यासागर]]
||[[चित्र:Debendranath-tagore.gif|right|100px|border|देवेन्द्रनाथ ठाकुर]]'देवेन्द्रनाथ ठाकुर' [[कलकत्ता]] निवासी [[द्वारकानाथ ठाकुर]] के पुत्र थे। वे प्रख्यात विद्वान और धार्मिक नेता थे। अपनी दानशीलता के कारण उन्होंने 'प्रिंस' की उपाधि प्राप्त की थी। [[देवेन्द्रनाथ ठाकुर]] समाज सुधार में 'धीरे चलो' की नीति पसन्द करते थे। इसी कारण उनका [[केशवचन्द्र सेन]] तथा उग्र समाज सुधार के पक्षपाती ब्रह्मा समाजियों, दोनों से ही मतभेद हो गया। केशवचन्द्र सेन ने अपनी नयी संस्था 'नवविधान' आरम्भ की थी। उधर उग्र समाज सुधार के पक्षपाती ब्रह्मा समाजियों ने आगे चलकर अपनी अलग संस्था 'साधारण ब्रह्म समाज' की स्थापना की। देवेन्द्रनाथ जी के उच्च चरित्र तथा आध्यात्मिक ज्ञान के कारण सभी देशवासी उनके प्रति श्रद्धा भाव रखते थे और उन्हें 'महर्षि' सम्बोधित करते थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[देवेन्द्रनाथ ठाकुर]]
||[[चित्र:Debendranath-tagore.gif|right|100px|border|देवेन्द्रनाथ ठाकुर]]'देवेन्द्रनाथ ठाकुर' [[कलकत्ता]] निवासी [[द्वारकानाथ ठाकुर]] के पुत्र थे। वे प्रख्यात विद्वान् और धार्मिक नेता थे। अपनी दानशीलता के कारण उन्होंने 'प्रिंस' की उपाधि प्राप्त की थी। [[देवेन्द्रनाथ ठाकुर]] समाज सुधार में 'धीरे चलो' की नीति पसन्द करते थे। इसी कारण उनका [[केशवचन्द्र सेन]] तथा उग्र समाज सुधार के पक्षपाती ब्रह्मा समाजियों, दोनों से ही मतभेद हो गया। केशवचन्द्र सेन ने अपनी नयी संस्था 'नवविधान' आरम्भ की थी। उधर उग्र समाज सुधार के पक्षपाती ब्रह्मा समाजियों ने आगे चलकर अपनी अलग संस्था 'साधारण ब्रह्म समाज' की स्थापना की। देवेन्द्रनाथ जी के उच्च चरित्र तथा आध्यात्मिक ज्ञान के कारण सभी देशवासी उनके प्रति श्रद्धा भाव रखते थे और उन्हें 'महर्षि' सम्बोधित करते थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[देवेन्द्रनाथ ठाकुर]]
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14:25, 6 जुलाई 2017 के समय का अवतरण