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'''आदिकाल''' [[हिंदी साहित्य]] का एक युग की तरह है जिसको यह नाम [[हज़ारी प्रसाद द्विवेदी|डॉ. हज़ारी प्रसाद द्विवेदी]] से मिला है। [[रामचंद्र शुक्ल|आचार्य रामचंद्र शुक्ल]] और [[विश्वनाथ प्रसाद मिश्र]] ने इसे वीर-गाथा काल माना है। इस काल की समय के आधार पर साहित्य का इतिहास लिखने वाले मिश्र बंधुओं ने इसका नाम प्रारंभिक काल किया और आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी ने बीजवपन काल। | '''आदिकाल''' [[हिंदी साहित्य]] का एक युग की तरह है जिसको यह नाम [[हज़ारी प्रसाद द्विवेदी|डॉ. हज़ारी प्रसाद द्विवेदी]] से मिला है। [[रामचंद्र शुक्ल|आचार्य रामचंद्र शुक्ल]] और [[विश्वनाथ प्रसाद मिश्र]] ने इसे वीर-गाथा काल माना है। इस काल की समय के आधार पर साहित्य का इतिहास लिखने वाले मिश्र बंधुओं ने इसका नाम प्रारंभिक काल किया और आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी ने बीजवपन काल। | ||
06:24, 2 दिसम्बर 2017 के समय का अवतरण
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आदिकाल हिंदी साहित्य का एक युग की तरह है जिसको यह नाम डॉ. हज़ारी प्रसाद द्विवेदी से मिला है। आचार्य रामचंद्र शुक्ल और विश्वनाथ प्रसाद मिश्र ने इसे वीर-गाथा काल माना है। इस काल की समय के आधार पर साहित्य का इतिहास लिखने वाले मिश्र बंधुओं ने इसका नाम प्रारंभिक काल किया और आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी ने बीजवपन काल।
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