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| <quiz display=simple> | | <quiz display=simple> |
| {बीज के विकास पर नई नीति कब अपनाई व लागू की गयी थी? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-69,प्रश्न-106
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| |type="()"}
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| -[[1 अप्रैल]], [[1995]]
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| -1 अप्रैल, [[1967]]
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| -1 अक्टूबर, [[1998]]
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| +[[1 अक्टूबर]], [[1988]]
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| {फोरेट का व्यापारिक नाम क्या है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-73,प्रश्न-21
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| |type="()"}
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| +टेमिक
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| -थायोडान
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| -फोरटॉक्स
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| -मेटासिस्टॉक्स
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| ||टेमिक-फोरेट, इन्डो सल्फान-थायोडान, फोरेट-थिमेट, मेटासिस्टाक्स-मेटासिस्टाक्स
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| {म्यूरेट ऑफ़ पोटाश है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-78,प्रश्न-101
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| |type="()"}
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| -K2SO4
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| +KCI
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| -K2HPO4
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| -KNO3
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| {प्रकाश श्वसन किसके द्वारा रूक जाता है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-82,प्रश्न-31
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| |type="()"}
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| -2, 4 डाइनाट्रोफिनाल
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| +CMU तथा DCMU
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| -a- हाइड्रॉक्सी सल्फोनेट्स
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| -इनमें से कोई नहीं
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| ||प्रकाश श्वसन, अप्रकाशिक श्वसन से भिन्न तरीके से ऑक्सीजन सुग्राही है। प्रकाश श्वसन की O2 के लिए बहुत कम बंधुता है और यह अत्यधिक ऑक्सीजन सान्द्रता पर संतृप्त हो जाता है। जिन पौधों में C4 चक्र होता है उनमें प्रकाश श्वसन नहीं होगा।
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| {कृषि वृद्धि दर में पशुपालन का कितना योगदान है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-75,प्रश्न-61
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| |type="()"}
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| -10%
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| -12%-15%
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| +7%-9%
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| -5%
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| ||सन् 2010 के अनुसार के अनुसार कृषि वृद्धि में पशुपालन को योगदान 7% से 9% तक है।
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| {[[धान]]की जल भराव में किस खाद को नहीं डालना चाहिए? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-83,प्रश्न-42
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| |type="()"}
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| -अमोनियम क्लोराइड
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| +यूरिया
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| -सोडियम नाइट्रेट
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| -इनमें से कोई नहीं
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| ||[[धान]]की जल भराव की स्थिति में यूरिया खाद नहीं डालना चाहिए क्योंकि यूरिया खाद लीचिंग द्वारा नीचे चली जाती है। सोडियम नाइट्रेट क्षारीय उर्वरक है। अमोनियम क्लोराइड अम्लीय प्रकृति का उर्वरक है।
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| {वानस्पतिक रूप से अनन्नास का फल है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-87,प्रश्न-101
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| |type="()"}
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| -लखनऊ में
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| -बेरी
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| -ब्लूस्टार
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| +सोरोसिस
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| {आलू के मोजैल रोग का कारण है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-33,प्रश्न-37
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| |type="()"}
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| +विषाणु
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| -फफूँदी
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| -बैक्टीरिया
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| -इनमें से कोई नहीं
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| ||आलू के ओजैक रोग विषाणुओ द्वारा फैलते हैं। इस रोग में पहले पत्तियों पर नसें-सी उभरती हैं और बाद में पीली पड़ जाती है और आकार छोटा हो जाता है तथा रोगयुक्त पौधों में आलू भी छोटे लगते हैं। यह विषाणु प्राय: एफिड (माहू) द्वारा फैलते हैं।
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| {निम्नलिखित में कौन-सा असत्य है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-41,प्रश्न-32
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| |type="()"}
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| तत्त्व की कमी सूचक पौधा
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| 1.नाइट्रोजन (N) फूलगोभी
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| 2.फॉस्फोरस (P) राई/सरसो
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| 3.पोटाश (K) आलू
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| 4.कैल्सियम (Ca) चुकंदर
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| ||फूलगोभी, पत्तागोभी के पौधे कैल्सियमसूचक हैं, जबकि सोडियम तथा मैंगनीज के लिए सूचक पौधा चुकन्दर है।
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| {सबसे अधिक विषैले तत्त्व प्रतिदिन किस शहर में घुलते है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-48,प्रश्न-36
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| |type="()"}
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| -दिल्ली में
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| -मुम्बई में
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| +कोलकाता में
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| -चेन्नई में
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| {पशु-आहार की मात्रा निर्भर करती है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-69,प्रश्न-107
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| |type="()"}
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| -पशु की लम्बाई पर
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| -पशु की नस्ल पर
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| -पशु की ऊँचाई पर
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| +पशु के भार पर
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| ||पशु के भार के अनुसार जी पशु-आहार की मात्रा निश्चित करते हैं।
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| {स्प्रेयर्स को प्रयोग करने को पहले साफ करते हैं? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-73,प्रश्न-22
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| |type="()"}
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| -1% क्लोरीन जल से
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| +1% हाइड्रोक्लीन अम्ल से
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| -1% अमोनिया अम्ल से
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| -1% ब्रोमीन जल में
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| {मृदा में वायुमण्डलीय नाइट्रोजन का स्थिरीकरण एजोटोबैक्टर करते हैं, (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-78,प्रश्न-102
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| |type="()"}
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| -सहजीवी प्रक्रम द्वारा
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| +असहजीवी प्रक्रम द्वारा
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| -उपर्युक्त दोनों
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| -इनमें से कोई नहीं
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| ||राइजोबियम बैक्टीरिया सहजीवी प्रक्रम द्वारा नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करते हैं, जबकि एजोटोबेक्टर असहजीवी प्रक्रम द्वारा नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करते है।
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| {ग्लाइकोलिसिस की क्रिया केवल होती है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-82,प्रश्न-32
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| |type="()"}
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| -ऑक्सीजन की उपस्थिति में
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| -ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में
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| +उपर्युक्त दोनों
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| -उपर्युक्त में से कोई नहीं
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| ||ग्लाइकोलिसिस की क्रिया ऑक्सीजन की उपस्थिति एवं ऑक्सीजन की अनुपस्थिति दोनों ही दशाओं में होती है। ऑक्सीजन की उपस्थिति में अन्तिम उत्पाद कार्बन डाइ-ऑक्साइड तथा पानी होते हैं। और इसकी अनुपस्थिति में इथाइल ऐल्कोहॉल तथा कार्बन डाइ-ऑक्साइड होते हैं।
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| {भारत में 30 गायों की दुग्धशाला पर प्रतिदिन कुल कितने दैनिक श्रमिक लगते हैं? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-75,प्रश्न-62
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| |type="()"}
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| -8
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| +6
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| -14
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| -10
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| ||वर्ष 2010 के अनुसार, 30 गायों की दुग्धशाला पर कम-से-कम 6 दैनिक श्रमिकों का होना अनिर्वार्य है।
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| {निम्न फसल चक्रों में कौन-सा फसल मृदा-पोषण के स्तर को बढ़ाता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-83,प्रश्न-43
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| |type="()"}
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| -ज्वार-गेहूँ
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| +धान-गेहूँ
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| -बाजरा-गेहूँ
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| -मूँगफली-गेहूँ
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| ||मूँगफली और गेहूँ फसल चक्र मृदा-पोषण स्तर को बढ़ता है। क्योंकि मूँगफली वायु-मंडल से नाइट्रोजन को जमीन के अंदर स्थिर करती है जिसे गेहूँ की बुआई करने से गेहूँ उस नाइट्रोजन का उपयोग कर लेता है।
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| {[[धान]]के आधारीय बीज के लिए पृथक्करण दूरी है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-87,प्रश्न-102
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| |type="()"}
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| -30 मीटर
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| -50 मीटर
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| -35 मीटर
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| +3 मीटर
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| {फाइटोफ्थोरा इन्फेस्टैन्स के कारण होने वाली बीमारी को चिन्हित कीजिये। (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-33,प्रश्न-38
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| |type="()"}
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| -आलू का अगेती झुलसा
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| +आलू का पछेती झुलसा
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| -बाजरे का अरगट
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| -अरहर का उखटा
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| ||आलू का पछेती झुलसा रोग फाइटोफ्थोरा इन्फेस्टैन्स नामक फंगस के कारण लगता है। इस रोग में पत्तियों की नसों, तनों और डण्ठलों पर भूरे रंग के धब्बे उभर आते हैं जो बाद में काले हो जाते हैं और पौधे का पूरा भाग सड़-गल जाते है। रोकथाम में देरी होने पर आलू के कन्द भी गलने लगते है।
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| {ढाल के विपरीत मृदा कटाव को रोकने वाली तथा मृदा कटाव (मृदा क्षरण) को बढ़ाने वाली फसलों की पट्टियों में खेती करना कहलाता है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-41,प्रश्न-33
| |
| |type="()"}
| |
| -कंजरवेशन क्रॉपिंग
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| -कंटूर क्रॉपिंग
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| -ले फार्मिंग
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| +कन्टूर स्ट्रिप क्रॉपिग
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| ||ढाल के विपरीत मृदा कताव को रोकने वाली तथा वढ़ाने वाली फसलों की पट्टियों में खेती करना 'कन्टूर स्थिप क्रॉपिंग' कहलाती है।
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| {भारत में यूरो-2 कोर्ट के आदेशानुसार कब लागू हुआ? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-48,प्रश्न-37
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| |type="()"}
| |
| -अप्रैल, 2000 में
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| -अप्रैल, 2001 में
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| -अप्रैल, 2002 में
| |
| +अप्रैल, 2003 में
| |
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| |
|
| |
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| {पौधे का भार कम हो जाता है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-69,प्रश्न-108
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| |type="()"}
| |
| -प्रकाश-संश्लेषण में
| |
| -उत्स्वेदन में
| |
| -श्वसन में
| |
| +उपर्युक्त सभी में
| |
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| {सायनोगैस पम्प है एक- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-73,प्रश्न-23
| |
| |type="()"}
| |
| -डस्टर
| |
| +फ्यूमीगेटर
| |
| -स्प्रेयर
| |
| -इमल्सीफायर
| |
|
| |
| {आयरन पायराइट्स का रासायनिक सूत्र है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-78,प्रश्न-103
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| |type="()"}
| |
| -FeSO4
| |
| -FeS
| |
| +FeSO
| |
| -Fe2 (SO4)3
| |
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| |
| {किस अमीनों एसिड में सल्फर पाया जाता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-82,प्रश्न-33
| |
| |type="()"}
| |
| +सिस्टीन
| |
| -वेलीन
| |
| -आईसोलूसिन
| |
| -इनमें से कोई नहीं
| |
| ||सल्फर का अवशोषक मृदा से सल्फेर आयनों के रूप में होता है। यह सिस्टीन, सिस्टाइन तथा मेथियोनाइन जैसे सल्फरयुक्त अमीनो अम्ल के निर्माण में भाग लेता है। इसके अतिरिक्त सल्फर युक्त विटामिन, जैसे बायोटीन, थायमिन तथा सह- एन्जाइम के संश्लेषण में सल्फर की जरूरत होती है।
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| {भारत में प्रत्येक व्यक्ति के लिए प्रतिदिन कितना दुग्ध उपलब्ध है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-76,प्रश्न-63
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| |type="()"}
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| -229 ग्राम
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| -239 ग्राम
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| -219 ग्राम
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| +246 ग्राम
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| ||भारत में प्रत्येक व्यक्ति के लिए दुग्ध प्राप्ति 250 ग्राम है। दुग्ध उत्पादन में भारत का विश्व में अग्रणी स्थान है। पंजाव राज्य का दुग्ध उत्पादन में विश्व में अग्रणी स्थान है। पंजाब राज्य दुग्ध प्राप्ति में पहले स्थान पर हैं।
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| {बूँद सिंचाई किन क्षेत्रों में लाभदायक है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-83,प्रश्न-44
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| |type="()"}
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| +सूखा क्षेत्र में
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| -नमी क्षेत्र में
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| -उच्च वर्षा क्षेत्र में
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| -इनमें से कोई नहीं
| |
| ||बूँद सिंचाए सूखा क्षेत्रों में अधिक लाभकारी होती है। साथ-ही-साथ ऊँचे नीचे स्थानों पर भी यह विधि लाभकारी होती है। इस विधि के द्वारा फसलों ही जड़ में पानी दिया जाता है, जिससे पानी की हानि बहुत कम होती है। इसमें 50-70% जल की बचत होती है।
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|
| |
| {पपीते की गाइनोडायोसिस प्रजाति से उत्पन्न होते है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-87,प्रश्न-103
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| |type="()"}
| |
| -केवल नर पौधे
| |
| -केवल मादा पौधे
| |
| +मादा और उभयसिंगी पौधे
| |
| -नर और उभयलिंगी पौधे
| |
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| |
| {गेरुई रोग होता है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-33,प्रश्न-39
| |
| |type="()"}
| |
| -बीज द्वारा
| |
| -बैक्टीरिया द्वारा
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| +फफूँदी द्वारा
| |
| -विषाणु द्वारा
| |
|
| |
| {भारतीय सब्जी अनुसं[[धान]]संस्थान स्थित है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-41,प्रश्न-34
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| |type="()"}
| |
| +वाराणसी में
| |
| -कोच्चि में
| |
| -मुम्बई में
| |
| -जयपुर में
| |
| ||भारतीय सब्जी अनुसं[[धान]]संस्थान (IIVR) वाराणसी, (उत्तर प्रदेश) में स्थित है।
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| |
| {सागौन पाया जाता है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-48,प्रश्न-38
| |
| |type="()"}
| |
| +भूमध्यरेखीय वनों में
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| -मानसूनी वनों में
| |
| -ज्वारीय वनों में
| |
| -शुष्क वनों में
| |
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| |
|
| |
|
| |
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| |
| {'National Reserch Centre for Integrated Pest Management' (NRC-IPM) कहाँ पर स्थित है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-69,प्रश्न-109
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| |type="()"}
| |
| -दिल्ली
| |
| -गुड़गाँव
| |
| +फरीदाबाद
| |
| -बंगलुरु
| |
|
| |
| {आयरिश अकाल का मुख्य कारण था- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-73,प्रश्न-24
| |
| |type="()"}
| |
| +पछेती ब्लाइट रोग
| |
| -बैक्टीरियल ब्लाइट रोग
| |
| -ब्लास्ट रोग
| |
| -इयर कोकेल रोग
| |
| ||आयरिस अकाल का मुख्य कारण लेट ब्लाइट ऑफ़ पैडी था, जिससे पश्चिमी बंगाल में [[धान]]की सारी फसल नष्ट हो गयी थी।
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| |
| {रॉक फास्फेट का प्रयोग करते हैं- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-78,प्रश्न-104
| |
| |type="()"}
| |
| -लवणीय मृदा में
| |
| -क्षारीय मृदा में
| |
| +अम्लीय मृदा में
| |
| -उदासीन मृदा में
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| ||रॉक फॉस्फेट एक क्षारीय उर्वरक है जिसके कारण इसका प्रयोग अम्लीय मृदा में किया जाता है।
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| {एक स्वस्थ वयस्क मनुष्य को रोजाना अपने में CHO लेना चाहिए- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-82,प्रश्न-34
| |
| |type="()"}
| |
| -100-200 ग्राम
| |
| +400-500 ग्राम
| |
| -700-900 ग्राम
| |
| -इनमें से कोई नहीं
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| ||एक स्वस्थ मनुष्य को रोजाना अपने भोजन में CHO-400-500 ग्राम लेना चाहिए तथा प्रोटीन की मात्रा 55 ग्राम अवश्य होनी चाहिए।
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| |
| {भारत में अण्डे उत्पादन के क्षेत्र में विश्व में किस स्थान पर है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-76,प्रश्न-64
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| |type="()"}
| |
| -प्रथम
| |
| -द्वितीय
| |
| -तीसरे
| |
| +चौथे
| |
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| |
| {निम्न में कौन-सी संयुक्त खाद है?(कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-83,प्रश्न-45
| |
| |type="()"}
| |
| -अमोनियम सल्फेट नाइट्रेट
| |
| -कैल्सियम अमोनियम नाइट्रेट
| |
| -सिंगल सुपरफॉस्फेट
| |
| +अमोनियम फॉस्फेट
| |
| ||अमोनियम फॉस्फेट एक संयुक्त खाद है। इसमें 46% फॉस्फोरस तथा 20% नाइट्रोजन पायी जाती है। इस खाद का प्रयोग क्षारीय मृदाओं में किया जाता है।
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|
| |
| {फाइलोडी रोग का वाहक है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-87,प्रश्न-104
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| |type="()"}
| |
| -थ्रिप्स
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| +जैसिड
| |
| -सफेद मक्खी
| |
| -माइट
| |
| ||फाइलोडी-जैसिड, लीफ फर्ल डिजीज ऑफ चिली-सफेद मक्खी, खैरा रोग-जिंक की कमी
| |
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| {पर्यावरणीय प्रदूषण होता है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-33,प्रश्न-40
| |
| |type="()"}
| |
| -O3 से
| |
| +CO से
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| -CO2 से
| |
| -N2 से
| |
| ||कार्बन मोनो-ऑक्साइड (CO), सल्फर डाइ-ऑक्साइड (SO2), नाइट्रोजन के ऑक्साइड, कार्बन डाइ-ऑक्साइड (CO2), हाइड्रोकार्बन आदि गैसे पर्यावरण को प्रदूषित करती है।
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| |
| {आलू को खेत व भंडारण दोनों में हानि पहुचाने वाला कीट है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-41,प्रश्न-35
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| |type="()"}
| |
| +आलू का शलभ
| |
| -कटुवा कीट
| |
| -फुदका
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| -इपीलेक्ना भृंग
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| ||आलू का शलभ नामक कीड़ा आलू को खेत से लेकर भण्डारगृह तक हानि पहुँचाता है। इसकी सूंड़ियाँ कंद के अंदर जाकर उसे खाती हैं, जिससे आलू खोखले होकर सड़ने लगते हैं।
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|
| |
| {वनों के प्रबन्धन एवं रख-रखाव का विज्ञान है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-48,प्रश्न-39
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| |type="()"}
| |
| -पीसीकल्चर
| |
| +सिल्वीकल्चर
| |
| -सेरीकल्चर
| |
| -एपीकल्चर
| |
| ||वनों के संरक्षण एवं सम्वर्द्धन से सम्बन्धित स्तर पर की जाने वाली कृषि को 'सिल्वीकल्चर' कहते हैं। मछली-पालन की व्यापारिक स्तर पर की जाने वाली कृषि को 'पीसी कल्चर' कहते हैं। मधुमक्खी-पालन को 'एपीकल्चर' कहते हैं। रेशम कीट पालने को 'सेरीकल्चर' कहते हैं।
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| |
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| {निम्न पादप पोषकों में से कौन रोग और कीट-पीड़कों के प्रतिरोध बढ़ाने में उपयोगी है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-69,प्रश्न-110
| |
| |type="()"}
| |
| -कैल्सियम
| |
| -फॉस्फोरस
| |
| -नाइट्रोजन
| |
| +पोटैशियम
| |
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| {एक समय में बीज एवं खाद की बुआई एक साथ करने बाला यंत्र है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-73,प्रश्न-25 | | {एक लड़का 10 कि.मी./घंटे की औसत गति पर स्कूल पहुँचने के लिए 30 मिनट लेता है। यदि उसे 15 मिनट में स्कूल पहुँचना है, तो उसकी औसत गति क्या होनी चाहिए? |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -सीडड्रिल
| | +20 |
| -डिबलर | | -30 |
| -हल के पीछे बीज बोना | | -25 |
| +फर्टी-कम सीडड्रिल
| | -40 |
| ||फर्टी-कम सीडड्रिल द्वारा केवल बीज की बुआई की जाती है तथा डिबलर द्वारा 75 सेमी लम्बे बने खूँटी की मदद से बुआई की जाती है।
| |
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| |
|
| {अंत: शिराओं में क्लोरोसिस किसकी कमी से होती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-78,प्रश्न-105 | | {500 [[सेब|सेबों]] में से 25% सड़े हुए हैं। तो कुल कितने सेब ठीक है? |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -N | | -300 |
| -Mg | | -400 |
| -S | | -350 |
| +Fe | | +375 |
| ||अंत:शिराओं में क्लोरोसिस आयरन की कमी से होती है। मैग्नीशियम की कमी से शिराएँ पीली हो जाती हैं। नाइट्रोजन की कमी से पौधों हरिमा हीन आ जाती है।
| |
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| {पशु-मांस एक अच्छा स्त्रोत है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-82,प्रश्न-35 | | {एक व्यक्ति ने अपनी सम्पत्ति का 1/4 भाग अपनी पुत्री को, 1/3 अपने पुत्र को दिया और 1/6 दान कर दिया। इस प्रकार उसने कुल कितना भाग दे दिया? |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -सीएचओ का | | -2/4 |
| +प्रोटीन का | | +3/4 |
| -विटामिन का | | -2/5 |
| -हरित लवक का | | -3/5 |
| ||पशु-मांस प्रोटीन का अच्छा स्त्रोत माना जाता है। अनाज कार्बोहाइड का प्रमुख स्त्रोत है। विटामिन फलों से प्राप्त होती है और वसा का मुख्य स्त्रोत घी है तथा खनिज लवणों का मुख्य स्त्रोत हरी सब्जियाँ होती हैं।
| |
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| {100 ग्राम अण्डे से कितने कैलोरी ऊर्जा प्राप्त होती है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-76,प्रश्न-65 | | {किसी संख्या का 50% मिलने के लिए उसको कितने से गुणा किया जाना चाहिए? |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -175 कैलोरी | | +1/2 |
| -180 कैलोरी | | -2/5 |
| +160 कैलोरी
| | -2/3 |
| -130 कैलोरी | | -1/3 |
| ||100 ग्राम अण्डे से 163 कैलोरी ऊर्जा प्राप्त होती है तथा 100 ग्राम मुर्गी के मांस से 200 कैलोरी ऊर्जा प्राप्त होती है।
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|
| {एस.आर.आई. तकनीक प्रयोग की जाती है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-83,प्रश्न-46 | | {कोई धन सरल ब्याज पर 10 वर्षों में दो गना हो जाता। वह धन कितने वर्ष में चार गुना हो जाएगा? |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| +[[धान]]में
| | -25 |
| -गेहूँ में | | +30 |
| -मक्का में
| | -35 |
| -मूँगफली में | | -40 |
| ||एस.आए.आई. तकनीक का प्रयोग [[धान]]में किया जाता है। यह धान की पौध उगाने की विधि है। इसमें 8-11 दिन में पौध तैयार हो जाती है।
| |
|
| |
|
| {कृषि लागत एवं मूल्य आयोग निर्धारित करता है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-87,प्रश्न-105
| |
| |type="()"}
| |
| -फुटकर मूल्य
| |
| +समर्थन मूल्य
| |
| -थोक मूल्य
| |
| -इनमें से कोई नहीं
| |
| ||कृषि लागत एवं मूल्य आयोग द्वारा समर्थन मूल्य का निर्धारण किया जाता है, जबकि इसे लागू करने का काम सरकार करती है।
| |
|
| |
| {अरहर में प्रति हेक्टेयर नाइट्रोजन कितना डालते है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-33,प्रश्न-41
| |
| |type="()"}
| |
| +15-20 किग्रा
| |
| -45-60 किग्रा
| |
| -35-45 किग्रा
| |
| -60-75 किग्रा
| |
| ||अरहर के पौधे स्वयं ही अपनी नाइट्रोजन की जरूरत की अपनी जड़ों में पाई जाने वाली ग्रंथियों में उपस्थित राइजोबियम जीवाणुओं की मदद से वातावरण की नाइट्रोजन को लेकर पूरा कर सकते लेते है। प्रारम्भ में जब तक कि राइजोबियम जीवाणुओं का कार्य तेज गति से शुरू नहीं हो जाता है, पौधों को भूमि से ही नाइट्रोजन लेनी होती हैं। अत: कमजोर व बलुई भूमियों में जिनमें जीवांश की मात्रा कम हो, प्रति हेक्टेयर करीब 15-20 किलोग्राम नाइट्रोजन डालना जरूरी होता है।
| |
|
| |
| {गेहूँ में 'इयर कॉकिल बीमारी' होती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-41,प्रश्न-36
| |
| |type="()"}
| |
| -जीवाणु से
| |
| +सूत्रकृमि से
| |
| -फफूँदी से
| |
| -वायरस से
| |
| ||गेहूँ में 'इयर कॉकिल' रोग-एग्वीना ट्रिटिसाई नेमेटोड (सूत्रकृमि) के द्वारा लगता है।
| |
|
| |
| {'चिपको' आंदोलन सम्बंधित है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-48,प्रश्न-40
| |
| |type="()"}
| |
| -जल की रक्षा से
| |
| +वृक्ष की रक्षा से
| |
| -प्राचीन स्मारकों की रक्षा से
| |
| -वन्य-जीव की रक्षा से
| |
|
| |
|
| |
|
| |
|
| |
| {'Seed Plot Technique' अपनाई जाती है। (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-69,प्रश्न-111
| |
| |type="()"}
| |
| -गेहूँ में
| |
| -धान में
| |
| +आलू में
| |
| -बाजरा में
| |
|
| |
| {'प्रसार' शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग हुआ था- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-73,प्रश्न-26
| |
| |type="()"}
| |
| -यू.के. में
| |
| +यू.एस.ए. में
| |
| -भारत में
| |
| -फ्रांस में
| |
|
| |
| {किन्नों संकर प्रजाति है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-78,प्रश्न-106
| |
| |type="()"}
| |
| -नींबू की
| |
| -नारंगी की
| |
| +मैन्ड्रिन की
| |
| -लेमन की
| |
|
| |
| {सुखड़ी (हड्डी कमजोर) रोग किसकी कमी से होता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-82,प्रश्न-36
| |
| |type="()"}
| |
| -विटामिन C
| |
| -विटामिन A
| |
| +विटामिन D
| |
| -विटामिन E
| |
| ||विटामिनC- स्कर्वी रोग, विटामिनA- रतौंधी रोग, विटामिनD- रिकेट्स रोग, विटामिनE- बांध्यारोग
| |
|
| |
| {जलप्रिय प्रजाति है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-76,प्रश्न-66
| |
| |type="()"}
| |
| -मक्का की
| |
| -ज्वार की
| |
| +धान की
| |
| -जौ की
| |
| ||मक्का-प्रोटीन शक्ति, ज्वार-C&U 1,2,4,6, धान-जलप्रिया
| |
|
| |
| {टी.पी.एस. का प्रयोग आलू में किया जाता है। इस विधि में 100-150 ग्राम बीज प्रति हैक्टेयर काफी होता है। और इसका प्रयोग करने से उत्पादन भी ज्यादा होता है। (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-83,प्रश्न-47
| |
| |type="()"}
| |
| -टमाटर से
| |
| +आलू से
| |
| -गन्ना से
| |
| -इन सभी में
| |
| ||टी.पी.एस. का प्रयोग आलू में किया जाता है। इस विधि में 100-150 ग्राम बीज प्रति हैक्टेयर काफी होता है। और इसका प्रयोग करने से उत्पादन भी ज्यादा होता है।
| |
|
| |
| {मक्का-आलू-तम्बाकू की सस्य अघनता 300% होती है। (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-87,प्रश्न-106
| |
| |type="()"}
| |
| -200%
| |
| -100%
| |
| +300%
| |
| -इनमें से कोई नहीं
| |
|
| |
| {गन्ने में चीनी का कितना प्रतिशत पायी जाती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-33,प्रश्न-42
| |
| |type="()"}
| |
| -7-8%
| |
| +9-10%
| |
| -13-14%
| |
| -11-12%
| |
|
| |
| {भारत में इन्सेक्टीसाइड अधिनियम किस वर्ष पास हुआ था? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-41,प्रश्न-37
| |
| |type="()"}
| |
| -1970 में
| |
| -1971 में
| |
| +1968 में
| |
| -1962 में
| |
| ||भारत में कीटनाशी अधिनियम (इन्सेक्टीसाइड ऐक्ट) वर्ष 1968 में पास हुआ था तथा इसे वर्ष 1972 में लागू किया गया।
| |
|
| |
| {धान के बंका कीट की रोकथाम के लिए प्रति हेक्टेयर दस प्रतिशत बी.एच.सी. चूर्ण के कितने किलोग्राम कीटनाशी की आवश्यकता होती हैं? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-48,प्रश्न-42
| |
| |type="()"}
| |
| +25 किग्रा
| |
| -10 किग्रा
| |
| -20 किग्रा
| |
| -15 किग्रा
| |
| ||धान का बंका या पत्ती लपेटने वाले कीट की रोकथाम के लिए बी.एच.सी. 10% धूलि का 25 से 30 किग्रा प्रति हेक्टेयर बुरकना चाहिए।
| |
|
| |
|
| |
|
| |
|
| |
| {मैदानी क्षेत्रों में चुकंदर की खेती की जाती है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-70,प्रश्न-112
| |
| |type="()"}
| |
| -खरीफ में
| |
| +रबी में
| |
| -जायद में
| |
| -इनमें से कोई नहीं
| |
|
| |
| {भारत में प्रथम कृषि विज्ञान केन्द्र की स्थापना हुई थी- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-73,प्रश्न-27
| |
| |type="()"}
| |
| -मुम्बई में
| |
| -पोर्ट ब्लेयर में
| |
| +पुदुचेरी में
| |
| -फ्रांस में
| |
| ||भारत में लगभग 500 से अधिक कृषि विज्ञान केन्द्र बन चुके है। सर्वप्रथम कृषि विज्ञान केंद्र की स्थापना पुदुचेरी में की गयी थी।
| |
|
| |
| {फल एवं सब्जियों का संरक्षण करने हेतु स्थायी संरक्षक मिलाया जाता है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-78,प्रश्न-107
| |
| |type="()"}
| |
| -सोडियम क्लोराइड
| |
| +पोटैशियम मेटाबाइसल्फेट
| |
| -पोटैशियम सल्फेट
| |
| -शर्करा
| |
| ||फल एवं सब्जियों के संरक्षण के लिए पोटैशियम मेटाबाइसल्फेट का प्रयोग किया जाता है तथा कभी-कभी शर्करा का प्रयोग भी किया जाता है।
| |
|
| |
| {निम्न में ग्लिसराइड कौन है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-82,प्रश्न-37
| |
| |type="()"}
| |
| +नारियल तेल
| |
| -मिट्टी का तेल
| |
| -प्रमुख तेल
| |
| -केटेचोल
| |
|
| |
| {गन्ना+आलू की सहफल प्रणाली है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-76,प्रश्न-67
| |
| |type="()"}
| |
| +शरदकालीन ऋतु की
| |
| -जायद ऋतु की
| |
| -वसंतकालीन ऋतु की
| |
| -वर्षाकालीन ऋतु की
| |
| ||आलू+ गन्ना की सहफसली पद्धति को सिनरजेनिक पद्धति कहते हैं। इसमें गन्ना और आलू का उत्पादन शुद्ध फसल की तुलना में अधिक होता है। इसे सर्दी के मौसम में उगाया जाता है।
| |
|
| |
| {भारत में गेहूँ का जीन बैंक कहाँ स्थित है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-83,प्रश्न-48
| |
| |type="()"}
| |
| -आई.ए.आर.आई, नई दिली
| |
| +करनाल में
| |
| -लुधियाना में
| |
| -कानपुर में
| |
| ||नई दिल्ली-मक्का का जीन, करनाल-गेहूँ, लुधियाना-मक्का कीट-पतंगों के नियन्त्रण के लिए, कानपुर-भारतीय दलहन अनुसंधान केन्द्र
| |
|
| |
| {गुलाबी कीट शत्रु है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-87,प्रश्न-107
| |
| |type="()"}
| |
| -सरसों का
| |
| +कपास का
| |
| -भिण्डी का
| |
| -चना का
| |
| ||गुलाबी कीट-कपास, आरा मक्खी-सरसों, फल मक्खी-भिण्डी, घाड बोरर-चना
| |
|
| |
| {धान के पुआल में नाइट्रोजन कितना पाया जाता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-33,प्रश्न-43
| |
| |type="()"}
| |
| +0.36%
| |
| -0.75%
| |
| -0.85%
| |
| -1.00%
| |
|
| |
| {निम्न में कौन-सा सही समुलित है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-41,प्रश्न-38
| |
| |type="()"}
| |
| -अरहर-जाग्रति
| |
| -उर्द-पंद उर्द-35
| |
| +मूँग-राधे
| |
| -मटर-रचना
| |
| ||'राधे' चने की किस्म है।
| |
|
| |
| {धूल किस माह में कम गिरती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-48,प्रश्न-43
| |
| |type="()"}
| |
| +जुलाई में
| |
| -नवम्बर में
| |
| -मई में
| |
| -जून में
| |
|
| |
|
| |
|
| |
|
| |
|
| |
| {'मलिका (Malika-'K-75') किस फसल की प्रजाति है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-70,प्रश्न-113
| |
| |type="()"}
| |
| -चना
| |
| -मटर
| |
| +मसूर
| |
| -अलसी
| |
| ||'राधे K-468' चने की प्रजाति है, 'मालिका K-75' मसूर की प्रजाति है तथा K-2, लक्ष्मी-27, जवाहर-18 अलसी की प्रजातियाँ हैं।
| |
|
| |
| {अल्बर्ट मेयर का नाम सम्बद्ध है-(कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-73,प्रश्न-29
| |
| |type="()"}
| |
| -नीलखेती विकास परियोजना से
| |
| -फिरका विकास परियोजना से
| |
| +इटावा अग्रगामी परियोजना से
| |
| -श्री निकेतन परियोजना से
| |
|
| |
| {फूलगोभी में व्हिप टेल रोग किसकी कमी से फैलता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-78,प्रश्न-108
| |
| |type="()"}
| |
| -नाइट्रोजन
| |
| -बोरॉन
| |
| +मॉलिब्डेनम
| |
| -जिंक
| |
| ||फूलगोभी में मॉलिब्डेनम की कमी से व्हिप टेल रोग लगता है। नाइट्रोजन की कमी से वटनिंग रोग लगता है तथा बोरॉन की कमी से हॉलो स्टैम्ब नामक रोग लगता है।
| |
|
| |
| {हरित क्रांति मुख्यत: सफल रही- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-83,प्रश्न-39
| |
| |type="()"}
| |
| -धान के लिए
| |
| +गेहूँ के लिए
| |
| -मक्का के लिए
| |
| -चना के लिए
| |
| ||हरित क्रांति की शुरुआत भारत में वर्ष 1965-1966 में हुई। भारत में हरित क्रांति का सबसे अधिक लाभ गेहूँ की फसल को हुआ। हरित क्रांति के जन्मदाता N.E. वोरलॉग थे, परंतु भारत में हरित क्रांति के जन्म दाता एम.एस. स्वामीनाथन हैं।
| |
|
| |
| {प्रति हैक्टेयर आलू के लिए बीज दर है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-76,प्रश्न-68
| |
| |type="()"}
| |
| +25 कुन्तल/हैक्टेयर
| |
| -10 कुन्तल/हैक्टेयर
| |
| -15 कुन्तल/हैक्टेयर
| |
| -40 कुन्तल/हैक्टेयर
| |
| ||आलू के बीच के लिए 2.5-3 सेमी व्यास के केंद्र उपयुक्त होते हैं। एक हैक्टेयर बुआई के लिए लगभग 20-25 क्विंटल बीज की जरूरत होती है।
| |
|
| |
| {अलैगिक प्रजनन सम्बंधित है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-83,प्रश्न-49
| |
| |type="()"}
| |
| -परनिषेचन से
| |
| -स्वनिषेचन से
| |
| +असंगजनन से
| |
| -संगजनन से
| |
| ||इस विधि में पौधों का असंगजनन जड़, तना तथा पत्ती के द्वारा होता है। अर्थात् पौधों के वानस्पतिक भाग द्वारा किया जाता है।
| |
|
| |
| {थर्मोफिलिक जीवाणुओं की वृद्धि किस तापमान पर अधिक होती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-87,प्रश्न-108
| |
| |type="()"}
| |
| -5डिग्री C- 7डिग्री C
| |
| -10 डिग्री C- 20डिग्री C
| |
| -20डिग्री C- 40 डिग्री C
| |
| +50 डिग्री C- 60 डिग्री C
| |
|
| |
| {कौन-सा फल उष्ण कटिबन्ध से सम्बंधित है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-33,प्रश्न-44
| |
| |type="()"}
| |
| -नींबू
| |
| -लीची
| |
| +आम
| |
| -सेब
| |
| ||आम,केला,पपीता,अनन्नास,कटहल,चीकू या सपोटा आदि उष्ण कटिबन्ध फल है।
| |
|
| |
| {कृष्ण एक प्रजाति है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-41,प्रश्न-40
| |
| |type="()"}
| |
| -तोरिया की
| |
| +राई की
| |
| -पीली सरसों की
| |
| -भूरी सरसों की
| |
|
| |
| {धान की फसल में हिस्सा की रोकथाम के लिए इण्डोसल्फान 35 ई.सी. की कितने लीटर मात्रा को पानी में मिलाकर छिड़काव किया जाना चाहिए? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-48,प्रश्न-41
| |
| |type="()"}
| |
| +1लीटर
| |
| -2लीटर
| |
| -3 लीटार
| |
| -1.5 लीटर
| |
| ||धान की खेती में हिस्सा की रोकथाम के लिए इण्डोसल्फान 35 ई.सी. का 1.25 लीटर या इण्डोसल्फान 50 ई.सी. की 1.00 लीटर मात्रा पानी में घोलकर छिड़काव करें।
| |
|
| |
|
| |
|
| |
|
| |
| {एक हैक्टेयर गन्ने की बुआई के लिए तीन आँखों वाले गन्ने के टुकड़ों की आवश्यकता होगी- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-70,प्रश्न-114
| |
| |type="()"}
| |
| -20,000-25,000
| |
| +30,000-35,000
| |
| -40,000-50,000
| |
| -60,000-75,000
| |
|
| |
| {भारत में सहकारी साख समितियों का अधिनियम पारित हुआ था- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-73,प्रश्न-30
| |
| |type="()"}
| |
| -1902 में
| |
| +1904 में
| |
| -1906 में
| |
| -1912 में
| |
| ||भारत में सहकारी आन्दोलन एफ. निकल्सन द्वारा सन् 1904 में आरम्भ किया गया, जो व्यक्तिगत वित्त पर आधारित था।
| |
|
| |
| {'एग्रीकल्चर' शब्द किस भाषा से लिया गया है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-78,प्रश्न-109
| |
| |type="()"}
| |
| -ग्रीक
| |
| +लैटिन
| |
| -अरबी
| |
| -फ्रेंच
| |
|
| |
| {भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् द्वारा वर्गीकृत सस्य मौसम और पारिस्थिति की जोन की संख्या क्रमश: है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-83,प्रश्न-40
| |
| |type="()"}
| |
| -8,131
| |
| -131,8
| |
| +15,131
| |
| -21,15
| |
| ||भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् द्वारा वर्गीकृत सस्य मौसम और परिस्थिति की जो संस्था क्रमश: 21,15 है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् ने यह वर्गीकरण जल की अधिकता, जल की न्यूनता तथा सर प्रणाली की दृष्टि से किया है।
| |
|
| |
| {कैल्सियम की कमी के लक्षण पौधों पर सर्वप्रथम दिखाई पड़ते हैं- 69
| |
| |type="()"}
| |
| -निचली पत्तियों पर
| |
| -बीच की पत्तियों पर
| |
| +अंत की पत्तियों पर
| |
| -सभी पत्तियों पर
| |
| ||कैल्शियम की कमी के अक्षण सबसे पहले पौधे की अंत की पत्तियों पर दिखाई पड़ते हैं क्योंकि कैल्शियम एक इममोवाई तत्त्व है।
| |
|
| |
| {स्वपरागण सम्बंधित है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-83,प्रश्न-50
| |
| |type="()"}
| |
| -परनिषेचन से
| |
| -भिन्नकाल पक्वता से
| |
| +स्वनिषेचन से
| |
| -स्वअनिषेच्य उभयलिंगिता से
| |
| ||स्वनिषेचन, स्वपरागण से सम्बन्धित है। भिन्न कालपक्वता में नर या मादा भाग में से किसी भाग का पहले परिपक्व हो जाना भिन्न कालपक्वता कहलाता है।
| |
|
| |
| {एच.टी.एस.टी. पास्चुरीकरण विधि में एम.ट्यूबरक्लोसिस जीवाणु को मारने के लिए सूचक के रूप में प्रयोग किया जाता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-87,प्रश्न-109
| |
| |type="()"}
| |
| -एस. लैक्टिस
| |
| -एस. थर्मोफिलस
| |
| -बी. सबटिलिस
| |
| +एम. ट्यूबरक्लोसिस
| |
| ||एच.टी.एस.टी. पाश्चुरीकरण विधि में एम.ट्यूबरक्लोसिस जीवाणु को मारने के लिए सूचक के रूप में प्रयोग किया जाता है। एस. लैक्टिस का प्रयोग दूध दही बनाने में होता है।
| |
|
| |
| {सेब के पौधे कितनी दूरी पर उगाये जाते हैं? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-33,प्रश्न-45
| |
| |type="()"}
| |
| +6-7 मी
| |
| -10-11 मी
| |
| -11-12 मी
| |
| -12-13 मी
| |
|
| |
| {'वी'-नोच का प्रयोग किसको मापने में होता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-41,प्रश्न-41
| |
| |type="()"}
| |
| -मृदा जल-विभव
| |
| -मृदा लवणता
| |
| +आयरन
| |
| -ऐलुमिनियम
| |
|
| |
| {मैदानी भागों में वनों का हिस्सा है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-48,प्रश्न-44
| |
| |type="()"}
| |
| -5%
| |
| -6%
| |
| +7%
| |
| -8%
| |
|
| |
|
| |
|
| |
|
| |
| {आलू की बुआई '50cm x 20cm' पौध ज्यामिति से करने पर उनकी संख्या होगी- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-70,प्रश्न-115
| |
| |type="()"}
| |
| -50,000 hill/ha
| |
| +1,00,000 hill/ha
| |
| -1,25,000 hill/ha
| |
| -1,50,000 hill/ha
| |
|
| |
| {दूग्ध दुहने की सर्वोत्तम विधि है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-73,प्रश्न-31
| |
| |type="()"}
| |
| -नकलिंग विधि
| |
| +फिस्टिंग विधि
| |
| -स्ट्रिपिंग विधि
| |
| -इनमें से कोई नहीं
| |
| ||दूध दूहने की सबसे उत्तम विधि 'फिस्टिंग विधि' है। नकलिंग विधि तथा स्ट्रिप विधि से पशुओं की दुहाई करने से इनमें थनैला रोग हो जाता है।
| |
|
| |
| {मोथा किस परिवार से सम्बन्धित है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-78,प्रश्न-110
| |
| |type="()"}
| |
| -क्रूसीफेरी
| |
| -टिलीएसी
| |
| +साइप्रेसी
| |
| -ग्रेमिनेसी
| |
|
| |
| {विपणन योग्य फसल उपज और वाष्पीकरण में उपयोग हुए जल के अनुपात को कहते हैं- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-83,प्रश्न-41
| |
| |type="()"}
| |
| +जल उपयोग क्षमता
| |
| -पूर्ण उपयोग क्षमता
| |
| -क्षेत्र जल उपयोग क्षमता
| |
| -आर्थिक सिंचाई क्षमता
| |
| ||विपणन योग्य फसल और वाष्पीकरण में उपयोग हुए जल के अनुपात को जल उपयोग क्षमता कहते हैं
| |
| W.E.=Y-E
| |
|
| |
| {कौन-सा तृणनाशक गेहूँ के चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों को मारने के लिए प्रयोग किया गया है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-76,प्रश्न-70
| |
| |type="()"}
| |
| -2, 4 डी.एस.एस.
| |
| -2,4,5 टी
| |
| +2, 4- डी.वी.
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| -इनमें से कोई नहीं
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| {पेनिसिलीन प्रभाव डालता है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-83,प्रश्न-51
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| |type="()"}
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| +कोशिका भित्ति पर
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| -कोशिका झिल्ली पर
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| -आर.एन.ए. पर
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| -इनमें से कोई नहीं
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| {मादा मैंगो लीफ हॉपर्स अपने अंडे कहाँ देती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-87,प्रश्न-110
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| |type="()"}
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| -पत्ती की ऊपरी सतह पर
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| +पत्ती की निचली सतह पर
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| -पत्ती की मध्य शिरा के अंदर
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| -पत्ती के किनारे के ऊतकों के अंदर
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| ||मादा मैंगो लीफ हॉपर पत्ती की निचली सतह पर अपने अंडे देती है। यह कीट आम के पौधों को बहुत नुकसान पहुँचाता है। यह कीट अपने साथ स्टाइकेट सीट छोड़ता है, जिससे उसके ऊपर कवक की वृद्धि हो जाती है।
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| {बाग में दीमक से बचाव हेतु प्रयोग किया जाता है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-33,प्रश्न-45
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| |type="()"}
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| -अण्डी खली
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| -महुआ खली
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| -सरसों खली
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| +नीम खली
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| ||बागान में दीपक द्वारा होने वाले नुकसान से बचने के लिए नीम की खली अधिक लाभप्रद होती है।
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| {मृदा में किस तत्त्व की मात्रा सर्वाधिक होती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-41,प्रश्न-42
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| |type="()"}
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| +ऑक्सीजन
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| -सिलीकॉन
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| -आयरन
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| -ऐलुमिनियम
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| {एस्कार्बिक एसिड की कमी से होने वाला रोग है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-48,प्रश्न-45
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| |type="()"}
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| -ऑस्टीमलेरिया
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| -एन्थेक्स
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| -जीरोफ्थेलमिया
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| +स्कर्वी
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| </quiz> | | </quiz> |
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