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{एक राज्य जो अपने नागरिकों को अधिकतम सामाजिक सुविधाएं प्रदान करे, कहलाता है- | {एक राज्य जो अपने नागरिकों को अधिकतम सामाजिक सुविधाएं प्रदान करे, कहलाता है- | ||
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||वह राज्य जो अपने नागरिकों को अधिकतम सामाजिक सुविधाएं प्रदान करता है, [[कल्याणकारी राज्य]] कहलाता है। डेविड मार्श अपनी पुस्तक 'द वेलफेयर स्टेट' में कल्याणकारी राज्य की विशेषता बताते हुए कहते हैं कि ऐसा राज्य अपने नागरिकों को रोज़गार, न्यूनतम आय, शिक्षा का अधिकार तथा अशक्तता की स्थिति में संरक्षण का अधिकार और सामुदायिक आश्रय प्रदान करने का प्रयास करता है। | ||वह राज्य जो अपने नागरिकों को अधिकतम सामाजिक सुविधाएं प्रदान करता है, [[कल्याणकारी राज्य]] कहलाता है। डेविड मार्श अपनी पुस्तक 'द वेलफेयर स्टेट' में कल्याणकारी राज्य की विशेषता बताते हुए कहते हैं कि ऐसा राज्य अपने नागरिकों को रोज़गार, न्यूनतम आय, शिक्षा का अधिकार तथा अशक्तता की स्थिति में संरक्षण का अधिकार और सामुदायिक आश्रय प्रदान करने का प्रयास करता है। | ||
{"हमारी राजनीतिक प्रणाली में मंत्री, जो एक उच्च राजनीतिक पद का अध्यक्ष होता है, केवल काठ की गुड़िया के समान है।" यह किसने कहा? | {"हमारी राजनीतिक प्रणाली में मंत्री, जो एक उच्च राजनीतिक पद का अध्यक्ष होता है, केवल काठ की गुड़िया के समान है।" यह किसने कहा? | ||
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-[[जार्ज बर्नार्ड शॉ]] | -[[जार्ज बर्नार्ड शॉ]] | ||
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{हेनरी डेविड थोरो का विश्वास था कि- | {हेनरी डेविड थोरो का विश्वास था कि- | ||
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-राज्य की आज्ञा को सदैव मानना चाहिए | -राज्य की आज्ञा को सदैव मानना चाहिए | ||
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||हेनरी डेविड थोरो का विश्वास था कि अंतरात्मा का आदेश राज्य के आदेश से ऊपर है। थोरो ने वर्ष 1848 में लिखे एक निबंध 'Civil Disobedience' (सविनय अवज्ञा) में यह तर्क दिया था कि जब अपनी ही सरकार अन्याय करने लगे तो जनता को उसका विरोध अवश्य करना चाहिए। | ||हेनरी डेविड थोरो का विश्वास था कि अंतरात्मा का आदेश राज्य के आदेश से ऊपर है। थोरो ने वर्ष 1848 में लिखे एक निबंध 'Civil Disobedience' (सविनय अवज्ञा) में यह तर्क दिया था कि जब अपनी ही सरकार अन्याय करने लगे तो जनता को उसका विरोध अवश्य करना चाहिए। | ||
{यथार्थवादी विचार की शास्त्रीय पुस्तक मानी जाने वाली कृति, 'पॉलिटिक्स एमंग नेशन्स' के लेखक कौन हैं? | {यथार्थवादी विचार की शास्त्रीय पुस्तक मानी जाने वाली कृति, 'पॉलिटिक्स एमंग नेशन्स' के लेखक कौन हैं? | ||
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+हेन्स मार्गेन्थाऊ | +हेन्स मार्गेन्थाऊ | ||
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||राजनीतिक यथार्थवाद का मुख्य प्रवक्ता मॉरगेन्थाऊ है। अपनी पुस्तक 'पॉलिटिक्स एमंग नेशंस' में मॉरगेन्ताऊ ने शक्ति को अंतर्राष्ट्रीय राष्ट्रनीति का केंद्र बिंदु माना है। उसकी दृष्टि में शक्ति राष्ट्रहित का ही प्रतिबिंब है। मॉरगेन्थाऊ ने यथार्थवाद को सैद्धांतिक आधार प्रदान किया है। | ||राजनीतिक यथार्थवाद का मुख्य प्रवक्ता मॉरगेन्थाऊ है। अपनी पुस्तक 'पॉलिटिक्स एमंग नेशंस' में मॉरगेन्ताऊ ने शक्ति को अंतर्राष्ट्रीय राष्ट्रनीति का केंद्र बिंदु माना है। उसकी दृष्टि में शक्ति राष्ट्रहित का ही प्रतिबिंब है। मॉरगेन्थाऊ ने यथार्थवाद को सैद्धांतिक आधार प्रदान किया है। | ||
{हमारे देश में किसी राज्य की कार्यपालिका शक्ति का कौन प्रधान होता है? | {हमारे देश में किसी राज्य की कार्यपालिका शक्ति का कौन प्रधान होता है? | ||
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-[[मुख्यमंत्री]] | -[[मुख्यमंत्री]] |
11:11, 3 नवम्बर 2017 के समय का अवतरण
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