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| <quiz display=simple> | | <quiz display=simple> |
| {'संदेश रासक' के रचयिता हैं?
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| -[[अमीर ख़ुसरो]]
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| -रसनिधि
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| -रसलीन
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| +अब्दुल रहमान
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| {'[[साखी]]' के रचयिता हैं?
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| -[[रसखान]]
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| -[[सूरदास]]
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| -[[रहीम]]
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| +[[कबीरदास]]
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| || [[चित्र:Kabirdas.jpg|कबीरदास|150px|right]] कबीरदास के जन्म के संबंध में अनेक किंवदन्तियाँ हैं। कुछ लोगों के अनुसार वे गुरु [[स्वामी रामानंद|रामानन्द]] स्वामी के आशीर्वाद से [[काशी]] की एक विधवा ब्राह्मणी के गर्भ से उत्पन्न हुए थे। ब्राह्मणी उस नवजात शिशु को लहरतारा ताल के पास फेंक आयी। उसे नीरु नाम का जुलाहा अपने घर ले आया। उनकी माता का नाम 'नीमा' था। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[कबीरदास]]
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| {लोगहिं लागि कवित्त बनावत, मोहिं तौ मेरे कवित्त बनावत॥ प्रस्तुत पंक्ति के रचयिता हैं?
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| -[[केशवदास]]
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| -[[भिखारी दास]]
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| +[[घनानन्द]]
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| -[[पद्माकर]]
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| ||[[हिन्दी भाषा]] के [[रीति काल]] के कवि घनानन्द के सम्बंध में निश्चित जानकारी नहीं है। कुछ लोग इनका जन्मस्थान [[उत्तर प्रदेश]] के जनपद [[बुलन्दशहर]] को मानते हैं। इनका जन्म 1658 से 1689 ईस्वी के बीच और निधन 1739 ईस्वी (लगभग) माना जाता है। इनका निधन अब्दाली दुर्रानी द्वारा [[मथुरा]] में किये गये कत्लेआम में हुआ था। घनानन्द शृंगार धारा के कवि थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[घनानन्द]]
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| {बैर क्रोध का अचार या मुरब्बा है, यह कथन किसका है?
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| -[[भारतेन्दु हरिश्चन्द्र]]
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| -[[गजानन माधव मुक्तिबोध]]
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| +[[रामचन्द्र शुक्ल]]
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| -[[हज़ारी प्रसाद द्विवेदी]]
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| || [[चित्र:RamChandraShukla.jpg|150px|right|रामचन्द्र शुक्ल]] रामचन्द्र शुक्ल जी का जन्म [[बस्ती ज़िला|बस्ती ज़िले]] के अगोना नामक गाँव में सन् 1884 ई. में हुआ था। सन् 1888 ई. में वे अपने पिता के साथ राठ हमीरपुर गये तथा वहीं पर विद्याध्ययन प्रारम्भ किया। सन् 1892 ई. में उनके पिता की नियुक्ति मिर्ज़ापुर में सदर क़ानूनगो के रूप में हो गई और वे पिता के साथ [[मिर्ज़ापुर]] आ गये। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[रामचन्द्र शुक्ल]]
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| {[[रहीम]] द्वारा लिखित इन पंक्तियों में 'बड़े' शब्द का प्रयोग जिस रूप में हुआ है, वह है-
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| <poem>बड़े बड़ाई ना करें, बड़े न बोलें बोल।
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| रहिमन [[हीरा]] कब कहै, लाख टका मेरो मोल॥</poem>
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| -[[विशेषण]]
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| +[[संज्ञा (व्याकरण)|संज्ञा]]
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| -[[सर्वनाम]]
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| -[[क्रियाविशेषण]]
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| {कवि [[कालिदास]] की 'अभिज्ञान शाकुंतलम' का [[हिन्दी]] अनुवाद किसने किया? | | {महाकवि [[कालिदास]] की '[[अभिज्ञान शाकुंतलम्]]' का [[हिन्दी]] [[अनुवाद]] किसने किया? |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -सदासुख लाल | | -सदासुख लाल |
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| -पुरुषवाचक सर्वनाम | | -पुरुषवाचक सर्वनाम |
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| {निम्नलिखित में से कौन-सा स्त्रीलिंग में प्रयुक्त होता है- | | {निम्नलिखित में से कौन-सा [[स्त्रीलिंग]] में प्रयुक्त होता है- |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| +ऋतु | | +ऋतु |
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| प्राण है कि, प्यारी है'</poem> | | प्राण है कि, प्यारी है'</poem> |
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| -[[शृंगार रस|शृंगार]] | | -[[श्रृंगार रस|श्रृंगार]] |
| -वत्सल | | -[[वात्सल्य रस|वत्सल]] |
| +[[अद्भुत रस|अद्भुत]] | | +[[अद्भुत रस|अद्भुत]] |
| -[[शान्त रस|शान्त]] | | -[[शान्त रस|शान्त]] |
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