"सत्याश्रय": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
छो (Text replacement - " महान " to " महान् ")
 
(एक दूसरे सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
*'''सत्याश्रय''' (977 से 1008 ई.), [[तैल चालुक्य|तैलप द्वितीय]] की मृत्यु के बाद उसका उत्तराधिकारी बना।
'''सत्याश्रय''' (977 से 1008 ई.), [[तैल चालुक्य|तैलप द्वितीय]] की मृत्यु के बाद उसका उत्तराधिकारी बना। उसे 'सत्तिग' अथवा 'सत्तिम' नाम से भी सम्बोधित किया गया है।
*उसे 'सत्तिग' अथवा 'सत्तिम' नाम से भी सम्बोधित किया गया है।
*सत्याश्रय का पहला सैनिक अभियान उत्तरी कोंकण प्रदेश के विरुद्ध था, इसमें वह सफल हुआ।
*सत्याश्रय का पहला सैनिक अभियान उत्तरी कोंकण प्रदेश के विरुद्ध था, इसमें वह सफल हुआ।
*उसके शासन काल की मुख्य घटना [[चोल वंश|चोल]] राज्य के अधिपति [[राजराज प्रथम]] की दिग्विजय है।
*उसके शासन काल की मुख्य घटना [[चोल वंश|चोल]] राज्य के अधिपति [[राजराज प्रथम]] की दिग्विजय है।
पंक्ति 7: पंक्ति 6:
*उसने 'आकर्लक चरित्र', 'इरिवेंडंग' एवं '[[आहवमल्ल]]' आदि अनेक विरुद्वों को धारण किया था।
*उसने 'आकर्लक चरित्र', 'इरिवेंडंग' एवं '[[आहवमल्ल]]' आदि अनेक विरुद्वों को धारण किया था।
*सत्याश्रय व्यक्तिगत रूप से [[जैन धर्म]] का अनुयायी था।
*सत्याश्रय व्यक्तिगत रूप से [[जैन धर्म]] का अनुयायी था।
*इसका गुरु विमलचन्द्र जैन दर्शन का महान विद्धान था।
*इसका गुरु विमलचन्द्र जैन दर्शन का महान् विद्धान था।
*सत्याश्रय विद्धानों का संरक्षक भी था। [[कन्नड़ भाषा|कन्नड़]] कवि गदायुद्ध को इसका संरक्षण प्राप्त था।
*सत्याश्रय विद्धानों का संरक्षक भी था। [[कन्नड़ भाषा|कन्नड़]] कवि गदायुद्ध को इसका संरक्षण प्राप्त था।



11:10, 1 अगस्त 2017 के समय का अवतरण

सत्याश्रय (977 से 1008 ई.), तैलप द्वितीय की मृत्यु के बाद उसका उत्तराधिकारी बना। उसे 'सत्तिग' अथवा 'सत्तिम' नाम से भी सम्बोधित किया गया है।

  • सत्याश्रय का पहला सैनिक अभियान उत्तरी कोंकण प्रदेश के विरुद्ध था, इसमें वह सफल हुआ।
  • उसके शासन काल की मुख्य घटना चोल राज्य के अधिपति राजराज प्रथम की दिग्विजय है।
  • उसने गुर्जर देश के शासक चामुण्डराज को भी पराजित किया था।
  • सत्याश्रय के काल का सबसे भीषण युद्ध चोल शासक अरुमोलिवर्मन अथवा राजा रामप्रथम के साथ हुआ। इस युद्ध में सत्याश्रय पराजित हुआ।
  • उसने 'आकर्लक चरित्र', 'इरिवेंडंग' एवं 'आहवमल्ल' आदि अनेक विरुद्वों को धारण किया था।
  • सत्याश्रय व्यक्तिगत रूप से जैन धर्म का अनुयायी था।
  • इसका गुरु विमलचन्द्र जैन दर्शन का महान् विद्धान था।
  • सत्याश्रय विद्धानों का संरक्षक भी था। कन्नड़ कवि गदायुद्ध को इसका संरक्षण प्राप्त था।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख