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'''मार दूलो''' भीकाजी सहकारी के घनिष्ठ मित्र थे। जब उन्होंने सुना की [[पुर्तगाल]] की पुलिस ने उनके मित्र औैर उनके साथियों को मार डाला तो उनका मन बदला लेने के लिए मचल उठे। उन्होंने धार बंदोरा के जंगल में पुलिस के दल पर आक्रमण करने की योजना बना डाली। भयंकर युद्ध हुआ और दोनों पक्ष के लोग मारे गए। पुलिस की हानि अधिक हुई।  
'''मार दूलो''' भीकाजी सहकारी के घनिष्ठ मित्र थे। जब उन्होंने सुना की [[पुर्तग़ाल]] की पुलिस ने उनके मित्र औैर उनके साथियों को मार डाला तो उनका मन बदला लेने के लिए मचल उठे। उन्होंने धार बंदोरा के जंगल में पुलिस के दल पर आक्रमण करने की योजना बना डाली। भयंकर युद्ध हुआ और दोनों पक्ष के लोग मारे गए। पुलिस की हानि अधिक हुई।  


पुर्तगाल की पुलिस ने अपनी हानि का बदला लेने के लिए [[4 जून]], [[1956]] को मार दूलो को घेर लिया और वह उसे मारने में सफल हो गई। इस युद्ध में भी पुलिस को बहुत जान हानि उठानी पड़ी। मार दूलो गोमांतक दल के क्रांतिकारी थे। पुर्तगाल की पुलिस उनका नाम सुनकर काँप उठती थी। मार दूलो स्वतन्त्रता सेनानी थे।<ref>{{cite web |url=http://www.kranti1857.org/goa%20krantikari.php#mapari%20bala |title=मार दूलो|accessmonthday=18 फरवरी|accessyear=2017 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=क्रांति 1857|language= हिंदी}}</ref>
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14:31, 7 जुलाई 2017 के समय का अवतरण

मार दूलो भीकाजी सहकारी के घनिष्ठ मित्र थे। जब उन्होंने सुना की पुर्तग़ाल की पुलिस ने उनके मित्र औैर उनके साथियों को मार डाला तो उनका मन बदला लेने के लिए मचल उठे। उन्होंने धार बंदोरा के जंगल में पुलिस के दल पर आक्रमण करने की योजना बना डाली। भयंकर युद्ध हुआ और दोनों पक्ष के लोग मारे गए। पुलिस की हानि अधिक हुई।

पुर्तग़ाल की पुलिस ने अपनी हानि का बदला लेने के लिए 4 जून, 1956 को मार दूलो को घेर लिया और वह उसे मारने में सफल हो गई। इस युद्ध में भी पुलिस को बहुत जान हानि उठानी पड़ी। मार दूलो गोमांतक दल के क्रांतिकारी थे। पुर्तग़ाल की पुलिस उनका नाम सुनकर काँप उठती थी। मार दूलो स्वतन्त्रता सेनानी थे।[1]



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. मार दूलो (हिंदी) क्रांति 1857। अभिगमन तिथि: 18 फरवरी, 2017।

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