"हिन्दी सामान्य ज्ञान 12": अवतरणों में अंतर
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{जलप्लावन भारतीय इतिहास की ऐसी प्राचीन घटना है, जिसको आधार बनाकर [[छायावादी युग]] में एक [[महाकाव्य]] लिखा गया। उसका नाम है- | {जलप्लावन भारतीय इतिहास की ऐसी प्राचीन घटना है, जिसको आधार बनाकर [[छायावादी युग]] में एक [[महाकाव्य]] लिखा गया। उसका नाम है- | ||
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-[[लोकायतन -पंत|लोकायतन]] | -[[लोकायतन -सुमित्रानन्दन पंत|लोकायतन]] | ||
-[[कुरुक्षेत्र -रामधारी सिंह दिनकर|कुरुक्षेत्र]] | -[[कुरुक्षेत्र -रामधारी सिंह दिनकर|कुरुक्षेत्र]] | ||
+[[कामायनी -प्रसाद|कामायनी]] | +[[कामायनी -जयशंकर प्रसाद|कामायनी]] | ||
-[[चिदम्बरा -सुमित्रानन्दन पंत|चिदम्बरा]] | -[[चिदम्बरा -सुमित्रानन्दन पंत|चिदम्बरा]] | ||
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-[[कुंतक]] | -[[कुंतक]] | ||
+भामह | +भामह | ||
-चिंतामणि | -[[चिंतामणि त्रिपाठी|चिंतामणि]] | ||
{'ढ़ाई आखर प्रेम के, पढ़ै सो पंडित होय॥' प्रस्तुत पंक्ति के रचयिता | {'ढ़ाई आखर प्रेम के, पढ़ै सो पंडित होय॥' प्रस्तुत पंक्ति के रचयिता कौन थे? | ||
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-[[मीराबाई]] | -[[मीराबाई]] | ||
-[[जायसी]] | -[[जायसी]] | ||
-[[तुलसीदास]] | -[[तुलसीदास]] | ||
+[[कबीर दास]] | +[[कबीर|कबीर दास]] | ||
{[[चौपाई]] के प्रत्येक चरण में मात्राएँ होती हैं | {[[चौपाई]] के प्रत्येक चरण में कितनी मात्राएँ होती हैं? | ||
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{[[भक्ति काल|भक्तिकालीन]] कवियों में एक ऐसा ख्यातिलब्ध रचनाकार भी था, जो अपने काव्य में लोकव्यापी प्रभाव वाले कर्म और लोकव्यापिनी दशाओं के वर्णन में माहिर था। वह था- | |||
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-[[जायसी]] | |||
-[[सूरदास]] | |||
+[[तुलसीदास]] | |||
-[[रविदास]] | |||
||[[चित्र:Tulsidas.jpg|150px|गोस्वामी तुलसीदास|right]] गोस्वामी तुलसीदास [1497(1532) - 1623] एक महान् कवि थे। उनका जन्म राजापुर, (वर्तमान [[बाँदा ज़िला]]) [[उत्तर प्रदेश]] में हुआ था। तुलसी का बचपन बड़े कष्टों में बीता। माता-पिता दोनों चल बसे और इन्हें भीख मांगकर अपना पेट पालना पड़ा था। इसी बीच इनका परिचय राम-भक्त साधुओं से हुआ और इन्हें ज्ञानार्जन का अनुपम अवसर मिल गया। पत्नी के व्यंग्यबाणों से विरक्त होने की लोकप्रचलित कथा को कोई प्रमाण नहीं मिलता। अपने जीवनकाल में तुलसीदास जी ने 12 ग्रन्थ लिखे और उन्हें [[संस्कृत]] विद्वान होने के साथ ही हिन्दी भाषा के प्रसिद्ध और सर्वश्रेष्ठ कवियों में एक माना जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[तुलसीदास]] | |||
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13:58, 29 अक्टूबर 2017 के समय का अवतरण
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- इस विषय से संबंधित लेख पढ़ें:- भाषा प्रांगण, हिन्दी भाषा
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