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+द्वंद्वात्मक पद्धति
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-इनमें से कोई नहीं
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||हेगेल और [[कार्ल मार्क्स|मार्क्स]] ने वाद, प्रतिवाद और संवाद की द्वंद्वात्मक पद्धति का प्रयोग किया। हेगेल विश्व का अध्ययन सदैव विकासवादी दृष्टिकोण से करता है। इस विकासवादी क्रिया को हेगेल ने द्वंद्वात्मक क्रिया (Dialectic Process) नाम दिया। इस द्वन्द्ववाद शब्द की उत्पत्ति यूनानी भाषा के शब्द 'Dialego' से हुई जिसका अर्थ वाद-विवाद करना होता है और जिसके फलस्वरूप संश्लेषण अर्थात संवाद की उत्पत्ति होती है जो पहले के दोनों रूपों से भिन्न होता है। मार्क्स, हेगेल के द्वन्द्ववाद से प्रभावित था परंतु उसने हेगेल के आदर्शवाद की उपेक्षा की तथा द्वंद्वात्मक भौतिकवाद का प्रतिपादन किया। मार्क्स का भौतिक द्वंद्ववाद का सिद्धांत विकासवाद का सिद्धांत है जिसके तीन अंग वाद, प्रतिवाद और संश्लेषण या संवाद हैं। उदाहरणार्थ- यदि गेहूं के दाने पर द्वन्द्ववाद का अध्ययन करें, तो गेहूं को जमीन में गाड़ देने से उसका स्वरूप नष्ट हो जाएगा और एक अंकुरण प्रकट होगा और वह अंकुरण विकसित होकर पौधा बनेगा उसमें गेहूं के अनेक दाने लगेंगे। यदि गेहूं का बीज वाद है तो पौधा 'प्रतिवाद' जो निरंतर बढ़ता रहता है और पौधे से नये दाने का जन्म संश्लेषण है।
||हेगेल और [[कार्ल मार्क्स|मार्क्स]] ने वाद, प्रतिवाद और संवाद की द्वंद्वात्मक पद्धति का प्रयोग किया। हेगेल विश्व का अध्ययन सदैव विकासवादी दृष्टिकोण से करता है। इस विकासवादी क्रिया को हेगेल ने द्वंद्वात्मक क्रिया (Dialectic Process) नाम दिया। इस द्वन्द्ववाद शब्द की उत्पत्ति यूनानी भाषा के शब्द 'Dialego' से हुई जिसका अर्थ वाद-विवाद करना होता है और जिसके फलस्वरूप संश्लेषण अर्थात् संवाद की उत्पत्ति होती है जो पहले के दोनों रूपों से भिन्न होता है। मार्क्स, हेगेल के द्वन्द्ववाद से प्रभावित था परंतु उसने हेगेल के आदर्शवाद की उपेक्षा की तथा द्वंद्वात्मक भौतिकवाद का प्रतिपादन किया। मार्क्स का भौतिक द्वंद्ववाद का सिद्धांत विकासवाद का सिद्धांत है जिसके तीन अंग वाद, प्रतिवाद और संश्लेषण या संवाद हैं। उदाहरणार्थ- यदि गेहूं के दाने पर द्वन्द्ववाद का अध्ययन करें, तो गेहूं को जमीन में गाड़ देने से उसका स्वरूप नष्ट हो जाएगा और एक अंकुरण प्रकट होगा और वह अंकुरण विकसित होकर पौधा बनेगा उसमें गेहूं के अनेक दाने लगेंगे। यदि गेहूं का बीज वाद है तो पौधा 'प्रतिवाद' जो निरंतर बढ़ता रहता है और पौधे से नये दाने का जन्म संश्लेषण है।


{[[1936]] किसने कहा "गांधीवाद जैसी कोई चीज़ नहीं है"?
{[[1936]] किसने कहा "गांधीवाद जैसी कोई चीज़ नहीं है"?
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-एम.पी. फोलेट
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+हॉबहाउस
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||रुसो के सामान्य इच्छा को अस्पष्ट एवं अव्यावहरिक बताते हुए एल.टी. हाबहाउस ने टिप्पणी की है कि "सामान्य इच्छा के प्रति वास्तविक आपत्ति यह है कि जहां तक यह सामान्य है, यह इच्छा नहीं है और जहां तक यह इच्छा है, यह सामान्य नहीं है।" अर्थात यह या तो सामान्य है या इच्छा, यह दोनों नहीं हो सकती। वाहन ने भी रुसो पर अधिनायकवाद के पोषण का आरोप लगाते हुए कहा है कि "रुसो ने अपनी समष्टिवादी विचारधारा व्यक्ति को शून्य बना दिया है।"
||रुसो के सामान्य इच्छा को अस्पष्ट एवं अव्यावहरिक बताते हुए एल.टी. हाबहाउस ने टिप्पणी की है कि "सामान्य इच्छा के प्रति वास्तविक आपत्ति यह है कि जहां तक यह सामान्य है, यह इच्छा नहीं है और जहां तक यह इच्छा है, यह सामान्य नहीं है।" अर्थात् यह या तो सामान्य है या इच्छा, यह दोनों नहीं हो सकती। वाहन ने भी रुसो पर अधिनायकवाद के पोषण का आरोप लगाते हुए कहा है कि "रुसो ने अपनी समष्टिवादी विचारधारा व्यक्ति को शून्य बना दिया है।"
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1 निम्नलिखित विचारों में से कार्ल मार्क्स ने हीगल से कौन-सा विचार लिया था?

वर्ग-संघर्ष का सिद्धांत
अतिरिक्त मूल्य का सिद्धांत
द्वंद्वात्मक पद्धति
इनमें से कोई नहीं

2 1936 किसने कहा "गांधीवाद जैसी कोई चीज़ नहीं है"?

महात्मा गांधी
मौलाना आज़ाद
जवाहर लाल नेहरु
रविन्द्रनाथ टैगोर

3 "एक व्यवस्थापिका जो मंत्रिपरिषद के समक्ष निर्बल है तथा एक मंत्रिपरिषद जो राष्ट्रपति के समक्ष निर्बल है" किस देश की शासन व्यवस्था की विशेषता दर्शाता है?

फ़्राँस
भारत
श्रीलंका

4 "राजनीति विज्ञान के अंतर्गत राज्य तथा सरकार का अध्ययन किया जाता है", राजनीति विज्ञान की यह परिभाषा किस विचारक ने की है?

गार्नर
सीले
गेटिल
गिलक्राइस्ट

5 "सामान्य इच्छा के प्रति वास्तविक आपत्ति यह है कि जहां तक यह इच्छा है, सामान्य नहीं है तथा जहां तक यह सामान्य है, यह इच्छा नहीं"। यह किसने कहा है?

बोसांके
सर हेनरी मेन
एम.पी. फोलेट
हॉबहाउस

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