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| <quiz display=simple> | | <quiz display=simple> |
| {[[बिरजू महाराज]] किस क्षेत्र के सुविख्यात कलाकार हैं?
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| + [[कथक नृत्य]]
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| - [[कथकली नृत्य]]
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| - [[मणिपुरी नृत्य]]
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| - [[मोहनी अट्टम नृत्य]]
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| ||[[चित्र:Birju-Maharaj.jpg|right|80px|बिरजू महाराज]]'बिरजू महाराज' का पूरा नाम 'बृज मोहन मिश्रा' है। वे [[नृत्य कला|भारतीय नृत्य]] की '[[कथक नृत्य|कथक]]' शैली के आचार्य और [[लखनऊ]] के कालका-बिंदादीन घराने के मुख्य प्रतिनिधि हैं। बिरजू महाराज ने [[राधा]]-[[कृष्ण]] अनुश्रुत प्रसंगों के वर्णन के साथ विभिन्न अपौराणिक और सामाजिक विषयों पर स्वंय को अभिव्यक्त करने के लिये [[नृत्य]] की शैली में नूतन प्रयोग किये हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बिरजू महाराज]]
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| {रागिनी देवी किस [[शास्त्रीय नृत्य]] शैली से सम्बन्धित है?
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| - [[भरतनाट्यम नृत्य|भरतनाट्यम]]
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| - [[कुचिपुड़ि नृत्य|कुचिपुड़ि]]
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| + [[मोहनी अट्टम नृत्य|मोहनी अट्टम]]
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| - [[कथकली नृत्य|कथकली]]
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| ||[[चित्र:Mohini-Attam-Dance.jpg|right|80px|मोहनी अट्टम नृत्य]]'मोहिनीअट्टम' [[केरल]] की महिलाओं द्वारा किया जाने वाला अर्ध शास्त्रीय नृत्य है जो [[कथकली]] से अधिक पुराना माना जाता है। साहित्यिक रूप से नृत्य के बीच मुख्य माना जाने वाला जादुई मोहिनीअटट्म केरल के मंदिरों में प्रमुखत: किया जाता था। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मोहनी अट्टम नृत्य]]
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| {पद्मा सुब्रह्मण्यम किस [[शास्त्रीय नृत्य|शास्त्रीय नृत्य शैली]] से सम्बन्धित हैं?
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| + [[भरतनाट्यम नृत्य|भरतनाट्यम]]
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| - [[कुचिपुड़ि नृत्य|कुचिपुड़ि]]
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| - [[कथक नृत्य|कथक]]
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| - [[ओडिसी नृत्य|ओडिसी]]
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| ||[[चित्र:Bharatnatyam-Dance.jpg|right|80px|भरतनाट्यम नृत्य]] भरतनाट्यम नृत्य [[शास्त्रीय नृत्य]] का एक प्रसिद्ध नृत्य है। भरत नाट्यम, [[भारत]] के प्रसिद्ध नृत्यों में से एक है तथा इसका संबंध [[दक्षिण भारत]] के [[तमिलनाडु]] राज्य से है। यह नाम 'भरत' शब्द से लिया गया तथा इसका संबंध नृत्यशास्त्र से है। ऐसा माना जाता है कि [[ब्रह्मा]], हिन्दू देवकुल के महान त्रिदेवों में से प्रथम, नाट्य शास्त्र अथवा नृत्य विज्ञान हैं। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[भरतनाट्यम नृत्य]]
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| {भारती शिवाजी किस शैली के [[नृत्य कला|नृत्य]] के लिए प्रसिद्ध है?
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| - [[कथकली नृत्य|कथकली]]
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| - [[भरतनाट्यम नृत्य|भरतनाट्यम]]
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| + [[मोहनी अट्टम नृत्य|मोहनी अट्टम]]
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| - [[ओडिसी नृत्य|ओडिसी]]
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| ||[[चित्र:Mohini-Attam-Dance.jpg|right|80px|मोहनी अट्टम नृत्य]]'मोहिनीअट्टम' [[केरल]] की महिलाओं द्वारा किया जाने वाला अर्ध शास्त्रीय नृत्य है जो [[कथकली]] से अधिक पुराना माना जाता है। साहित्यिक रूप से नृत्य के बीच मुख्य माना जाने वाला जादुई मोहिनीअटट्म केरल के मंदिरों में प्रमुखत: किया जाता था। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मोहनी अट्टम नृत्य]]
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| {मात्र 16 वर्ष की आयु में किस नृत्यांगना को गुरुदेव [[रवीन्द्रनाथ ठाकुर]] ने 'कथक साम्राज्ञी' कहकर गौरवान्वित किया था?
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| + [[सितारा देवी]]
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| - मालविका सरकार
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| - भारती गुप्ता
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| - शोभना नारायण
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| ||[[चित्र:Sitara-Devi.jpg|right|100px|सितारा देवी]]'सितारा देवी' का नाम [[कथक]] नृत्यांगना के रूप में किसी परिचय का मोहताज नहीं है। आज वे जिस मुकम पर हैं, वहाँ तक पहुँचने के लिए उन्होंने बहुत संघर्ष किया है। बहुत कम लोग यह जानते हैं कि मात्र सोलह साल की उम्र में उनका [[नृत्य]] देखकर गुरुदेव [[रवींद्रनाथ टैगोर]] ने उन्हें 'कथक क्वीन' के खिताब से सम्मानित किया था। आज भी लोग इसी खिताब से उनका परिचय कराते हैं। इसके अतिरिक्त [[सितारा देवी]] के खाते में '[[पद्मश्री]]' और 'कालिदास सम्मान' भी हैं, जो कथक के प्रति उनकी सच्ची लगन और मेहनत को दर्शाते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सितारा देवी]]
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| {[[मुग़ल काल|मुग़लकालीन]] शासकों में किस शासक के काल को 'चित्रकारी का स्वर्णकाल' कहा जाता है? | | {[[मुग़ल काल|मुग़लकालीन]] शासकों में किस शासक के काल को 'चित्रकारी का स्वर्णकाल' कहा जाता है? |
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| -[[शाहजहाँ]] | | -[[शाहजहाँ]] |
| -[[औरंगज़ेब]] | | -[[औरंगज़ेब]] |
| ||[[चित्र:Jahangir.jpg|100px|right|[[जहाँगीर]]]] जहाँगीर का जन्म [[30 अगस्त]], सन् 1569 ई. को [[फ़तेहपुर सीकरी]] में हुआ था। अपने आरंभिक जीवन में वह शराबी और आवारा शाहजादे के रूप में बदनाम था। उसके [[पिता]] सम्राट [[अकबर]] ने उसकी बुरी आदतें छुड़ाने की बड़ी चेष्टा की, किंतु उसे सफलता नहीं मिली। इसीलिए समस्त सुखों के होते हुए भी वह अपने बिगड़े हुए बेटे के कारण जीवन पर्यंत दुखी रहा। अंतत: अकबर की मृत्यु के पश्चात जहाँगीर ही [[मुग़ल]] सम्राट बना।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जहाँगीर]] | | ||[[चित्र:Jahangir.jpg|100px|right|[[जहाँगीर]]]] जहाँगीर का जन्म [[30 अगस्त]], सन् 1569 ई. को [[फ़तेहपुर सीकरी]] में हुआ था। अपने आरंभिक जीवन में वह शराबी और आवारा शाहजादे के रूप में बदनाम था। उसके [[पिता]] सम्राट [[अकबर]] ने उसकी बुरी आदतें छुड़ाने की बड़ी चेष्टा की, किंतु उसे सफलता नहीं मिली। इसीलिए समस्त सुखों के होते हुए भी वह अपने बिगड़े हुए बेटे के कारण जीवन पर्यंत दुखी रहा। अंतत: अकबर की मृत्यु के पश्चात् जहाँगीर ही [[मुग़ल]] सम्राट बना।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जहाँगीर]] |
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| {[[चित्रकला मुग़ल शैली|मुग़ल चित्रकला शैली]] की विशेषता है? | | {[[चित्रकला मुग़ल शैली|मुग़ल चित्रकला शैली]] की विशेषता है? |
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| +[[चित्रकला]] | | +[[चित्रकला]] |
| -नाट्यकला | | -नाट्यकला |
| ||[[चित्र:Radha-Krishna.jpg|80px|right|[[राधा]]-[[कृष्ण]], द्वारा- [[राजा रवि वर्मा]]]]आत्माभिव्यक्ति मानव की प्राकृतिक प्रवृति है। अपने अंदर के भाव प्रकट किए बिना वह रह नहीं सकता और भावों का आधार होता है, मनुष्य का परिवेश। विद्वानों की मान्यता है कि आदिम काल में जब [[भाषा]] और लिपि-चिह्नों का आविर्भाव नहीं हुआ था, रेखाओं के संकेत से ही व्यक्ति स्वयं को अभिव्यक्त करता था। गुफाओं के अंदर आज जो शिलाचित्र मिलते हैं, वे ही चित्रकला के आदि प्रमाण हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[चित्रकला]] | | ||[[चित्र:Radha-Krishna.jpg|80px|right|[[राधा]]-[[कृष्ण]], द्वारा- [[राजा रवि वर्मा]]]]आत्माभिव्यक्ति मानव की प्राकृतिक प्रवृत्ति है। अपने अंदर के भाव प्रकट किए बिना वह रह नहीं सकता और भावों का आधार होता है, मनुष्य का परिवेश। विद्वानों की मान्यता है कि आदिम काल में जब [[भाषा]] और लिपि-चिह्नों का आविर्भाव नहीं हुआ था, रेखाओं के संकेत से ही व्यक्ति स्वयं को अभिव्यक्त करता था। गुफाओं के अंदर आज जो शिलाचित्र मिलते हैं, वे ही चित्रकला के आदि प्रमाण हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[चित्रकला]] |
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| {[[मुग़ल काल]] में मंसूर कौन था? | | {[[मुग़ल काल]] में मंसूर कौन था? |