"ताज -सुमित्रानंदन पंत": अवतरणों में अंतर
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|मृत्यु=[[28 दिसंबर]], 1977 | |मृत्यु=[[28 दिसंबर]], 1977 | ||
|मृत्यु स्थान=[[प्रयाग]], [[उत्तर प्रदेश]] | |मृत्यु स्थान=[[प्रयाग]], [[उत्तर प्रदेश]] | ||
|मुख्य रचनाएँ=वीणा, पल्लव, चिदंबरा, युगवाणी, लोकायतन, हार, आत्मकथात्मक संस्मरण- साठ वर्ष, युगपथ, स्वर्णकिरण, कला और बूढ़ा चाँद आदि | |मुख्य रचनाएँ=[[वीणा -सुमित्रानन्दन पंत|वीणा]], [[पल्लव -सुमित्रानन्दन पंत|पल्लव]], चिदंबरा, [[युगवाणी -सुमित्रानन्दन पंत|युगवाणी]], [[लोकायतन -सुमित्रानन्दन पंत|लोकायतन]], हार, आत्मकथात्मक संस्मरण- साठ वर्ष, [[युगपथ -सुमित्रानन्दन पंत|युगपथ]], [[स्वर्णकिरण -सुमित्रानन्दन पंत|स्वर्णकिरण]], कला और बूढ़ा चाँद आदि | ||
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हाय! मृत्यु का ऐसा अमर, अपार्थिव पूजन? | हाय! मृत्यु का ऐसा अमर, अपार्थिव पूजन? | ||
जब | जब निषण्ण, निर्जीव पड़ा हो जग का जीवन! | ||
संग-सौध में हो श्रृंगार मरण का शोभन, | संग-सौध में हो श्रृंगार मरण का शोभन, | ||
नग्न, क्षुधातुर, वास-विहीन रहें जीवित जन? | नग्न, क्षुधातुर, वास-विहीन रहें जीवित जन? | ||
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प्रेम-अर्चना यही, करें हम मरण को वरण? | प्रेम-अर्चना यही, करें हम मरण को वरण? | ||
स्थापित कर कंकाल, भरें जीवन का प्रांगण? | स्थापित कर कंकाल, भरें जीवन का प्रांगण? | ||
शव को दें हम रूप, रंग, आदर | शव को दें हम रूप, रंग, आदर मानव का | ||
मानव को हम कुत्सित चित्र बना दें शव का? | मानव को हम कुत्सित चित्र बना दें शव का? | ||
08:54, 17 जुलाई 2017 के समय का अवतरण
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हाय! मृत्यु का ऐसा अमर, अपार्थिव पूजन? |
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